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siwan#गन्ने का रस और संत जी के दर्द भरे सपने - श्रीनारद मीडिया

siwan#गन्ने का रस और संत जी के दर्द भरे सपने

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बिहार में एकलौता हाईटेक मशीन वाली गन्ना रस और संत जी के दर्द भरे सपने 

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सीवान के रघुनाथपुर में दोपहर का समय क्षेत्र से काम को निपटाने के बाद स्टेट बैंक के ठीक सामने हाइवे किनारे एक नई तकनीक से लैस मशीन पर लोगों को जूस पीते हुए देखा करता था। आज वही जा पहुंचा।स्पेशल मशीन का तरीका देख मेरे जैसे गांव से जुड़ा शख्स थोड़ा अचकचाता जरूर है। •••एक स्टिकर पर लिखा था 10 रुपए ग्लास। दिल को फिर भी सहमत नहीं कर पा रहा था।
फिर तो पहले तराश मिटाया। और टटोलने लगा उस मशीन और मालिक का संबंध। परते जो खुलने लगी ।मानो गन्ने के जूस ने उस कर्म गाथा को नश नश मे दौड़ाना शुरू कर दिया हो।

•••बगल के सुल्तानपुर पुर से हूं। मुझे लोग संत जी के नाम से पुकारते हैं। गाजियाबाद में एक शापिंग मॉल में यही काम करता था। पर परिवार को पालने में बचत नहीं हो पाता था। सो मैंने इस काम को गांव पर करने की ठान ली। चुकी गांव में ईख भी पर्याप्त मिल जाता है।गांव की डेढ़ बिगहा जमीन को बंधक रख। हैदराबाद से इस मशीन को लाखों के खर्च में लेकर आया। यह मशीन देश के कुछ ही प्रमुख शहरों में है।

फिलहाल राज्य में भी नहीं है।खुद के सात कठा खेत में गन्ना लगा चुका हूं। सात महीने से कारोबार चल रहा है। गांव का बाजार होने से कुछ दिनों तक लोग समझ नहीं पाए। आखिर कौन सी चीज है। कुछ दिनों तक लोग फल का जूस तक मांगने आ जाते थे। चुकी गन्ना का कटिंग कुलींग सिस्टम में रहता है और पेराई के बाद इससे जुड़े कुडेदान में चला जाता था

मैं समझ चुका था तरकीब बदलनी होगी। चेफुआ दिखेगा तभी बिकेगाकुडेदान को अलग कर चेफुआ निचे गिराना शुरू कर दिया। ग्राहकों का आना शुरू हो गया था। व्यवसाय चल पडी ।
संत जी तीन भाई में मझले है । ब्रहामण परिवार से ताल्लुक रखने वाले संत जी की पारिवारिक कहानी का दर्द पिता का बचपन में साया छुट जाने से शुरू हो गया था। अपने दो भाइयों को विदेश भेजने और परिवार को हिम्मत प्रदान करने के लिए जी तोड मेहनत की।
हालांकि पिता आज भी है पर उनकी दुनिया इस परिवार से दूर तलक जा पहुंचा है संत जी बताते हुए फिर भी खुश थे •••• कहना था पिता जी की मजबूरी थी ,उनके जीवन को बचाएं रखने के लिए उस वक्त वह भी जरूरी था। ••दुख होता है पर •••उनके उस भाव को समझ बात को मोड देना उचित था।

संत जी का नेचुरल जूस वह भी सौ रुपए किलो वाले नमक और पुदीना निम्बू का मिश्रण •••• एक दम ठंडा ठंडा वाकई में बहुत ही खास और मजेदार लगा।चलते चलते पुछ लिया संत जी ऐसे कर्म वाले लोगों के कुछ सपने जरूर होते हैं ••• मुस्कुराते हुए बोल उठे बेटी को आईएस अधिकारी बनना है।
वास्तव मे बहुत बड़ी ताकत दिखी उनके इस कर्म यात्रा में।
भले ही मैट्रिक पास नहीं कर पाया। तमाम झंझावात आई। सब कुछ सम्हाला। इस संत ने पर कर्म पर भरोसा रहे तो सपने पुरा होने में भगवान भी नहीं रोक सकते।
इस सड़क से गुजरने वाले हर शख्स को जो नसीब का रोना रोते हैं ऐसे फुटपाथी रोजगार को लेकर भी हिन भावना से ग्रस्त हैं।
उन्हें एक बार संत जी का गन्ना जूस जरुर पीना चाहिए।

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