सीवान के खान सर हैं गणेश दत्त पाठक

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सोशल मीडिया के जरिए हिंदी माध्यम के हजारों छात्रों के मार्गदर्शन और मोटिवेशन कर रहे हैं पाठक सर

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

इंटरनेट पर पटना के प्रख्यात खान सर को कौन नहीं जानता? इंटरनेट पर जटिल से जटिल विषय को हिंदी में बेहद आसानी से समझाने के लिए खान सर विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। हमारे सीवान में भी एक खान सर हैं। वे भी सोशल मीडिया के जरिए हिंदी माध्यम के छात्रों के प्रोत्साहन और मार्गदर्शन में जुटे हुए हैं। उनका नाम गणेश दत्त पाठक हैं, जिन्हें पाठक सर भी कहा जाता है। वे वर्तमान में सीवान के अयोध्यापुरी में रहते हैं और मूल रूप से जीरादेई प्रखंड के जामापुर गांव के रहने वाले हैं। हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए उनका सहयोग बेहद लाभदायक होता है। हिंदी दिवस के अवसर पर ऐसे विभूतियों का योगदान स्मरणीय है।

सोशल मीडिया पर पोस्ट से हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों का निरंतर मार्गदर्शन

प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए पाठक सर का मार्गदर्शन बेहद सहज अंदाज में निरंतर अंतराल पर उनके फेसबुक पेज ‘ पाठक सर की सलाह’ के माध्यम से निः शुल्क मिलता रहता है। वे बेहद सरल अंदाज में अभ्यर्थियों का कुशल मार्गदर्शन करने में सिद्धहस्त माने जाते हैं। परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित जटिल प्रश्नों को वे बेहद सहज अंदाज में सुलझाते हैं।

महामारी के दौरान निः शुल्क हेल्पलाइन से छात्रों को किया था मोटिवेट

कोरोना महामारी के दौरान कई हिंदी माध्यम के छात्र नियमित पढ़ाई में व्यवधान आने से अवसाद में आ गए थे। उन छात्रों के लिए पाठक सर ने निः शुल्क हेल्पलाइन से उनको सलाह देकर उनको मोटिवेट किया था और उन्हें पुनः उत्साहित कर अपने लक्ष्यों के प्रति प्रेरित किया था।

जब निराश अभ्यर्थियों में जगाई थी आशा की किरण

बात 2020 की हैं। सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी माध्यम से मात्र 11 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। हिंदी माध्यम के अभ्यर्थी दहशत में आ गए। कई अभ्यर्थी माध्यम बदलने की सोचने लगे। सिविल सेवा परीक्षा देने के दौरान माध्यम का बदलना एक बेहद गलत फैसला होता। पाठक सर ने हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों की पीड़ा को समझा और सोशल मीडिया पर एक बड़ा अभियान छेड़ा, जिसमें बताया गया कि उत्तर की गुणवत्ता विशेष मायने रखती है न कि माध्यम। सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी माध्यम से सफल कई प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इस अभियान में हिस्सा लिया था। नतीजा यह हुआ कि हिंदी माध्यम के कई अभ्यर्थियों का कैरियर तबाह होने से बच गया। इस तरह पाठक सर समय समय पर अपने कुशल मार्गदर्शन से हजारों हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों को लाभान्वित करते रहते हैं।

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