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गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल की विशेष जरूरत - श्रीनारद मीडिया

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल की विशेष जरूरत

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल की विशेष जरूरत

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आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की हुई गोदभराई:
महिला पर्यवेक्षिकाओं एवम् आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया पोषण का महत्व:

श्रीनारद मीडिया, मधेपुरा, (बिहार):


राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत जिले के आंगनबाड़ी केद्रों पर सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कार्यक्रम का आयोजन गत सोमवार किया गया। प्रत्येक माह के सात तारीख को प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई की रस्म का आयोजन किया जाता है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मो कबीर ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार लेने से न सिर्फ महिलाएं स्वस्थ रहती हैं , बल्कि गर्भस्थ बच्चे का भी सर्वांगीण विकास होता है। 6 माह से 2 वर्ष तक के बच्चों को मां का दूध पिलाना चाहिए। इससे उनका शारीरिक विकास होता और उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि भी होती है।

एलएस एवं आंगनबाड़ी सेविका ने बताया गोदभराई का उद्देश्य:
राष्ट्रीय पोषण मिशन की जिला समन्वयक, अंशु कुमारी ने बताया कि सोमवार को आयोजित गोदभराई कार्यक्रम में सभी प्रखंडों की महिला पर्यवेक्षिकाओं एवम् आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका व सहायिकाओं ने ना सिर्फ गोदभराई के रस्म को पूरा किया बल्कि गर्भवती महिलाओं को इसके उद्देश्य को समझाती भी दिखीं। वे महिलाओं को बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल की विशेष जरूरत होती है। आंगनबाड़ी केंद्र पर लाभुकों को बताया कि गोदभराई का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के दिनों में बेहतर पोषण की जरूरत के बारे में गर्भवती महिलाओं को अवगत कराना है। माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने लाने के लिए गर्भवती के साथ परिवार के लोगों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देना चाहिए।

बेहतर पोषण एक स्वस्थ बच्चे के जन्म में सहायक:
बेहतर पोषण एक स्वस्थ बच्चे के जन्म में सहायक होने के साथ गर्भवती महिलाओं में मातृ मृत्यु दर में कमी भी लाता है। गर्भ के दौरान शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा का होना जरूरी होता है। इसके लिए समेकित बाल विकास योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को मासिक पौष्टिक आहार वितरित किया जाता है। हरी साग-सब्जी, सतरंगी फल, दाल, सूखे मेवे एवं दूध के सेवन से आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति आसानी से की जा सकती है।

लाल चुनरी ओढाकर की गई गोदभराई:
गर्भवती महिलाओं को लाल चुनरी ओढाकर एवं माथे पर लाल टीका लगाकर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। प्रखंड क्षेत्र के सभी 139 आंगनबाड़ी केंद्र संख्या पर उत्सव पूर्वक गोद भराई का आयोजन हुआ। इसमें सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका एवम् सहायिका शामिल हुईं।

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