16 दिसम्बर ? परमवीर चक्र सम्मानित सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के बलिदान दिवस  पर विशेष

16 दिसम्बर  ः  परमवीर चक्र सम्मानित सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के बलिदान दिवस  पर विशेष

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया‚ सेंट्रल डेस्कः

16 दिसंबर, 1971 का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। इसी दिन पाकिस्तानी सेना ने भारत के आगे घुटने टेक दिए थे। युद्ध भारत ने जीता क्योंकि भारत के पास अरुण खेत्रपाल जैसे वीर सैनिक थे, जिनकी वजह से यह जीत मुमकिन हो पाई। भारतीय सेना के सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल ऐसे योद्धा थे, जिन्होंने भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

16 दिसंबर, 1971 के दिन सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल दुश्मन के इलाके में अकेले रह गए थे। तभी सामने से 14 पाकिस्तानी टैंकों की स्क्वाड्रन ने हमला बोल दिया। अरुण अकेले ही उनसे भिड़ गए। दुश्मन के इलाके में अकेले लोहा ले रहे अरुण को वापस आने का हुक्म दिया लेकिन अरुण ने कहा कि मेरे टैंक की बंदूक अभी काम कर रही है, मैं दुश्मनों को गिराकर ही आऊंगा।

यह कहने के बाद उन्होंने अपना रेडियो सेट ऑफ कर दिया जबरदस्त वीरता दिखाते हुए कई पाकिस्तानी टैंक धराशायी कर दिए। लेकिन 100 मीटर की दूरी पर बचे आखिरी टैंक का एक गोला सीधे उनके टैंक से जा टकराया और वह शहीद हो गए।

यह भी पढ़े
एकता के सूत्रधार की साहसपूर्ण धरोहर: सरदार पटेल को श्रद्धांजलि—अर्जुन राम मेघवाल.

राइमा सेन के तस्वीर ने मचाया इंटरनेट पर तहलका.

दस साल पुराने डीजल के सभी वाहनों का पंजीकरण दिल्ली सरकार कर रही रद,क्यों?

निर्भया कांड से क्यों कांप उठा था देश?

यू-ट्यूब से कैसे होती है कमाई और इसके लिए क्या है नियम-शर्तें.

Leave a Reply

error: Content is protected !!