Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
बटुकेश्वर दत्त के जन्मदिवस  पर विशेष - श्रीनारद मीडिया

बटुकेश्वर दत्त के जन्मदिवस  पर विशेष

बटुकेश्वर दत्त के जन्मदिवस  पर विशेष

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

जन्म- 18 नवम्बर, 1910;
मृत्यु- 20 जुलाई, 1965

भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों में से एक थे। देश ने सबसे पहले 8 अप्रैल, 1929 को उन्हें उस समय जाना, जब वे भगतसिंह के साथ केंद्रीय विधान सभा में बम विस्फोट के बाद गिरफ्तार किए गए। उन्होंने आगरा में स्वतंत्रता आंदोलन को संगठित करने में उल्लेखनीय कार्य किया था। सन 1924 में कानपुर में बटुकेश्वर दत्त की भगतसिंह से भेंट हुई थी। इसके बाद उन्होंने ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ के लिए कानपुर में कार्य करना प्रारंभ किया और इसी क्रम में बम बनाना भी सीखा।

परिचय: बटुकेश्वर दत्त का जन्म 18 नवम्बर, 1910 को बंगाली कायस्थ परिवार में ग्राम-औरी, ज़िला-नानी बेदवान (बंगाल) में हुआ था। उनका बचपन अपने जन्म स्थान के अतिरिक्त बंगाल प्रांत के वर्धमान ज़िला अंतर्गत खण्डा और मौसु में बीता। बटुकेश्वर दत्त का पैत्रिक गाँव बंगाल के ‘बर्दवान ज़िले’ में था, पर पिता ‘गोष्ठ बिहारी दत्त’ कानपुर में नौकरी करते थे। बटुकेश्वर की स्नातक स्तरीय शिक्षा पी.पी.एन. कॉलेज, कानपुर में सम्पन्न हुई। उन्होंने 1924 में मैट्रिक की परीक्षा पास की और तभी माता व पिता दोनों का देहान्त हो गया।

इसी समय वे सरदार भगतसिंह और चन्द्रशेखर आज़ाद के सम्पर्क में आए और क्रान्तिकारी संगठन ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसियेशन’ के सदस्य बन गए। सुखदेव और राजगुरु के साथ भी उन्होंने विभिन्न स्थानों पर काम किया। इसी क्रम में बम बनाना भी सीखा। आज़ादी के बाद नवम्बर, 1947 में अंजली दत्त से शादी करने के बाद बटुकेश्वर दत्त पटना में रहने लगे थे। उनको अपना सदस्य बनाने का गौरव ‘बिहार विधान परिषद’ ने 1963 में प्राप्त किया था।

यह भी पढ़े

बसंतपुर प्रखंड के जिला परिषद पद से रेणु यादव विजयी, किसकों कितना मिला मत, पढ़े खबर

बसंतपुर प्रखंड के आठ पंचायतों में कौन कहां से बीडीसी के पद पर जीता, किसकों कितना मिला मत, पढ़े खबर

बसंतपुर प्रखंड के आठ पंचायतों में कौन कहां से सरपंच पद पर जीता, किसकों कितना मिला मत, पढ़े खबर

Leave a Reply

error: Content is protected !!