मकर संक्रांति पर सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन, देश-विदेश में 75 लाख लोग हुए शामिल.

मकर संक्रांति पर सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन, देश-विदेश में 75 लाख लोग हुए शामिल.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मकर संक्रांति के मौके पर वैश्विक सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश-विदेश से करीब 75 लाख लोगों ने हिस्सा लिया। आयुष मंत्रालय द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन कई देशों में किया गया था।

आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी आज सुबह सूर्य नमस्कार किया। सोनोवाल ने कहा कि मकर संक्रांति के अवसर पर हमने सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में देश-विदेश से करीब 75 लाख लोग शामिल हुए।

सोनोवाल ने बुधवार को वर्चुअल प्रेस वार्ता में कहा कि यह एक सिद्ध तथ्य है कि सूर्य नमस्कार जीवन शक्ति और इम्यूनिटी का निर्माण करता है, इसीलिए कोरोना को दूर रखने में ये सक्षम है। सोनोवाल ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने इस कार्यक्रम को पीएम नरेंद्र मोदी की निर्देश और मार्गदर्शन में आयोजित किया है।

क्या है सूर्य नमस्कार?

सूर्य नमस्कार एक तरह का व्यायाम है। इस व्यायाम से पूरे शरीर को लाभ मिलता है। सूर्य नमस्कार के अभ्यास से फेफड़ों के अंदर शुद्ध हवा का पर्याप्त मात्रा में प्रवेश होता है। इस व्यायाम से रोग तो दूर भागते ही हैं साथ ही चेहरे पर एक अलग ही चमक आने लगती है। शरीर मजबूत और सुडौल होने लगता है। सूर्य नमस्कार के 12 चरण का रोजाना अभ्यास करने से दिमाग सक्रिय और एकाग्र बनता है।

‘सूर्य नमस्कार’ का शाब्दिक अर्थ सूर्य को अर्पण या नमस्कार करना है। यह योग आसन शरीर को सही आकार देने और मन को शांत व स्वस्थ रखने का उत्तम तरीका है।

सूर्य नमस्कार १२ शक्तिशाली योग आसनों का एक समन्वय है, जो एक उत्तम कार्डियो-वॅस्क्युलर व्यायाम भी है और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। सूर्य नमस्कार मन वह शरीर दोनों को तंदुरुस्त रखता है।

यदि आपके पास समय की कमी है, और आप चुस्त दुरुस्त रहने का कोई नुस्ख़ा ढूँढ रहे हैं, तो सूर्य नमस्कार उसका सबसे अच्छा विकल्प है।

सूर्य नमस्ार प्रातःकाल खाली पेट करना उचित होता है। आइए अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार के इन सरल और प्रभावी आसनों को आरंभ करें।

प्रत्येक सूर्य नमस्कार के चरण में १२ आसनों के दो क्रम होते हैं। १२ योग आसन सूर्य नमस्कार का एक क्रम पूर्ण करते हैं। सूर्य नमस्कार के एक चरण के दूसरे क्रम में योग आसनों का वो ही क्रम दोहराना होता है, अपितु केवल दाहिने पैर के स्थान पर बाएँ पैर का प्रयोग करना होगा (नीचे चौथे और नवें पद में इसका विवरण दिया गया है)। सूर्य नमस्कार के विभिन्न प्रारूप पाए जाते हैं, हालाँकि बेहतर यही है कि किसी एक ही प्रारूप का अनुसरण करें और उसी के नियमित अभ्यास से उत्तम परिणाम पाएँ।

अच्छे स्वास्थ्य के अतिरिक्त सूर्य नमस्कार धरती पर जीवन के संरक्षण के लिए हमें सूर्य के प्रति आभार प्रकट करने का अवसर भी देता है। अगले 10 दिनों के लिए अपना दिन, मन में सूर्य की ऊर्जा के प्रति आभार और कृपा का भाव रखकर प्रारंभ करें।

१२ सूर्य नमस्कार और दूसरे योग आसनों (Yoga asana) को करने पश्चात योग निद्रा में पूर्ण विश्राम अवश्य करें। आप पाएँगे कि यह आपके चुस्त दुरुस्त, प्रसन्न और शांत रहने का मंत्र बन गया है; एक मंत्र जिस का प्रभाव दिन भर आप के साथ रहेगा I सूर्य नमस्कार — एक पूर्ण यौगिक व्यायाम

  1. प्रणाम आसन | Prayer pose
  2. हस्तउत्तानासन | Hastauttanasana (Raised Arms pose)
  3. हस्तपाद आसन | Hasta Padasana (Hand to Foot pose)
  4. अश्व संचालन आसन | Ashwa Sanchalanasana (Equestrian pose)
  5. पर्वत आसन | Parvatasana (Mountain pose)
  6. अष्टांग नमस्कार | Ashtanga Namaskara (Salute With Eight Parts Or Points)
  7. भुजंग आसन |Bhujangasana (Cobra pose)
  8. पर्वत आसन | Parvatasana (Mountain pose)
  9. अश्वसंचालन आसन | Ashwa Sanchalanasana (Equestrian pose)
  10. हस्तपाद आसन | Hasta Padasana (Hand to Foot pose)
  11. हस्तउत्थान आसन | Hastauttanasana (Raised Arms pose)
  12. प्रणाम आसन | Prayer pose.

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