श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में बच्चों को पिलाया स्वर्णप्राशन
बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अमृत है बूंद
श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा
श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा आयुर्वेदिक अस्पताल में शनिवार को स्वर्णप्राशन संस्कार शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 18 साल आयु तक के 250 से अधिक बच्चों को स्वर्णप्राशन की बूंदें पिलाई गई, जिसका उद्देश्य बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता, बुद्धि, स्मरण शक्ति एवं संपूर्ण विकास को बढ़ाना है।
कौमारभृत्य विभाग के चेयरमैन प्रो. वैद्य शंभू दयाल शर्मा ने बताया कि कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान के मार्गदर्शन में हर पुष्य नक्षत्र के दिन विश्वविद्यालय के आयुर्वेद अस्पताल परिसर में कैंप लगाया जाता है,जिसमें अनुभवी वैद्यों की देखरेख में स्वर्णप्राशन संस्कार विधि पूर्वक किया जाता है।
स्वर्णप्राशन बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है: वैद्य कटारिया।
प्रो. वैद्य अमित कटारिया ने बच्चों के अभिभावकों को स्वर्णप्राशन के लाभों के बारे में जागरूक किया और बताया कि हर पुष्य नक्षत्र के दिन यह संस्कार बच्चों के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। प्रो. कटारिया ने बताया कि स्वर्णप्राशन बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। स्मरण शक्ति व बुद्धि विकास में सहायता करता है। यही नहीं, बार-बार बीमार पड़ने वाले बच्चों को स्वास्थ्य लाभ देता है।
क्या है स्वर्णप्राशन
स्वर्णप्राशन एक आयुर्वेदिक विधि है जिसमें शुद्ध स्वर्ण भस्म, घृत (घी), मधु और कुछ औषधियों के मिश्रण को विशेष विधि से तैयार कर बच्चों को दिया जाता है। यह परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में कारगर मानी जाती है।
पुष्य नक्षत्र पर 31 मई को लगेगा कैंप: डॉ. चौधरी।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र चौधरी ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वे आगामी पुष्य नक्षत्र 31 मई को पर आयोजित होने वाले स्वर्णप्राशन संस्कार शिविर में भाग लेकर अपने बच्चों को इस प्राचीन, सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक संस्कार का लाभ दिलाएं।
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