क्या शराब बिहार सरकार के गले की हड्डी बन गई है?

क्या शराब बिहार सरकार के गले की हड्डी बन गई है? समाज ने अपने कर्तव्य से च्युत होकर विरोध करना छोड़ दिया है बिचौलिए के माध्यम से समाज समझौता वाली जीवन जीने को अभ्यस्त हो गई है जहरीली शराब पीकर मर जाना हमारे समाज का अमनुष्यता के युग में प्रवेश कर जाना है ✍️ राजेश…

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