वर्ष प्रतिपदा कालगणना के आधार पर मनाई जाती है

वर्ष प्रतिपदा कालगणना के आधार पर मनाई जाती है श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क स्वस्ति न इन्द्रो वृद्श्र्वा: स्वस्ति न: पूषा विश्ववेदा:।  स्वस्ति नस्ताक्श्र्यो अरिष्टनेमि: स्वस्ति नो बृहस्पतिरदधातु।। उक्त मन्त्र में खगोल स्थित क्रान्तिव्रत के समान चार भाग के परिधि पर समान दूरी वाले चार बिन्दुओं पर पड़ने वाले नक्षत्रों क्रमशः इंद्र, पूषा ताक्षर्य एवं बृहस्पति…

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