उस समय गंगा-यमुना की तहजीब कहाँ चला गई थी?
उस समय गंगा-यमुना की तहजीब कहाँ चला गई थी? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क “चुप रहो तुम…आखिर इंसानियत भी कोई चीज़ होती है..!!” रामनाथ कौल गुस्से में चीख पड़े थे शन्नो की माँ पर। दबी जबान में शन्नो की माँ रामरती ने कहा,”तुम कुछ भी कहो जी, पर आसार ठीक नहीं लग रहे…! कल ही रामबाग…