Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
तकनीकी शिक्षा वर्तमान दौर की जरुरत-मौलाना ओवैदुल्लाह नदवी - श्रीनारद मीडिया

तकनीकी शिक्षा वर्तमान दौर की जरुरत-मौलाना ओवैदुल्लाह नदवी

तकनीकी शिक्षा वर्तमान दौर की जरुरत-मौलाना ओवैदुल्लाह नदवी
* जलसे में 10 छात्रों की हुई दस्तारबंदी

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):

सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड के मदरसा अनवारुल इस्लाम माधोपुर में छात्रों की दस्तारबंदी को लेकर अजीमोशान जलसे का आयोजन किया गया। इस सालाना जलसे में 10 हाफिज और आलीम डिग्रीधारी छात्रों की दस्तारबंदी की गयी। मौके पर आयोजित जलसे की अध्यक्षता मुख्य अतिथि मौलाना औवैदुल्लाह नदवी ने की। वहीं इसका निजामत शर्फुद्दीन अहमद शर्फ ने किया। मौके पर ‘वर्तमान दौर में शिक्षा की स्थिति’ विषयक संगोष्ठी में वर्तमान शिक्षा की दशा और दिशा पर विस्तृत चर्चा की गयी।

इस मौके इस्लामिक स्कॉलर मौलाना औवैदुल्लाह नदवी ने अपनी तकरीर में कहा कि कुरान की तालीम के साथ अत्याधुनिक शिक्षा वक्त का तकाजा है। उन्होंने कहा कि कुरआन की तालीम मुल्क में अमनचैन, आपसी प्यार मोहब्बत और भाईचारगी का माहौल के लिए जरुरी है। उन्होंने कहा कुरान केवल मुसलमान ही नहीं पूरी दुनिया के इंसानों की रहनुमाई के लिए नाजिल हुई है।

मौलाना ने कहा कि अभी का दौर तकनीकी का दौर है।ऐसे में हमारी तालीम तकनीकी जानकारी के बेगैर मुकम्मल नहीं हो सकती है। जबकि जलसे को खिताब करने वालों में मौलाना अबरार अहमद नदवी, मौलाना अनीसुर्रहमान नदवी, मौलाना कमरुजमा नदवी, मौलाना अशरफ नदवी, मौलाना तनवीर अहमद नदवी, इंतेखाब नदवी,अताउल्लाह नदवी आदि शामिल थे। जलसे में मो इसराफिल और मो

फुरकान को हाफिज की डिग्री हासिल करने पर दस्तारबंदी हुई। वहीं मो महताब, मो रिजवान, मो कुतैबा,मो जिशान, अतैशमुल हक, रेयाजुर्रहमान,बरकतुल्लाह और मो अकील अहमद की दस्तारबंदी आलिम के लिए हुई। मदरसा के सचिव मिर्जा अली अख्तर, अध्यक्ष प्रो तारीक सूजा, इरतिजा इमाम, सनाउल्लाह, समी अहमद,गुफरान हसन,मो शाहिद,मिर्जा औरंगजेब, बब्बू बाबू, मिर्जा शमशाद,जमालुद्दीन अहमद,शकील अहमद सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

यह भी पढ़े

उत्पाद मामले के आरोपी को पांच वर्ष की सश्रम कारावास एवम एक लाख रुपए जुर्माना

तिलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु क्या किया जा रहा है?

भारत में दिव्यांग जनों के लिये मौजूद डिजिटल पारितंत्र के साथ संबद्ध चुनौतियों क्या है?

क्या भारत में अवैध वन्यजीव व्यापार के लिये 1,203 पैंगोलिन (वज्रशल्क) का शिकार किया गया?

Leave a Reply

error: Content is protected !!