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गोरेयाकोठी प्रखंड प्रमुख की कुर्सी के लिए दावेदारी बढ़ी - श्रीनारद मीडिया

गोरेयाकोठी प्रखंड प्रमुख की कुर्सी के लिए दावेदारी बढ़ी

गोरेयाकोठी प्रखंड प्रमुख की कुर्सी के लिए दावेदारी बढ़ी

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प्रखंड प्रमुख के लिए त्रिकोणीय नहीं आमने सामने की होगी लड़ाई

सता और विपक्ष कुर्सी  पर काबिज होने के लिए कर रहे हैं ऐढ़ी चोटी प्रयास

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

सीवान जिले के गोरेयाकोठी प्रखंड जिले का दूसरा सबसे बड़ा प्रखंड हैं जहां 22 पंचायत है। इस 22 पंचायत में 30 बीडीसी पंचायत निर्वाचन में निर्वाचित हुए है। जिला प्रशासन द्वारा प्रखंड प्रमुख की चुनाव की तिथि 30 दिसंबर की घोषणा करने के साथ ही प्रमुख पद के दावेदारों की सरगर्मी बढ़ गयी है।

गोरेयाकोठी प्रखंड की राजिनीतिक पृष्‍ठभूमि की बात करें तो यह प्रखंड हमेशा दो खेमों में ही बंटकर रहा है। जब प्रदेश में  राजद की सरकार हुआ करती थी और गोरेयाकोठी सिवान संसदीय क्षेत्र में आता था उस समय सीवान के पूर्व सांसद मो0 शहाबुद्दीन जिले के अधिकांश प्रखंडों में प्रमुख पद निविर्रोध करा देते थे, लेकिन गोरयोठी र्निविरोध नहीं हुआ करता था। ऐसे में जानकारों की माने तो गोरेयाकोठी प्रखंड हमेशा दो पक्ष में बंट कर रहा है।

उषा देवी निवर्तमान प्रखंड प्रमुख

वर्तमान में प्रखंड प्रमुख पद के लिए तीन चेहरा सामने आया है। वर्तमान प्रमुख उषा देवी भी चुनाव जीती हुई है ऐसे में वह भी प्रखंड प्रमुख पद पर बरकार रहने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। हालांकि उनके पांच साल के कार्यकाल को लेकर पक्ष और विपक्ष कई तरह के आरोप और प्रत्‍यारोप लगा रहे हैं। जिसका  चुनाव में काफी असर पड़ सकता है।

अगर हम दूसरे और तीसरे चेहरे की बात करें तो यही दो चेहरा प्रमुख पद के रेस में शामिल है।    सता पक्ष की ओर से अनुराधा सिंह और विपक्ष यानी राजद की ओर से नसीमा खातुन आमने सामने है।

अनुराधा सिंह मूलरूप से महम्‍मदपुर पंचायत के कलाडुमरा की रहने वाली है, लेकिन उनका पंचायत आरक्षित होने के कारण पास के पंचायत सतवार से प्रथम बार बीडीसी की चुनाव लड़ी और चुनाव जीत गयी। उनके चुनाव जीतने में उनके पति और प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्‍य मनीष सिंह की कोरोना काल में लोगों की सेवा और सहयोग रंग लाया और जनता ने आर्शीवाद दिया और चुनाव जीत गयी। हिन्‍दी से एमए की अनुराधा सिंह इसके पूर्व वे लखनऊ में  शैक्षणिक गतिविधि से जुड़ी हुई थी। चुनाव जीतने के बाद अब प्रखंड प्रमुख की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। इनके पक्ष में बीस बीडीसी होने का दावा इनके समर्थक कर रहे हैं। वहीं जानकारों की माने तो भाजपा नेता मनीष सिंह के प्रदेश और केन्‍द्र के मंत्रियों के बीच खासी पैठ है  ऐसे में अगर वे प्रखंड प्रमुख बनते हैं तो प्रखंड का विकास तेजी से होगा।

वहीं इनके प्रतिद्वंदी हेतीमपुर पंचायत से विजयी हुई नसीमा खातुन पति आशिक अंसारी है। इनको प्रखंड प्रमुख बनाने के लिए गोरेयाकोठी के राजद कार्यकर्ता जी जान से लगे हुए है। इंटर पास नसीमा खातुन गृहणी है। प्रखंड के राजद नेता और कार्यकर्ता प्रखंड प्रमुख पद अपने पाले में करने के लिए दिन रात एक किये हुए है। नसीमा खातुन  अपने पक्ष में 19 बीडीसी होने का दावा कर रही हैं।

प्रखंड प्रमुख बनाने के लिए स्‍थानीय सांसद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल और गोरेयाकोठी विधायक देवेशकांत सिंह भी यही चाहेंगे कि प्रखंड प्रमुख उनके पार्टी का ही कार्यकर्ता हो ताकि समन्‍वयक स्‍थापित कर प्रखंड का विकास तेजी से कर सकें।  तीन प्रत्‍याशियों में निवर्तमान प्रखंड प्रमुख और विधायक के रिश्‍ते की खटास जगजाहिर है।

ऐसे में अनुराधा सिंह  के पति मनीष सिंह का सांसद और विधायक से रिश्‍ते काफी अच्‍छे हैं, ऐसे में प्रखंड प्रमुख बनाने के लिए दोनाें जी तोड़ प्रयास कर सकते हैं।

वहीं विपक्ष की राजद नेत्री व पूर्व विधानसभा प्रत्‍याशी नूतन वर्मा और उनके पुत्र हनी वर्मा भी प्रखंड प्रमुख की पद अपने पाले में करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगें। विपक्ष हमेशा प्रयास करेंगा कि विधायक का पद तो नहीं मिला लेकिन प्रखंड प्रमुख का पद अपने पार्टी और समर्थित प्रत्‍याशी को मिले।

बहरहाल जो भी 30 दिसंबर को यह साफ हो जाएगा कि गोरेयाकोठी प्रखंड प्रमुख का ताज किसके सिर होगा। फिर भी यह जगजाहिर है कि प्रखंड प्रमुख बनने के लिए  प्रत्‍याशी को हर तरह से सक्षम होना पड़ता है। ऐसे में आने वाले समय ही बताएगा कि प्रखंड प्रमुख सता पक्ष के पाले जाता है या विपक्ष के पाले में।

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