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माओवादियों के खिलाफ शहीद जवानों के बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा-अमित शाह - श्रीनारद मीडिया

माओवादियों के खिलाफ शहीद जवानों के बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा-अमित शाह

माओवादियों के खिलाफ शहीद जवानों के बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा-अमित शाह

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बीजापुर और सुकमा जिले के बॉर्डर पर हुए नक्सली एनकाउंटर के बाद सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ पहुंचे और जगदलपुर जाकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अमित शाह के साथ मौजूद थे. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. अमित शाह ने कहा कि सुरक्षा बलों पर माओवादियों के हमले के बाद भी हमारे जवानों का मनोबल बरकरार है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन देते हुए कहा कि माओवादियों के खिलाफ लड़ाई और तेज होगी. अंत में हमारी जीत सुनिश्चित है. गौर हो कि छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के हमले में कम से कम 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए है. अमित शाह ने कहा कि इस हमले में जान गंवाने वाले हमारे शहीद जवानों के बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा और उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद मीडिया से बातचीत में ये बातें कही. बैठक के दौरान अधिकारियों ने कहा कि माओवादियों के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे जवानों का मनोबल बरकरार है.

उल्लेखनीय है कि शनिवार को हुए माओवादियो के हमले के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोनों ही अपने-अपने दलों के लिए चुनाव प्रचार अभियान को असम पहुंचे थे. हमले की खबर सामने आते ही अमित शाह रविवार को दिल्ली और भूपेश बघेल रायपुर पहुंचे. जानकारी के मुताबिक, अमित शाह रायपुर के अस्पताल में भर्ती हुए घायल जवानों से भी मुलाकात करेंगे.

छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर सीमा पर नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में करीब 22 जवान शहीद हो गए, जबकि करीब 31 जवान घायल बताए जा रहे हैं. सुकमा-बीजापुर सीमा पर सुरक्षा बलों की ओर से सर्च ऑपरेशन की शुरुआत की गई थी, जिसके घंटों बाद नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से घंटों तक हुई गोलीबारी में इतने जवान शहीद हो गए. सुरक्षा बलों की ओर से इस अभियान को शुरू करने के पीछे एक खुफिया सूचना थी. खुफिया सूचना के तहत सुरक्षा बलों को यह जानकारी मिली थी कि वांछित नक्सली नेता हिदमा छत्तीसगढ़ में छिपा है.

अंग्रेजी की पत्रिका इंडिया टूडे की वेबसाइट पर प्रकाशित एक समाचार के अनुसार, छत्तीसगढ़ के जिस सुकमा और बीजापुर की सीमा पर सुरक्षा बलों की ओर से यह अभियान चलाया गया था, वहां पहले से ही नक्सलियों का एक समूह हमले के लिए इंतजार कर रहा था. जब सुरक्षा बलों के जवान वहां पहुंचे, तो उन पर ताबड़तोड़ गोलियों की बरसात कर दी गई. उधर, गोलियों की बौछार होते ही सुरक्षा बलों ने भी मुंहतोड़ जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलियां चलानी शुरू कर दी और इस मुठभेड़ में करीब तीन घंटे तक दोनों ओर से जमकर गोलियां चलाई गईं.

कौन है हिदमा?

हिदमा उर्फ हिदमन्ना करीब 40 साल उम्र का नक्सली है. वह छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवर्ती गांव का आदिवासी है. हिदमा तकरीबन 90 के दशक में नक्सली बना था. फिलहाल वह वह पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGa) की बटालियन नंबर 1 का मुखिया है. हिदमा को उसके भयंकर और घातक हमलों के लिए जाना जाता है. हिदमा करीब 180 से 250 नक्सलियों का समूह का सरगना है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं. इसके साथ ही, वह सीपीआई (एम) के सर्वोच्च 21 सदस्यीय केंद्रीय समिति का सबसे युवा सदस्य भी है.

40 लाख का इनामी नक्सली है हिदमा

हिदमा की हाल के दिनों वाली कोई तस्वीर तक उपलब्ध नहीं है. हिदमा कितना दुर्दांत नक्सली है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार ने उसके सिर पर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. खबर के अनुसार, एनआईए ने भी हिदम के खिलाफ भी मांडवी मर्डर केस में चार्ज शीट फाइल की है. भीमा मांडवी भाजपा के विधायक थे. अप्रैल 2019 में दंतेवाड़ा में उन पर हमला हुआ था, जिसमें मांडवी, उनका ड्राइवर और तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए थे.

क्या थी खुफिया इनपुट

इंडिया टुडे की खबर के अनुसार, ऐसे खुफिया इनपुट थे कि 25 लाख का इनामी नक्सली कमांडर हिदमा और उसके खूंखार साथी छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पिछले कई दिनों से कैंप कर रहे हैं. सुरक्षाबलों ने इस बात को लेकर अलर्ट जारी किया था कि ये नक्सली अपने गुरिल्ला साथियों के साथ सुरक्षाबलों और पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला कर सकते हैं.

सुकमा-बीजापुर के जंगलों में कैंप कर रहा था हिदमा

सूत्रों ने इंडिया टुडे को जानकारी दी कि नक्सली कमांडर हिदमा के नेतृत्व में सुकमा और बीजापुर के जंगलों में 150 से 160 की संख्या में नक्सली कैंप कर रहा है, जो कि सुरक्षाबलों को निशाना बना सकता है. यही नहीं, हिदमा के एक दूसरे नक्सली कमांडर के साथ 50 से 60 की संख्या में नक्सली मिलिशिया के जरिए सुरक्षाबलों पर हमला करने की फिराक में है. ऐसी भी सूचना हिदमा के साथ ही PLGA -1 के बारे में जानकारी मिली है कि वह इस समय बस्तर के इलाके में बीजापुर और सुकमा के आसपास सुरक्षाबलों के डर से भागता फिर रहा है.

नक्सली मार्च से ही चला रहे थे कंपेन

सुरक्षा एजेंसियों ने इंडिया टुडे को जानकारी दी कि नक्सली TCOC यानी टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (TCOC) इन महीनों ( मार्च से जून) में चला रहे हैं, जिसमें उनका मकसद होता है कि ज्यादा से ज्यादा सुरक्षाबलों पर हमला कर इस दौरान नुकसान पहुंचाएं. सूत्रों ने ये बताया है कि नक्सलियों ने केवल छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर में ही TCOC चलाने का प्लान नहीं बनाया है, बल्कि उन्होंने काफी सालों बाद नए ट्राई जंक्शन के पास सुरक्षा बलों पर हमला करने का TCOC प्लान तैयार किया है.

मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों की बटालियन का नेतृत्व कर रहा था हिदमा

सुरक्षाबलों की रिपोर्ट के मुताबिक, नक्सली PLGA BN-1 का कमांडर मांडवी इंदुमल उर्फ हिदमा सुरक्षा बलों के छीने हथियार और UBGL/रॉकेट लॉन्चर से हमले की फिराक में है. यही नहीं, सुरक्षाबलों के लिए रसद सामग्री के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हेलीकॉप्टर को देसी रॉकेट लॉन्चर से गिराने की नक्सलियों ने रणनीति बनाई है. खबर के मुताबिक, शनिवार को भी PLGA बटालियन अपने कमांडर हिदमा के नेतृत्व में ही काम कर रही थी. बीते साल भी नक्सलियों ने सुकमा के मिनापा में ऐसा ही हमला किया था, जिसमें 17 जवान शहीद हुए थे.

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