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जिस विभाग को कभी  बंद करने की थी तैयारी, आज  उसी विभाग से आ रहा है सबसे ज्यादा राजस्व  - श्रीनारद मीडिया

जिस विभाग को कभी  बंद करने की थी तैयारी, आज  उसी विभाग से आ रहा है सबसे ज्यादा राजस्व 

  जिस विभाग को कभी  बंद करने की थी तैयारी, आज  उसी विभाग से

आ रहा है सबसे ज्यादा राजस्व

 श्रीनारद मीडिया,  सेंट्रल डेस्क :

बिहार (Bihar) में ख़ाकी, खादी और बालू माफियाओं के आपसी घालमेल की वजह से बिहार सरकार पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है. हज़ारों करोड़ रुपए का बालू बिना सरकारी राजस्व चुकाए अवैध तरीक़े से बालू माफिया बेच पैसे कमा रहे हैं. लेकिन बावजूद इसके खान भूतत्व विभाग (Mines Geology Department) बिहार में राजस्व देने वाला बड़ा विभाग है. एक अनुमान के मुताबिक़, यह विभाग हर साल तीन हज़ार करोड़ रुपये का राजस्व बिहार सरकार के ख़ज़ाने में जमा करता है. लेकिन क्या आपको पता है कि आज जिस विभाग की चर्चा सबसे ज़्यादा हो रही है कभी उसी विभाग को बंद करने की तैयारी बिहार सरकार ने सोंची थी. लेकिन तब के तत्कालीन खान भूतत्व मंत्री जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने अपनी सूझबूझ से विभाग को बंद होने से बचाया था. वहीं, अब उनके विजन ने विभाग को बिहार के प्रमुख राजस्व देने वाले विभाग में से एक बना दिया है.

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दरअसल बात 2003 की है. बिहार से झारखंड का बंटवारा हो गया था. अधिकांश खनिज पदार्थ झारखं में  चले गए थे. तब बिहार में कहावत बोली जाती थी कि बिहार में क्या है आलू, लालू और बालू. इस कहावत से बिहार के तब के मौजूदा हाल को समझा जा सकता हैं. उस वक़्त बिहार की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी थीं. और तब उनके मंत्रिमंडल में जगदानंद सिंह खनन भूतत्व मंत्री थे. उस वक़्त ये बातें आईं कि जब बिहार में खनिज पदार्थ बचे ही नहीं है तो विभाग को रखने का क्या फ़ायदा. इस विभाग को या तो बंद कर दिया जाए या फिर किसी विभाग में मर्ज़ कर दिया जाए.


उस वक़्त की बात बताते हुए तत्कालीन खान भूतत्व मंत्री जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह (वर्तमान राजद विधाक) कहते हैं कि जब ये बात मेरे पिता के सामने आइ थी तो उन्होंने सवाल पूछा कि आख़िर इस विभाग को क्यों बंद किया जाए.यही वह विभाग है जो आने वाले समय में बिहार को सबसे ज़्यादा राजस्व देने वाला विभाग बनेगा. और उसके बाद सरकार ने ये इरादा बंद कर दिया. तब जगदानंद सिंह ने खनन पॉलिसी बनाई थी, जिसके तहत बालू उठाव के लिए टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत हुई और जिसका टेंडर ज़्यादा होगा उसी को बालू खनन का अधिकार सरकार ने देने की प्रक्रिया शुरू की. और इस तरह से राजस्व देने वाला विभाग बन गया.

एक और दिलचस्प जानकारी देते हुए सुधाकर सिंह बताते हैं कि जब ये क़ानून बनाया गया तब उस वक़्त कई लोग मज़ाक़ उड़ाते थे. तब लोग कहा करते थे कि अब बालू तराजू पर तौलल जाई. लेकिन आज उसी पॉलिसी के तहत CFT प्रक्रिया के तहत बालू का उठाव होता है और आज खान भूतत्व विभाग सबसे ज़्यादा राजस्व देने वाला विभाग में से एक बन गया है. आधिकारिक तौर पर अगर बालू के अवैध खनन को रोक दिया जाए तो सरकार का राजस्व कितना बढ़ जाएगा, इसे सहज अनुमान लगाया जा सकता है. वहीं, वर्तमान खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम कहते हैं कि हमारा विभाग राजस्व देने में तेज़ी से अग्रसर है और आगे भी रहेगा.

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