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केरल में राज्यपाल और सीएम के बीच विवाद गहरा होता जा रहा है,क्यों? - श्रीनारद मीडिया

केरल में राज्यपाल और सीएम के बीच विवाद गहरा होता जा रहा है,क्यों?

केरल में राज्यपाल और सीएम के बीच विवाद गहरा होता जा रहा है,क्यों?

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CM अधिकारियों को भी राजभवन आने से रोकते हैं- राज्यपाल

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सत्ताधारी वामपंथी सरकार हमले तेज कर दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रदेश में होने वाले राष्ट्र के खिलाफ अपराधों के बारे में उन्हें अंधेरे में रखा। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना मुख्य सचिव और डीजीपी नियमित रूप से राजभवन आ रहे हैं और अब उनका स्वागत नहीं किया जाएगा।

राज्यपाल ने विजयन द्वारा हाल ही में भेजे गए एक पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि सीएम ने स्वीकार किया है कि उन्होंने आम तौर पर इस बात का उल्लेख किया है कि प्रदेश में राष्ट्र के खिलाफ अपराध हुए हैं, हालांकि उन्होंने किसी भी सार्वजनिक बयान में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों और प्रदेश-विरोधी गतिविधियों जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से इनकार किया है।

दरअसल, राज्य में चल रही किसी भी कथित राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के बारे में जानकारी मांगने के लिए खान द्वारा मुख्य सचिव और डीजीपी को समन भेजे जाने के बाद राज्यपाल और सीएम के बीच विवाद हो गया है।

आरिफ खान ने तर्क रखते हुए कहा, राष्ट्र के खिलाफ अपराध क्या है

आरिफ खान ने तर्क रखते हुए कहा, राष्ट्र के खिलाफ अपराध क्या है? यह किस तरह की गतिविधि है? क्या यह अधिक गंभीर नहीं है? क्या आपको (सीएम) मुझे जानकारी नहीं देनी चाहिए थी? क्या यह आपका कर्तव्य नहीं था? आप अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहे हैं। जब देश के खिलाफ ऐसे अपराध होते हैं तो उन्हें राष्ट्रपति और केंद्र सरकार को सूचित करना होता है और इसके लिए जानकारी की आवश्यकता होती है। इसलिए, मैंने सीएम को पत्र लिखकर जानकारी मांगी, पर उन्होंने इसे स्वीकार भी नहीं किया। जब मैंने मुख्य सचिव और डीजीपी को बुलाया, तब उन्होंने मेरे पत्र को स्वीकार कर 27 दिन बाद इसका जवाब दिया। लेकिन, उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी।

राज्यपाल और सीएम के बीच विवाद

उन्होंने कहा कि वह (सीएम) राजभवन नहीं आते हैं। वह उन्हें (मुख्य सचिव और डीजीपी) को आने की अनुमति नहीं देते हैं। उनके पास छिपाने के लिए कुछ है। इसलिए, कुछ गड़बड़ है। मुख्य सचिव और डीजीपी लगातार राजभवन आते रहे हैं। जब विधानसभा का सत्र चल रहा था तो मुख्य सचिव भी अध्यादेश जारी करने आए थे। दरअसल, राज्य में चल रही किसी भी कथित राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के बारे में जानकारी मांगने के लिए खान द्वारा मुख्य सचिव और डीजीपी को समन भेजे जाने के बाद राज्यपाल और सीएम के बीच विवाद हो गया है।

. उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर सरकारी अधिकारियों को उनसे मिलने से रोकने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री राजभवन नहीं आते हैं और वह मुख्य सचिव या डीजीपी को भी आने की अनुमति नहीं देते हैं.

राज्यपाल ने यह भी दावा किया कि पिनाराई ने लगभग एक महीने तक उनके पत्र का जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा, “मैंने 10 सितंबर को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने मेरे पत्र को स्वीकार नहीं किया और न ही कोई जवाब दिया. 27 दिनों के बाद, 8 अक्टूबर को, उन्होंने केवल तब जवाब दिया जब मैंने मुख्य सचिव को तलब किया. यह कोई सामान्य प्रशासनिक मामला नहीं है, बल्कि एक गंभीर मुद्दा है.”

सीएम विजयन क्या छिपाना चाह रहे हैं?

उन्होंने दावा किया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मुख्यमंत्री के पास छिपाने के लिए कुछ था. राज्यपाल ने पूछा, “हम जानते हैं कि उनके अपने सचिव पी शशि सोने की तस्करी मामले में शामिल थे. अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो वह मेरी चिंताओं को स्वीकार करने से क्यों इनकार कर रहे हैं?”

सोने की तस्करी से क्या है लेना देना?

राज्यपाल खान ने मुख्यमंत्री की ओर से कथित तौर पर उन्हें भेजे गए स्पष्टीकरण पत्र की कॉपी पेश कीं. उन्होंने कहा कि पत्र विरोधाभासों से भरा हुआ है. खान ने कहा,”पहले पन्ने पर, मुख्यमंत्री कहते हैं कि उन्होंने मीडिया के सामने किसी भी राष्ट्र-विरोधी गतिविधि का जिक्र नहीं किया. फिर भी, उसी पत्र में, उन्होंने सोने की तस्करी मामले को ऐसा रिफरेंस किया है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को खतरे में डालती है और यहां तक ​​कि एक प्रेस ब्रीफिंग में इसे राष्ट्र के खिलाफ अपराध भी कहा है.”

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