Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
अनन्त चतुर्दशी का पर्व आस्‍था और उपवास के साथ मनायी गयी - श्रीनारद मीडिया

अनन्त चतुर्दशी का पर्व आस्‍था और उपवास के साथ मनायी गयी

अनन्त चतुर्दशी का पर्व आस्‍था और उपवास के साथ मनायी गयी

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, उतम पाठक, दारौंदा, सीवान (बिहार):

सिवान जिला के दारौंदा प्रखंडा क्षेत्र   में  अनन्त चतुर्दशी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 17 सितम्बर मंगलवार को विधिवत पूजन अर्चन कर बड़े आस्था और उपवास के साथ मनाई गई।

आपको बताते चलें कि अनन्त सुखों को देने वाला अनन्त चतुर्दशी व्रत
पञ्चांग के अनुसार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती हैं।

शास्त्रों में अनन्त चतुर्दशी का विशेष महत्व हैं। इस दिन मध्याह्न में भगवान विष्णु के भक्त गहरी श्रद्धा और उपवास के साथ विधिवत् पूजन अर्चन करते हैं और अनन्त चतुर्दशी व्रत कथा का श्रवण करते हैं।

भगवान विष्णु को अनंत शक्ति और उनकी निरंतरता का प्रतीक माना जाता हैं। “अनंत” शब्द का अर्थ होता है ‘ जिसका कोई अंत नहीं हैं ।’ और इस दिन भगवान विष्णु को अनंत स्वरूप में पूजा जाता हैं।

पवित्र धागे से बने हुए ‘ चौदह गांठ के अनंत’ को विष्णु भगवान के सामने रख पूजन अर्चन कर इसमें मीठा प्रसाद नैवेद्य के रूप में अर्पित कर अनन्त व्रत की कथा सुनना पुण्यफलकारी होता हैं ।भगवान को चढ़ाया हुआ मीठा पक्कवान प्रसाद स्वरूप ग्रहण करना चाहिए।
प्रसाद ग्रहण करने से पहले अनंत देव का ध्यान करके पवित्र सूत को पुरुष दाहिनी और स्त्री बायी बाह पर बांधे।

यह पवित्र सूत दैवीय सुरक्षा और आशीर्वाद का प्रतीक हैं।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो 14 वर्षों तक अनन्त फल मिलता हैं।
पांडवों को भी इस व्रत के प्रताप से खोया राजपाठ मिला था।

यह भी पढ़े

महावीरी सरस्वती विद्या मंदिर विजयहाता में विश्वकर्मा पूजा का हुआ आयोजन

सी.बी.एस.ई क्लस्टर III में विज्ञानानंद को मिला स्वर्ण पदक  

रघुनाथपुर : चोरी के आरोप में स्कूली छात्र का हाथ पैर बांधकर पीटा

मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे जनकल्याणकारी योजनाओं को कार्यकर्ता जन जन तक पहुचाएं  : अल्ताफ आलम राजू

भोजपुर गायक टुनटुन यादव के प्रोग्राम में ताबड़तोड़ फायरिंग, श्रद्धांजिल सभा में शक्ति प्रदर्शन

मनुष्य के जीवन में पितृऋण अदायगी का अवसर देने और पितृपक्ष के महत्व एवं बदलते परिवेश पर विशेष 

हाजीपुर में अपहरण और फिरौती मांगने का मामला सुलझा, आरोपी पटना से गिरफ्तार

मराठा साम्राज्य की विरासत को संरक्षित करने की क्यों आवश्यकता है?

क्या वास्तविक नियंत्रण रेखा पर से भारत-चीन के सैनिकों की वापसी हुई है?

बिहार के शराब माफिया ने काटी ‘पुष्पा’ की कान, पेट्रोल टैंकर से निकली 25 लाख की पेटियां

Vinay Tiwari IPS: कौन हैं मुजफ्फरपुर के नए रेल एसपी विनय तिवारी? नाम सुनकर ही थर्रा उठते हैं अपराधी

Leave a Reply

error: Content is protected !!