विदेश मंत्रालय ने सीजफायर कि पुष्टि की है
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
क्या होता है सीजफायर?
भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालातों को देखते हुए सीजफायर की घोषणा की गई है। दरअसल सीजफायर का असली मतलब दो देशों के बीच युद्धविराम होता है। इसके लागू होने के तुरंत बाद से दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष पर अस्थाई और स्थाई तौर पर रोक लग जाती है। सीमा पर आक्रामक कार्रवाई को रोकने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। खासबात ये है कि इसमें किसी भी तरह की संधि की जरूरत नहीं होती है, बल्कि इसके लागू होना फैसला दोनों देशों की आपसी सहमति पर निर्भर रहता है।
भारत बनाम पाक युद्धविराम
भारत और पाकिस्तान के आपसी मतभेद का इतिहास काफी पुराना है। आजादी के एक साल बाद 1948 में पहली बार दोनों देश जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर आमने-सामने आए थे। बताया जाता है कि उस वक्त 1 जनवरी 1949 को पहला औपचारिक सीजफायर हुआ था। इसके बाद का विस्तार इस प्रकार से है-
विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
अपनी हरकतों से बाज आए पाकिस्तान
शहर के पार्क में बुजुर्ग कैलाश नाथ, हरदेव सिंह, जोगिंदर कुमार, बिंदरपाल सिंह ने चर्चा करके कहा कि उन्होंने वर्ष 1971 का दौर भी देखा है। युद्ध किसी भी रूप में देश के लिए फायदेमंद नहीं है, क्योंकि इससे न केवल कीमती जिंदगियां काल का ग्रास बनने का खतरा बना रहता है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था व आर्थिकता को भी भारी ठेस पहुंचती है।
पाकिस्तान में पनप रहे आतंकियों ने पहलगाम हमले को अंजाम देकर ही तनाव पैदा किया, जिस पर भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान को आतंकी हरकतों का जवाब देने के लिए आतंकियों के ठिकाने को नष्ट किया। बुजुर्गों का कहना है कि पाकिस्तान को अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए ताकि भविष्य में भी देशों में शांतिमय माहौल बना रहा।
सेना पर गर्व
इस दौरान बुजुर्ग बिकर सिंह, रविंदरपाल गोयल, प्रताप सिंह ने कहा की उन्हें देश की सेनाओं पर पूरा गर्व है। वह खुद को हर परिस्थिति में पूरी तरह सुरक्षित महसूस करते रहे हैं। देश की सेना ने समूह देशवासियों की भावनाओं का सत्कार करते हुए आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाएं।
दुकानदारों में खुशी का माहौल
वहीं बाजार में दुकान पर बैठे विकास कुमार, गोल्डी, शिव कुमार, कुलदीप सिंह, शिभव कुमार ने खुशी जताते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना ने शानदार प्रदर्शन किया है। देशवासियों को भारतीय सेना पर बेहद गर्व है। साथ ही संदेश दिया है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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