आखिरी 50 हजार लोगों की मौत में महज 13 दिन में हो गई है।

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत में कोरोना वायरस से मौत का सरकारी आंकड़ा 2.5 लाख पार कर चुका है। देश में कोरोना से 12 मार्च 2020 को पहली मौत दर्ज हुई थी। उसके बाद 50 हजार का आंकड़ा पार करने में 156 दिन लगे थे। लेकिन आखिरी 50 हजार लोगों की मौत में महज 13 दिन में हो गई है।

देश में कोरोना महामारी आंकड़ों में…

  • अब तक कुल संक्रमित हो चुके: 2.29 करोड़
  • अब तक ठीक हुए: 1.90 करोड़
  • अब तक कुल मौतें: 2.50 लाख
  • अभी इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या: 37.10 लाख

30% से ज्यादा मौतें सिर्फ महाराष्ट्र में

भारत में कोरोना से हुई मौतों में करीब 30.82% मामले महाराष्ट्र के हैं। दिल्ली की हिस्सेदारी 7.86%, कर्नाटक की 7.63%, उत्तर प्रदेश की 6.28% और तमिलनाडु की 6.36% है। बाकी 41.05% में अन्य सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं। देश में एक्टिव केस की बात करें तो इस वक्त महाराष्ट्र में 16.50%, कर्नाटक में 15.07%, केरल में 11.32%, उत्तर प्रदेश में 6.25% और राजस्थान में 5.35% केस हैं।

दिल्ली-मुंबई में हुईं सबसे ज्यादा मौतें

कोरोना से हुई मौतों के मामले में दिल्ली टॉप पर है। यहां 19 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इसके बाद मुंबई, पुणे, बेंगलुरु और थाणे का नंबर आता है।

कोरोना का नया ट्रेंड बढ़ा रहा टेंशन
भारत में इस साल 3 मई से 9 मई के बीच के हफ्ते में 27 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई और इस दौरान 27.4 लाख नए मामले सामने आए। इस अवधि में कोरोना मामलों में 5% की बढ़ोतरी हुई जो दूसरी लहर के दौरान सबसे कम है। कोरोना की इस दूसरी लहर में पहली बार मृत्यु दर 1% के पार गई है। रोजाना होने वाली मौतों में भी 15% की बढ़ोतरी हुई है।

इस वक्त देश में कोरोना का घातक अनुपात (CFR) 1.1% से ऊपर है। यानी भारत में कोरोना पॉजिटिव होने वाले हर 100 लोगों में से एक से ज्यादा की मौत हो रही है। पंजाब, गुजरात, पश्चिम बंगाल के कई प्रमुख शहरों में हर 100 कोरोना संक्र‌मितों में से दो की मौत हो रही है। जबकि दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्‍थान और उत्तर प्रदेश प्रदेश जैसे बड़ी आबादी प्रदेशों में CFR 1% या इससे ज्यादा है।

1 अगस्त तक कोरोना से हो सकती हैं 10 लाख मौतें

मेडिकल जर्नल लांसेट में छपे संपादकीय में 1 अगस्त तक भारत में कोरोना से 10 लाख मौतें होने की संभावना जताई गई है। ब्रिटेन से निकलने वाली इस प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल में “इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मीट्रिक्स एंड इवेल्यूएशन” के हवाले से आंकड़े लिए गए हैं। यह एक स्वतंत्र वैश्विक स्वास्थ्य शोध संगठन है।

लांसेट ने मोदी सरकार की भी जमकर आलोचना की है। जर्नल ने अपने संपादकीय में लिखा, “अगर दस लाख से ज्यादा मामले आते हैं, तो इस राष्ट्रीय आपदा के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार होगी। भारत को कोविड-19 पर नियंत्रण हासिल करने में शुरुआत में सफलता मिली थी। लेकिन अप्रैल तक भारत सरकार की कोविड-19 टास्कफोर्स की महीनों से बैठक ही नहीं हुई थी।”​​​

आभार-भास्कर

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