साल की आखरी सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को मनाई जाएगी।
श्रीनारद मीडिया, उत्तम कुमार, दारौंदा, सिवान, बिहार।
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सोमवती अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार 30 दिसम्बर को होगा। यह एक विशेष तिथि है, जो उस समय आती है जब अमावस्या का दिन सोमवार को पड़ता है। यह तिथि धार्मिक और अध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
सोमवती अमावस्या के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान हैं। इस दिन पीपल वृक्ष में भगवान विष्णु का निवास मानते हुए सौभाग्यवती स्त्रियां विधिवत पूजन करती हैं तथा पीपल वृक्ष में रंगीन धागे लपेटते हुए 108 परिक्रमा करती हैं। इससे पति की लम्बी आयु और सुख सौभाग्य में वृद्धि होती हैं इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना लाभकारी माना जाता है। इस दिन अन्न,वस्त्र, द्रव्य दान करना तथा गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराना कई गुणा फलदायी होता हैं।
ज्योतिष के अनुसार,यदि किसी जातक की कुंडली में पितृदोष हो तो सोमवती अमावस्या के दिन पितरो को तिल, जल और पुष्प अर्पित करने से पितृदोष का निवारण होता हैं साथ ही कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्तियों को भी इस दिन दान करना चाहिए। जिससे व्यक्ति को जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं।
सोमवती अमावस्या के दिन जो लोंग श्रद्धापूर्वक व्रत रखते हैं पूजन-अर्चन करते हैं तथा दान-पुण्य करते हैं,उन्हें भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं तथा उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती हैं।