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अग्निवीर योजना के विरोध में ट्रेन जलाने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार,लगाई थी आग. - श्रीनारद मीडिया

अग्निवीर योजना के विरोध में ट्रेन जलाने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार,लगाई थी आग.

अग्निवीर योजना के विरोध में ट्रेन जलाने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार,लगाई थी आग.

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उपद्रवियों से नहीं कराई जाएगी नुकसान की भरपाई–पटना हाईकोर्ट.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अग्निवीर योजना का विरोध कर रहे छात्रों एवं प्रदर्शनकारियों द्वारा गोपालगंज जिले के सिधवलिया स्टेशन पर 16 जून को खड़ी ट्रेन के कोच में आग लगा दी गई थी. जिसके मुख्य आरोपी पप्पू कुमार सिंह उर्फ रवि रंजन को आरपीएफ ने जीआरपी के सहयोग से शुक्रवार की शाम गिरफ्तार कर लिया है. सीवान के आरपीएफ निरीक्षक अजय कुमार यादव के नेतृत्व में आरपीएफ सीवान, थावे, जीआरपी थावे एवं जीआरपी सीवान की संयुक्त टीम ने गोपालगंज के मोहम्मदपुर गांव में छापेमारी कर मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया.

16 जून को लगाई थी आग

निरीक्षक अजय कुमार यादव ने बताया कि 16 जून को अग्निपथ योजना के खिलाफ सेना अभ्यर्थियों एवं उपद्रवियों द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान सिधवलिया रेलवे स्टेशन पर खड़ी गाड़ी संख्या 15080 के कोच नम्बर-073499 एनई में आग लगा कर कोच को जला दिया गया था. इस घटना के संबंध में स्टेशन अधीक्षक सिधवलिया प्रभाशंकर प्रसाद दीपक की शिकायत पर 100 से 150 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध राजकीय रेलवे पुलिस थाना थावे में मामला दर्ज किया गया था.

जांच के बाद पप्पू की हुई पहचान

मामले की जांच कर रहे थावे के प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार यादव द्वारा मुखबिर एवं तकनीकी साक्ष्य के आधार पर घटना के मुख्य आरोपी एवं सूत्रधार 24 वर्षीय पप्पू कुमार सिंह उर्फ रवि रंजन की पहचान की गई. उसके बाद आरपीएफ एवं जीआरपी की संयुक्त टीम मोहम्मदपुर थाने के सुपौली पंचायत भवन के सामने से शुक्रवार की शाम में पप्पू कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया.

आरोपी ने स्वीकार किया गुनाह

आरोपी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उक्त कोच में आग लगाने की बात को स्वीकार किया है. जीआरपी थावे ने गिरफ्तार आरोपी को मामले में रेल मजिस्ट्रेट सोनपुर के सामने शनिवार को प्रस्तुत किया. आरपीएफ नअभियुक्त को रिमांड में लेने के लिए न्यायालय में आवेदन किया है.

स्थानीय पुलिस ने छापेमारी में किया सहयोग

छापेमारी में सीवान के उप निरीक्षक अबु फरहान गफ़्फ़ार, उप निरीक्षक संजय कुमार पाण्डेय, उप निरीक्षक सुरेश चंद्र पाण्डेय व कान्स आबिद अली तथा जीआरपी थानाध्यक्ष सीवान सुधीर कुमार सिंह ,जीआरपी थानाध्यक्ष थावे श्री जय विष्णु राम व स.उ.नि. नागेंद्र पासवान तथा स्थानीय पुलिस थाना सिधवलिया थानाध्यक्ष धनंजय कुमार द्वारा सहयोग किया गया.

#उपद्रवियों से नहीं कराई जाएगी नुकसान की भरपाई–पटना हाईकोर्ट.

बिहार में अग्निपथ योजना का युवाओं ने जमकर विरोध किया था. जिसको लेकर बीते महीने प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया था और सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया था. पटना हाईकोर्ट में सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा है की फिलहाल जुर्माना वसूलने की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. याचिका में छात्रों को भड़काने और अराजकता फैलाने वाले तत्वों की मदद करने वाले लोगों की जांच करने की भी मांग की गई थी.

कई सौ करोड़ संपत्ति का हुआ नुकसान

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की बेंच ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई की थी. यहां कोर्ट को बताया गया की जिम्मेदार अधिकारी प्रदर्शन को रोकने में नाकाम रहे इस कारण से सरकारी संपत्ति को कई सौ करोड़ का नुकसान हुआ है. याचिका में मांग की गई थी कि नुकसान का आकलन कर आंदोलनकारियों से पैसा वसूला जाए. इसके साथ ही आंदोलन में शामिल राजनीतिक दलों पर भी जुर्माना लगाया जाए.

दानापुर रेल मंडल को 206 करोड़ का नुकसान

याचिका में कहा गया की इस घटना को सही समय पर नहीं रोक पाने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई करते हुए उनपर जुर्माना लगाना चाहिए. कोर्ट को यह भी बताया गया की इस प्रदर्शन के दौरान सिर्फ सरकारी संपत्ति का ही नुकसान नहीं हुआ था बल्कि आम लोगों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई थी. इस प्रदर्शन में अकेले दानापुर रेल मंडल को 206 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है.

अदालत ने खारिज की याचिका

वहीं, बिहार सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने पटना हाई कोर्ट को बताया कि आंदोलनकारियों से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह से मुस्तैद थी. सरकार को बदनाम करने के लिए इस प्रकार की जनहित याचिका दायर की गई है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अराजक तत्वों पर कार्रवाई की है. साथ ही सरकारी संपत्ति की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था. महाधिवक्ता की तरफ से कोर्ट को जानकारी देने के बाद अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया.

 

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