संकट की घड़ी में पूरा देश वायनाड पीड़ितों के साथ- PM मोदी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भूस्खलन प्रभावित केरल के वायनाड का दौरा किया। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया। पीएम मोदी ने कहा कि संकट की इस खड़ी में पूरा देश पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। यह त्रासदी सामान्य नहीं है। सैकड़ों परिवारों के सपने उजड़ गए हैं। मैंने प्रकृति के रौद्र रूप को घटनास्थल पर जाकर देखा है।

मिलकर काम करने पर उत्तम परिणाम आता है

राहत कैंपों में लोगों ने त्रासदी के बारे में पूरा विवरण बताया है। ऐसे संकट के समय जब साथ मिलकर काम करते हैं तो उत्तम परिणाम मिलता है। मैंने उसी दिन मुख्यमंत्री से बात की और हर प्रकार की व्यवस्था को भेजने का आश्वासन दिया था। तुरंत एक केंद्रीय राज्यमंत्री को भी भेजा। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस, डॉक्टर, सभी ने पीड़ितों की जल्द से जल्द मदद करने की कोशिश की।

नहीं होने देंगे धन की कमी

पीएम मोदी ने कहा कि मृतकों के परिवारों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वे अकेले नहीं हैं। हम सभी उनके साथ खड़े हैं। सरकार ने आपदा प्रबंधन की राशि का काफी हिस्सा पहले ही दिया है। बाकी हिस्सा भी तुरंत जारी किया है। धन के अभाव में यहां कोई काम नहीं रुकेगा। केंद्र सरकार केरल सरकार के साथ खड़ी है।

बहुत निकट से देखी ऐसी आपदा

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने ऐसी आपदा बहुत निकट से देखी है। 1979 में गुजरात का मोरबी शहर डैम टूटने की वजह से जलमग्न हो गया था। ढाई हजार से अधिक लोगों की जान गई थी। डैम मिट्टी का था। इस वजह से हर घर में मिट्टी भरी थी। मैं वहां छह महीने तक रहा था। मैं अनुभव कर सकता हूं वायनाड में कैसे परिवार के परिवार मिट्टी में बह होंगे। यह कितनी विकराल परिस्थिति रही होगी।

केरल पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। पीएम मोदी के साथ सीएम पिनाराई विजयन भी मौजूद थे। उन्होंने पुंचिरिमट्टम, मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का भी निरीक्षण किया।

स्कूल की दशा देख भावुक हो उठे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेल्लारमाला में एक क्षतिग्रस्त जी.वी.एच.एस. स्कूल का दौरा किया। स्कूल की त्रासदी देखकर पीएम मोदी काफी भावुक हो उठे। उन्होंने सीएम पिनाराई विजयन से पूछा कितने बच्चों ने इस आपदा में अपने माता-पिता (प्रियजनों) को खो दिया।

जी.वी.एच.एस. स्कूल वेल्लारमाला में 582 छात्र थे, जिनमें से 27 छात्र कथित तौर पर लापता हैं। प्रधानमंत्री ने स्कूल में 15 मिनट बिताए और नए स्कूल भवन की योजनाओं के बारे में भी जानकारी ली। पीएम मोदी ने भारतीय सेना द्वारा बनाए गए 190 फुट ऊंचे बेली ब्रिज का भी दौरा किया। वहां से गुजरे और रक्षा अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने एक स्थानीय अस्पताल का भी दौरा किया जहां उन्होंने घायल पीड़ितों से मुलाकात की और एक राहत शिविर का भी दौरा किया।

पीएम मोदी ने की समीक्षा बैठक

पीएम मोदी ने आज एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की, जिसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने से एक दिन पहले, केरल सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र में पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मांगी।

भूस्खलन में 400 से अधिक लोगों की मौत

30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में तेज बारिश के बाद भूस्खलन हुआ था। इस आपदा में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

कोच्चि रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने ट्वीट किया, ‘हम अपने बहादुर सैनिकों के प्रति बहुत आभारी हैं जिन्होंने भूस्खलन बचाव अभियान के दौरान अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। आपके साहस और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकेगा।’

सैनिकों के साहस को देखते हुए स्थानीय लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘भारतीय सेना की जय’ के नारे भी लगाए। वायनाड जिला प्रशासन ने बचाव और खोज अभियान में शामिल सेना के जवानों के लिए विदाई समारोह का भी आयोजन किया।

सभी जिलों से लोगों ने की मदद

कर्नल परमवीर सिंह नागरा ने ANI को बताया, ‘यह स्थानीय लोगों और प्रशासन के सहयोग से मेजर जनरल मैथ्यू के नेतृत्व में किया गया एक संयुक्त अभियान था। स्वयंसेवकों की कोई कमी नहीं थी। न केवल वायनाड से बल्कि केरल, तमिलनाडु के सभी जिलों से लोग आए और हमारी सहायता की।’

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