शुरुआती दौर में कैंसर के लक्षणों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि कैंसर की बीमारी अब लाइलाज नहीं 

शुरुआती दौर में कैंसर के लक्षणों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि कैंसर की बीमारी अब लाइलाज नहीं

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

शुरुआती लक्षणों के आधार पर कैंसर रोग की पहचान करना हुआ आसान: सिविल सर्जन

कैंसर स्क्रीनिंग के बाद मरीजों को सदर अस्पताल किया जाता है रेफर: एनसीडीओ

अप्रैल महीने में 1894 ग्रामीणों का हुआ कैंसर स्क्रीनिंग: डॉ विक्रम आनंद

श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार):

कैंसर की बीमारी अब लाइलाज बीमारी नहीं है। लेकिन इसका सही समय पर जानकारी होने के साथ ही शुरुआती दौर में इसकी लक्षणों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि वर्तमान समय के युवाओं में पान, गुटखा या पान मसाला खाने के कारण पुरुषों में मुंह के कैंसर के अत्यधिक मामले सामने आ रहे हैं। वहीं महिलाओं में इन दिनों स्तन कैंसर प्रमुख कारण बन रहा है। इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों की आशा, विद्यालय के शिक्षकों , सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) और एएनएम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

 

शुरुआती लक्षणों के आधार पर कैंसर रोग की पहचान करना हुआ आसान: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि सदर अस्पताल में बायोप्सी सेवाओं का संचालन मुंह के कैंसर के संभावित मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है। अस्पताल में पूर्व से ही कैंसर ओपीडी सेवा संचालित की जा रही है। बायोप्सी सेवा का संचालन शुरू होने से संभावित मरीजों की समय पर जांच व उपचार संभव हो सकेगा। शुरुआती लक्षणों के आधार पर कैंसर रोग की पहचान करना आसान है। इसके लिए सदर अस्पताल में ओपीडी सेवा संचालित की जा रही है। साथ ही सप्ताह में तीन दिन जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य मेला का आयोजन कर विशेष रूप से कैंसर स्क्रीनिंग भी की जाती है । ताकि अधिक से अधिक मरीजों की पहचान कर उसका उपचार किया जा सके।

 

 

कैंसर स्क्रीनिंग के बाद मरीजों को सदर अस्पताल किया जाता है रेफर: एनसीडीओ
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी (एनसीडीओ) डॉ भूपेंद्र कुमार ने बताया कि मुंह में किसी भी तरह की घाव या दर्द की शिकायत होने पर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के दंत चिकित्सकों की सलाह पर अनिवार्य रूप से जांच करानी चाहिए। ताकि कैंसर होने की स्थिति में उसका इलाज संभव हो सके। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कैंसर स्क्रीनिंग के बाद मिले मरीजों को सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। जिसके बाद सदर अस्पताल के दंत चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों के सहयोग से होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के स्थानीय विशेषज्ञों की टीम द्वारा मुंह की कैंसर के 02 संभावित व्यक्तियों की सफलता पूर्वक बायोप्सी की गयी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सदर अस्पताल में बायोप्सी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इससे मुंह का कैंसर के संभावित मरीजों को बहुत ज्यादा सहूलियत हो रही हैं। हालांकि कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान होने पर आसानी से इसका इलाज स्थानीय सदर अस्पताल में संभव है।

 

अप्रैल महीने में 1894 ग्रामीणों का हुआ कैंसर स्क्रीनिंग: डॉ विक्रम आनंद
होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के चिकित्सक डॉ विक्रम आनंद ने बताया कि अप्रैल महीने में 1894 मरीजों को कैंसर से सबंधित उचित परामर्श दिया गया है। जिसमें स्तन कैंसर के 15, बच्चेदानी के 04, ओरल कैंसर के 08 संदिग्ध मरीजों की पहचान हुई है जबकि 02 का बायोप्सी किया गया है। हालांकि इसके साथ ही मांझी प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर नचाप, बंगरा, मटियार, ताजपुर और झखड़ा जबकि गड़खा प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर इटवा, कोठियां, महम्मदा, अलोनी और गलीमापुर गांव में विशेष रूप से स्वास्थ्य जांच शिविर लगाकर कैंसर जागरूकता अभियान चलाया गया है। इस अभियान में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम, आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षित किया गया है। ताकि ग्रामीणों को जागरूक किया जा सके।

Leave a Reply

error: Content is protected !!