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बुल्ली बाई एप के जरिए मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने साजिश चल रही थी-मुंबई पुलिस. - श्रीनारद मीडिया

बुल्ली बाई एप के जरिए मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने साजिश चल रही थी-मुंबई पुलिस.

बुल्ली बाई एप के जरिए मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने साजिश चल रही थी-मुंबई पुलिस.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

टेक्नोलॉजी का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो वो काम फायदेमंद है। लेकिन अगर इसका इस्तेमाल गलत तरीके से किया जाए तो इसके काफी ज्यादा नुकसान भी हैं। टेक्नोलॉजी को कुछ लोग बहुत अच्छे तरीके से इस्तेमाल करते हैं तो कुछ लोग इसका इस्तेमाल ऐसे करते हैं कि जिससे बवाल बढ़ जाता है। इन दिनों एक ऐसे एप को लेकर भी बवाल बढ़ गया है। जिसका इस्तेमाल गलत तरीके से किया गया। एक एप इन दिनों काफी ज्यादा सुर्खियों में है। सुर्खियों में क्या हम कह सकते हैं कि इस ऐप को लेकर काफी ज्यादा विवाद हो रहा है।

दरअसल, इस ऐप में ऐसे आपत्तिजनक पोस्ट थे जिसको लेकर नाराजगी जताई गई। हम बुल्ली बाई एप के बारे में बात कर रहे हैं। इस एप के जरिए मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने की जो साजिश चल रही थी, उसमें जो लोग शामिल थे वो चौंकाने वाला है उसमें जो लोग शामिल थे वो चौंकाने वाला है। एक की उम्र 18 साल, दूसरे की 21 साल… दोनों पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स। इस उम्र में मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने की इनकी साजिश हर किसी को हैरान कर रही है।

5 लाइनों में बुल्ली बाई ऐप विवाद 

बुल्ली बाई लोगों को बरगलाने और वित्तीय लाभ कमाने के लिए देश भर में एक संदिग्ध समूह (उनमें से अधिकांश की पहचान अभी बाकी है) द्वारा विकसित एक एप है।

एप को बनाने के पीछे का मकसद भारतीय महिलाओं (ज्यादातर मुस्लिम) की नीलामी के लिए रखना और बदले में पैसा कमाना है।

‘बुल्ली बाई’ एप माइक्रोसॉफ्ट के मालिकाना हक वाली ओपन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट साइट GitHub पर बनाया गया था।

बुल्ली बाई जैसी घटनाओं में, साइबर अपराधी इंटरनेट से लोकप्रिय महिलाओं, सेलेब्स, प्रभावशाली लोगों, पत्रकारों आदि की तस्वीरें लेते हैं और उनका उपयोग अपने वित्तीय लाभ के लिए करते हैं।

ये ऑनलाइन स्कैमर्स सोशल मीडिया अकाउंट से इन महिलाओं की तस्वीरें चुराते हैं और उन्हें प्लेटफॉर्म पर लिस्ट कर देते हैं। एप पर प्रोफाइल में पीड़ितों की फोटो और दूसरे पर्सनल डिटेल शामिल थे, जो महिलाओं की सहमति के बिना बनाई।

एप के हैंडलर्स 21 साल के इंजिनियरिंग स्टूडेंट विशाल झा और 18 साल की श्वेता सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। उत्तराखंड की निवासी श्वेता इस मामले की मास्टरमाइंड बताई जा रही है, जिसे मुंबई पुलिस की साइबर सेल गिरफ्त में लेकर पूछताछ कर रही है। महाराष्ट्र पुलिस ‘बुल्ली बाई’ ऐप मामले में गिरफ्तार 18 साल की लड़की को उत्तराखंड से पांच दिन की ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई ले जा चुकी है। बताया जा रहा है कि युवती के ट्विटर अकाउंट से कई फोटो शेयर की गईं थीं। मुंबई पुलिस ने बुल्ली बाई केस में उत्तराखंड से एक औऱ छात्र मयंक रावल को गिरफ्तार किया है।

सोशल साइट्स पर दोस्ती

महाराष्ट्र पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु से गिरफ्तार एक अन्य आरोपी विशाल कुमार झा इंजीनियरिग का छात्र है और फेसबुक और इंस्टाग्राम से श्वेता के साथ संपर्क में थे। यही वजह है कि मामले सामने आने पर सबसे पहले महाराष्ट्र पुलिस ने विशाल की गिरफ्तारी की थी और पूछताछ में सबसे पहला नाम रुद्रपुर की युवती श्वेता सिंह का सामने आया। सोशल साइट्स पर दोनों आरोपियों की दोस्ती होने के बाद लगातार एक-दूसरे के संपर्क में रहे, जिसकी पुष्टि सीडीआर और सोशल साइटस से महाराष्ट्र पुलिस ने कर ली थी। विशाल कुमार झा ने खालसा सुपरिमेसिस्ट नाम से एक अकाउंट बनाया था।

लड़की के माता पिता की हो चुकी है मौत

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी में बताया गया है कि रुद्रपुर से लड़की को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया है। युवती से हुई पूछताछ में पता लगा कि उसके पिता की मई 2021 में कोरोना से मौत हो चुकी है। पिता एक कंपनी में काम करते थे। मां की मौत 2011 में ही हो चुकी है। युवती खुद इंटर पास करके परीक्षा की तैयारी कर रही थी। उसकी तीन बहने हैं। एक बहन बीकॉम थर्ड ईयर में है, तो दूसरी बहन नवोदय में 10वीं क्लास में है। एक छोटा भाई है, जो छठी में पढ़ता है। परिवार का खर्चा वात्सल्य योजना के तहत मिलने वाले 3000 रुपये और पिता की कंपनी से मिलने वाले 10,000 रुपये से चलता है।

प्रभावशाली महिलाओं को बनाया जा रहा निशाना

इसमें उन मुस्लिम महिलाओं का नाम इस्तेमाल किया जा रहा है, जो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है। इनमें वे मुस्लिम महिलाएं हैं, जो राजनीतिक और सामाजिक रूप से तीखे मसलों पर अपनी आवाज उठाती है। ऐप पर जानी-मानी पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों की तस्वीरें नीलामी के लिए डाली गई थीं।

सिखों और मुसलमानों के बीच नफरत

मुंबई पुलिस ने जांच में खुलासा किया है कि सोशल मीडिया मंच पर कई अकाउंट बनाए गए ताकि सिख और मुसलमानों के बीच विवाद पैदा किया जा सके। उन्होंने ट्विटर पर @bullibai_, @Sage0x11, @hmmaachaniceoki, @jatkhalsa, @jatkhalsa7, @Sikh_khalsa11, @wannabesigmaf जैसे अकाउंट के बारे में जानकारी दी। इन अकाउंट का इस्तेमाल इस मामले में किया जा रहा था।

नेपाल का भी युवक निशाने पर

पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड से गिरफ्तार लड़की की कुछ दिनों पहले नेपाली लड़के Giyou दोस्ती हुई थई। उसी ने लड़की को फेक अकाउंट बनाने को कहा था। अब पुलिस की नजर नेपाली युवक पर भी है। उसकी भी गिरफ्तारी किसी भी समय हो सकती है।

शिवसेना सांसद ने की कार्रवाई की मांग

द वायर की पत्रकार इस्मत आरा को जब इस प्लैटफॉर्म पर अपनी तस्वीर के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने दिल्ली साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिवसेना सांसद ने भी मुंबई पुलिस से इस मामले की जांच के साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने इस मामले को मुंबई पुलिस के सामने उठाया है और मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

सुल्ली डील पर हुआ था विवाद 

इससे पहले सुल्ली डील्स नाम से बने एक ऐप को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया गया था। मुस्लिम महिलाओं के नाम, फोटो और सोशल मीडिया प्रोफाइल शेयर की गई थी। 80 से ज्यादा तस्वीर नाम के साथ डाली गई।  तस्वीरों के आगे उनकी कीमत लिखी थी। एप के टॉप पर “Find Your sulli” लिखा था। बता दें कि  ‘सुल्ली’ या ‘सुल्ला’ मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द है।

बहरहाल, इस बात को समझना जरूरी है कि अभी इस मामले की जांच शुरू हुई है। जो लोग अभी नजर आए हैं और पकड़े गए हैं उनकी वास्तविक भूमिका का पता लगाना अभी बाकी है। ये भी देखा जाना है कि ये लोग किन परिस्थितियों में और किन लोगों के कहने से इस मामले से जुड़े थे। जहां तक इस प्रकरण की बात है तो पुलिस की जांच सही ढंग से आगे बढ़कर इसके सभी दोषियों को कानून के अनुरूप सजा दिलाई जा सकती है। लेकिन इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है समाज को इस जहरीली सोच के चंगुल से आजाद कराना।

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