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आज का सामान्य ज्ञान  :  पेट्रोल, दूध या पानी के टैंकर हमेशा गोल ही होते हैं, चोकोर क्यों नहीं? ये होती है इसकी वजह  - श्रीनारद मीडिया

आज का सामान्य ज्ञान  :  पेट्रोल, दूध या पानी के टैंकर हमेशा गोल ही होते हैं, चोकोर क्यों नहीं? ये होती है इसकी वजह 

आज का सामान्य ज्ञान  :    पेट्रोल, दूध या पानी के टैंकर हमेशा गोल ही होते हैं, चोकोर क्यों नहीं? ये होती है इसकी वजह

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श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

आपने गौर किया होगा कि जब आप किसी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने के लिए जाते हैं, और वहां पेट्रोल का टैंकर खड़ा होता है तो उसका आकार गोल (बेलनाकार) होता है. कभी सोचा है कि यह गोल ही क्यों होता है, चौकोर या फिर किसी और शेप का क्यों नहीं? इसके अलावा, दूध या पानी के टैंकर पर भी अगर आपने गौर किया होगा तो पाया होगा कि दूध का टैंकर और पानी का टैंकर भी गोल ही होता है. तेल, दूध या पानी तीनों ही तरल पदार्थ हैं तो हम कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि भारी मात्रा में तरल पदार्थ को सप्लाई करने के लिए बेलनाकार टैंकर का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, हमारा सवाल है कि कोई और शेप क्यों नहीं होता है? आइए जवाब जानें..

💧गोल टैंकर का ही इस्तेमाल क्यों?👉🏻
थोड़ा इतिहास को खंगाला जाए तो गोल टैंकर की शुरुआत सबसे पहले पेट्रोल के लिए ही हुई थी. अब सभी तरह के तरल पदार्थों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाने लगा है. दरअसल, इसके पीछे गणित काम करती है. अगर टैंकर गोल (बेलनाकार) होता है तो उसमें अधिक मात्रा में तरल पदार्थ भरा जा सकता है. इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है. आइए इसे भी समझते हैं.

💧वैज्ञानिक वजह👉🏻
विज्ञान कहता है कि जब भी हम किसी तरल पदार्थ को किसी चीज़ में रखते हैं तो पदार्थ एक प्रेशर जेनरेट करता है, जिससे बाहर की तरफ कोनों के जरिए बल लगता है. अब ऐसे में, अगर टैंकर गोल नहीं बल्कि चौकोर आदि शेप का होगा तो उसकी उम्र काफी कम हो जायेगी. टैंकर के कोने प्रेशर की वजह से जल्दी खराब हो जायेंगे, जबकि गोल होने पर प्रेशर पड़ने पर तरल पदार्थ बाहर नहीं आएगा, क्योंकि गोल टेंकर में कोई कोना नहीं होता है.

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