अटारी बॉर्डर से भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला व्यापार बंद
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जब बना अटारी-वाघा चेक पोस्ट
आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान को विभाजित करने वाली अंतरराष्ट्रीय रेखा व्यापार के प्रमुख केंद्र माने जाने वाले इसी कॉरिडोर से होकर गुजरी। भारत के हिस्से में अटारी आया और पाकिस्तान के हिस्से में वाघा।ये दोनों गांव एक-दूसरे से महज 3 किलोमीटर की ही दूरी पर हैं। इसी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चेकपोस्ट बनी और इसे अटारी-वाघा चेक पोस्ट कहा गया। कहते हैं कि अटारी में कभी महाराजा रणजीत सिंह की मिलिट्री कमांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जनरल शाम सिंह अटारीवाला का घर था।
व्यापार के लिए बेहद अहम रूट
- विभाजन ने दोनों देशों के बीच एक सीमा रेखा तो बना दी, लेकिन व्यापार और आवागमन उसके बाद भी जारी रहा। भारत और पाकिस्तान के बीच एक दौर में चलने वाली समझौता एक्सप्रेस भी अटारी से वाघा और वाघा से अटारी तक जाती थी। अटारी-वाघा चेक पोस्ट से ही भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार होता है।
- इसे पाकिस्तान के लिए भारत का एकलौता ऑपरेशनल लैंड पोर्ट कह सकते हैं। भारत इस रूट से सब्जियां, सोयाबीन उत्पाद, लाल मिर्च और प्लास्टिक मैटेरियल एक्सपोर्ट करता है, जबकि अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट, रॉक सॉल्ट, सीमेंट व दूसरे उत्पाद पाकिस्तान के रास्ते इसी रूट से भारत आते हैं।
पाकिस्तान को होगा हजारों करोड़ का नुकसान
साल 2023-24 में अटारी के रास्ते करीब 3,886.53 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ। इस दौरान करीब 71,563 लोगों ने बॉर्डर पार किया। पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के रिश्तों का असर व्यापार पर भी पड़ा है। 2018-19 में व्यापार अपने शीर्ष पर था, जब 4,370.78 रुपये का ट्रेड हुआ था। इसके बाद 2019-20 में 2,772.04 करोड़ और 2020-21 में 2,639.95 करोड़ का व्यापार हुआ। कोरोना ने ट्रेड को थोड़ा और धीमा किया, जिससे ट्रेड के आंकड़े 2022-23 में घटकर 2,257.55 करोड़ रुपये हो गए थे। अब अटारी बॉर्डर के बंद हो जाने से पाकिस्तान को हजारों करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है।
बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी के लिए प्रसिद्ध
अटारी बॉर्डर पर हर शाम भारतीय सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तानी रेंजर्स के जवान ड्रिल करते हैं। ड्रिल के बाद सम्मान सहित राष्ट्रीय ध्वज को उतारा जाता है। इस बॉर्डर पर ही पाकिस्तान के सुरक्षा बलों के साथ दीवाली, ईद या स्वतंत्रता दिवस पर मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान होता है।
हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे हालिया तनाव के बाद इस बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को भी बंद किया जा सकता है। भारत ने सिंधु जल समझौते को भी रद कर दिया है। वहीं भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद कर दिया है।
वस्तुओं के आयात पर तत्काल रोक
शनिवार को पाकिस्तान ने एक मिसाइल परीक्षण भी किया है जिसे मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति में उकसाने वाली गतिविधि बताया जा रहा है। विदेश कारोबार महानिदेशक (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना जारी करके पाकिस्तान निर्मित या वहां से आनी वाले किसी भी तरह के वस्तुओं के आयात को तत्काल रोक दिया है।
दोनों देशों के बीच व्यापार जीरो
- भारत ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान आयात पर दो सौ प्रतिशत का शुल्क लगा दिया था। भारत पाकिस्तान से सिर्फ पांच लाख डालर के सामान का आयात करता है जो अब घट कर शून्य रह जाएगा। वैसे ये भी बता दें कि अप्रैल-जनवरी 2024-25 के दौरान भारत का पाकिस्तान के साथ व्यापार 447.65 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि आयात केवल 0.42 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि वर्ष 2012-13 तक भारत व पाकिस्तान आपसी कारोबार को बढ़ाने की बात कर रहे थे। तब भारत सरकार ने पाकिस्तानी उत्पादों के आयात पर लगे प्रतिबंध को समाप्त करने की बात कही थी। पाकिस्तान सरकार ने भी ऐसा एलान किया था। आतंकवाद को पाकिस्तानी मदद की वजह से अब दोनों देशों के बीच कारोबार घटकर जीरो हो जाएगा।
- उधर, डाक विभाग ने एक पंक्ति की सूचना में बताया है कि भारत सरकार ने यह फैसला किया है कि पाकिस्तान से जहाज या किसी दूसरे माध्यम से आने वाली सारी चिठ्ठियों और पार्सलों को रोका जा रहा है। दूरसंचार के दौर में पत्रों का आदान-प्रदान तो काफी कम हो गया था लेकिन दोनों देशों के बीच पार्सलों का आदान-प्रदान निश्चित तौर पर सीमित मात्रा में होता था।
पत्रों और पार्सलों पर लगी रोक
इसमें खासतौर पर दोनों देशों में रहने वाले परिजन या मित्र एक दूसरे को तोहफा वगैरह भेजते थे। भारत ने जब अगस्त, 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद-370 समाप्त करने का फैसला किया था तब पाकिस्तान ने भारत से आने वाले पत्रों व पार्सलों पर रोक लगा दी थी। हालांकि कुछ ही महीने बाद पत्रों पर लगी रोक हटा ली गई थी।