दिव्यांग खिलाड़ियों के बीच क्रिकेट का लुफ्त उठाते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ…

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➡️सीएम योगी ने कहा- पहले की सरकारों में कुछ लोग सिर्फ अपना और अपने परिवार का सम्मान कराना चाहते थे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लौह पुरुष सरदार बल्लभभाई पटेल की 147वीं जयंती के अवसर पर मनाए जा रहे राष्ट्रीय एकता दिवस के कार्यक्रमों में हुए सम्मलित

राष्ट्र नायकों के प्रति सम्मान का भाव हमें निरंतर एक नई प्रेरणा प्रदान करता है: सीएम योगी

बोले सीएम योगी- सरदार पटेल की परिकल्पना है एक भारत-श्रेष्ठ भारत

श्रीनारद मीडिया, लक्ष्‍मण सिंह, स्‍टेट डेस्‍क:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की सरकारों में कुछ लोग सिर्फ अपना और अपने परिवार का सम्मान कराना चाहते थे। पिछले साढ़े आठ वर्षों में इस भाव को किनारे कर दिया गया है। आज पूरा देश वतर्मान भारत के शिल्पी लौह पुरूष सरदार बल्लभभाई पटेल समेत सभी राष्ट्र नायकों का सम्मान कर रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में सभी का स्मरण किया गया। राष्ट्र नायकों के प्रति सम्मान का भाव हमें निरंतर एक नई प्रेरणा प्रदान करता है। इस दिशा में आज भारत दुनिया के लिए एक प्रेरणादायी देश बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम इस दिशा में तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को सरदार बल्लभभाई पटेल की 147वीं जयंती के अवसर पर मनाए जा रहे राष्ट्रीय एकता दिवस के कार्यक्रमों में सम्मलित हुए, जहां उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई और उन्हें संबोधित किया। पहला कार्यक्रम उनके सरकारी आवास पर ‘रन फॉर यूनिटी’ का हुआ, जिसमें हिस्सा ले रहे छात्र-छात्राओं को उन्होंने हरी झंडी दिखाकर फ्लैग ऑफ किया। जीपीओ पर आयोजित दूसरे कार्यक्रम में उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धाजंलि देते हुए नमन किया।

सरदार पटेल को विस्मृत करने का किया गया प्रयास
सीएम योगी ने कहा कि आजादी के बाद कुछ सरकारों ने सरदार पटेल को विस्मृत करने का प्रयास किया, लेकिन हम सब प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं जिन्होंने उनकी स्मृति में कई कार्यक्रम प्रारम्भ किए। इन्हीं कार्यक्रमों की श्रृंखला में उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों समेत देश के 600 से अधिक जिलों में रन फॉर यूनिटी का यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक भारत-श्रेष्ठ भारत की जिस परिकल्पना को साकार किया जा रहा है वास्तव में इसके शिल्पी सरदार बल्लभभाई पटेल हैं।

कश्मीर विकास की ऊंचाइयों को छू रहा है
सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल जैसा महानायक जिस देश में हो वह आतंकवाद, उग्रवाद और भ्रष्टाचारियों के सामने घुटने नहीं टेक सकता। वह देश मजबूती के साथ इस प्रकार की दुष्प्रवृत्तियों के साथ लड़ने के लिए अपने आपको तैयार करता है। आज देश के अंदर नक्सलवाद समाप्त हो रहा है। कश्मीर फिर से भारत के संविधान के दायरे में आकर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। पूर्वोत्तर के राज्यों में कभी उग्रवाद चरम पर था, आज वह राज्य भारत के अन्य राज्यों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश को ही देखें तो आज वहां के नागरिकों के संबोधन में जय हिंद होता है। कभी कोई दुश्मन देश वहां की भूमि का अतिक्रमण करने का प्रयास करता है तो वहां के लोग डट कर खड़े हो जाते हैं।

आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे सरदार पटेल का दृष्टिकोण
सीएम योगी ने कहा कि आजादी के समय 563 से अधिक रियासतें भारत के अंदर थीं। हम सब जानते हैं कि ब्रिटिश सरकार भारत को कई टुकड़ों में बांटना चाहती थी। लेकिन सरदार पटेल ने अपनी सूझ-बूझ, संगठन क्षमता और मातृभूमि के प्रति उनकी अगाध निष्ठा से भारत को एकता के सूत्र में बांधते हुए शांतिपूर्ण तरीके सभी रियासतों को वर्तमान भारत का हिस्सा बनाया। जूनागढ़ और हैदराबाद की रियासतें इस प्रयास में थीं कि वो अपना स्वतंत्र अस्तित्व बना लें या पाकिस्तान के साथ चली जाएं, लेकिन उनकी एक नहीं चल पाई। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के आदर्श और उनका दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचना अनिवार्य है। देश के युवाओं को उनके बलिदान, योगदान और सपनों से अवगत होना चाहिए। जिन मूल्यों और आदर्शों के लिए इस राष्ट्र शिल्पी ने अपना पूरा जीवन समर्पित किया था उसके लिए हम प्रयासरत रहे और उसे साकार करें।

अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक हुआ हर व्यक्ति
सीएम योगी ने कहा कि आज इस देश में केवल अधिकारों की ही चर्चा नहीं होती है। वे दिन लद गए जब हम केवल ट्रेड यूनियन के ही नारे सुनते थे कि ‘हमारी मांगे पूरी हो चाहे जो मजबूरी हो’। आज देश का प्रत्येक व्यक्ति यह मानता है कि संविधान द्वारा हमें कुछ मौलिक अधिकार मिले हैं तो कुछ कर्तव्य भी तय किए गए है। आज हर व्यक्ति अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक हुआ है। यह नेतृत्व पर निर्भर करता है कि वह किस प्रकार से देश के प्रत्येक नागरिक को जोड़ता है।

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