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क्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन धमाका करने की योजना थी? - श्रीनारद मीडिया

क्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन धमाका करने की योजना थी?

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 एनआईए ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

एनआईए ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। एजेंसी ने ब्लास्ट के पीछे ISIS के आतंकियों का हाथ होना बताया है। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ को आरोपी बनाया है।

एनआईए ने चार्जशीट में बताया कि कैफे में शाजिब ने बॉम्ब प्लांट किए थे। इसमें अहमद ताहा ने भी उसकी मदद की थी। पूर्व में दोनों आईएसआईएस से भी जुड़े थे। दोनों आतंकी आईएसआईएस की विचारधारा फैलाने का काम करते थे और अन्य मुस्लिम युवाओं को भी इसमें जोड़ने की मुहिम चलाते थे। अन्य दो आरोपी माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ऐसे ही युवा हैं, जो उनके बहकावे में आ गए थे।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी, NIA ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें एजेंसी ने चार लोगों को आरोपी बनाया है।

एनआईए ने मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में पहचाने गए आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है। चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

बेंगलुरु के हाई प्रोफाइल रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है. आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में की गई है. इनके खिलाफ आईपीसी, यूए(पी) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और पीडीएलपी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया गया है.

इस चार्जशीट में एनआईए ने कई बड़े खुलासे किए हैं. इसमें बताया गया है कि आईएसआईएस का साउथ मॉड्यूल ने 22 जनवरी को अयोध्या में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम के बीजेपी जिला मुख्यालय में आईडी हमले की साजिश रची थी. इसके पीछे आईएसआईएस अल हिंद मॉड्यूल प्रमुख सूत्रधार है. विदेश से बैठकर आतंकी महबूब पाशा कोड नेम से मास्टरमाइंड को हमले का निर्देश दे रहे थे. लेकिन साजिश विफल होने के बाद कैफे में ब्लास्ट किया गया.

इसी साल 1 मार्च को आईटीपीएल बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड स्थित रामेश्वरम कैफे में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे. इस धमाके में होटल की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था. एनआईए ने 3 मार्च को इस मामले की जांच शुरू की थी. जांच से पता चला कि मुसाविर हुसैनशाजिब ही वह व्यक्ति था, जिसने बम लगाया था. साल 2020 में अल-हिंद मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद अब्दुल मथीन अहमद ताहा के साथ वो फरार हो गया था.

डार्क वेब की मदद से बनाए थे फर्जी दस्तावेज

ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से भारतीय सिम कार्ड और भारतीय बैंक खातों का इस्तेमाल किया था. इसके साथ ही आरोपियों ने डार्क वेब की मदद से भारतीय और बांग्लादेशी पहचान के लिए फर्जी दस्तावेजों को डाउनलोड किया था. जांच में आगे पता चला कि ताहा को पूर्व अपराधी शोएब अहमद मिर्जा ने मोहम्मद शहीद फैसल से मिलवाया था. ये लश्कर बेंगलुरु साजिश मामले में फरार है.

क्रिप्टो करेंसी की मदद से किया था फंड

इसके बाद ताहा ने अपने हैंडलर फैसल को अल-हिंद आईएसआईएस मॉड्यूल मामले के आरोपी महबूब पाशा और आईएसआईएस साउथ इंडिया के अमीर खाजा मोहिदीन से मिलवाया और बाद में माज मुनीर अहमद से भी मिलवाया. इसके लिए ताहा और शाजिब ने हैंडलर को क्रिप्टो करेंसी से फंड दिया था.

भाजपा दफ्तर उड़ाना चाहते थे आतंकी

जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने इस फंड का इस्तेमाल बेंगलुरु में कई तरह की हिंसा को अंजाम देने के लिए किया था. इनमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला भी शामिल था. इसके बाद दोनों मुख्य आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट का प्लान बनाया था. फिलहाल मामले की जांच जारी है.

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