Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन का क्या मामला है? - श्रीनारद मीडिया

भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन का क्या मामला है?

भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन का क्या मामला है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद  मीडिया सेंट्रल डेस्क

नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में भारत एवं यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन (European Free Trade Association- EFTA) के चार यूरोपीय देशों ने व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (Trade and Economic Partnership Agreement- TEPA) हेतु वर्ष 2018 से रुके हुए संवाद को पुनः शुरू करने की इच्छा व्यक्त की है।

  • TEPA का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के बीच टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करके बाज़ार पहुँच एवं निवेश प्रवाह को बढ़ावा देकर द्विपक्षीय व्यापार तथा आर्थिक सहयोग को बढ़ाना है।

यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन:

  • EFTA एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसे वर्ष 1960 में उन यूरोपीय राज्यों हेतु एक वैकल्पिक व्यापार ब्लॉक के रूप में स्थापित किया गया था जो यूरोपीय संघ (European Union- EU) में शामिल होने में असमर्थ या इसके अनिच्छुक थे।
    • EFTA में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विटज़रलैंड शामिल हैं, जो यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन विभिन्न समझौतों के माध्यम से इसके एकल बाज़ार तक उनकी पहुँच है।
  • EFTA भारत का 9वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जो वर्ष 2020-21 में भारत के कुल व्यापार का लगभग 2.5% हिस्सा है।
    • EFTA को भारत द्वारा निर्यात की जाने वाली मुख्य वस्तुएँ वस्त्र, रसायन, रत्न एवं आभूषण, मशीनरी और फार्मास्यूटिकल्स हैं।
    • EFTA से भारत द्वारा आयात की जाने वाली मुख्य वस्तुएँ मशीनरी, रसायन, कीमती धातुएँ और चिकित्सा उपकरण हैं।

व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (TEPA):

  • उद्देश्य:
    • TEPA का उद्देश्य उत्पादों की एक विस्तृत शृंखला पर टैरिफ एवं गैर-टैरिफ बाधाओं को समाप्त/कम करके भारत और EFTA के बीच व्यापार एवं निवेश के अवसरों में वृद्धि करना है।
    • इसका उद्देश्य सेवा प्रदाताओं और निवेशकों के लिये निष्पक्ष एवं पारदर्शी बाज़ार पहुँच की स्थिति सुनिश्चित करना, बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा और प्रवर्तन पर सहयोग को बढ़ाना है।
    • TEPA का उद्देश्य विवाद समाधान के प्रभावी तंत्र के साथ-साथ व्यापार प्रक्रियाओं एवं सीमा शुल्क सहयोग को सुविधाजनक बनाना है।
  • व्याप्ति:
    • TEPA एक व्यापक समझौता है जिसमें वस्तुओं तथा सेवाओं का व्यापार, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार, प्रतिस्पर्द्धा, सरकारी खरीद, व्यापार सुगमता, व्यापार उपचार, विवाद समाधान और आपसी हित के अन्य क्षेत्र शामिल हैं।
  • हालिया घटनाक्रम:
    • प्रतिभागियों ने वैश्विक आर्थिक और व्यापार वातावरण द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को स्वीकार किया।
    • भागीदार देशों ने रचनात्मक और व्यावहारिक तरीके से द्विपक्षीय व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी के मुद्दों को संबोधित करने पर सहमति व्यक्त की।
    • भारत ने TEPA वार्ताओं में लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण पर वार्ता को शामिल करने का प्रस्ताव रखा।
    • भारत आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध है।

EFTA देशों के साथ भारत के संबंध:

  • भारत और स्विट्ज़रलैंड संबंध:
    • तकनीकी और वैज्ञानिक सहयोग पर एक अंतर-सरकारी फ्रेमवर्क के समझौते पर हस्ताक्षर किये गए, जिससे ‘भारत-स्विस संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम’ (ISJRP) की शुरुआत हुई।
    • भारतीय कौशल विकास परिसर और विश्वविद्यालय, पुणे में इंडो-स्विस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तथा आंध्र प्रदेश में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र जैसे संस्थानों के माध्यम से दोनों देशों के बीच कौशल प्रशिक्षण सहयोग की सुविधा है।
    • स्विट्ज़रलैंडभारत में 12वाँ सबसे बड़ा निवेशक है, अप्रैल 2000 और सितंबर 2019 के बीच यह भारत में हुए कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का लगभग 1.07% था।
  • भारत और स्विट्ज़रलैंड संबंध:
    • सतत् विकास के लिये नीली अर्थव्यवस्था पर भारत-नॉर्वे टास्क फोर्स का गठन वर्ष 2020 में किया गया था।
    • नार्वे की 100 से अधिक कंपनियों ने भारत में खुद को स्थापित किया है।
    • नॉर्वेजियन पेंशन फंड ग्लोबल संभवतः भारत के सबसे बड़े एकल विदेशी निवेशकों में से एक है।
    • नॉर्वे के संस्थानों का चेन्नई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास और पवन ऊर्जा संस्थान के बीच अकादमिक सहयोग है।
    • नार्वे की कंपनी पिक्ल (Piql) भारतीय स्मारकों के लिये एक डिजिटल संग्रह बनाने में शामिल थी।
  • भारत और आइसलैंड संबंध:
    • भारत और आइसलैंड ने वर्ष 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित किये और वर्ष 2005 से उच्च स्तरीय यात्राओं और आदान-प्रदान के साथ संबंधों को मज़बूत किया है।
    • भारत और आइसलैंड लोकतंत्र, कानून के शासन एवं बहुपक्षवाद के साझा मूल्यों को साझा करते हैं।
    • आइसलैंड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिये भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया।
    • भारत और आइसलैंड व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, संस्कृति तथा विकास में सहयोग करते हैं।
    • आर्थिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिये दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए हैं, जैसे- दोहरा कराधान अपवंचन समझौता।
  • भारत और लिकटेंस्टीन संबंध:
    • दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान और सहयोग पर आधारित मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
    • दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2016-17 में 1.59 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
    • दोनों देशों ने अपने संबंधों को मज़बूत करने के लिये उच्च स्तरीय बैठकों का आदान-प्रदान किया है।
    • दोनों देशों ने दोहरा कराधान अपवंचन समझौते जैसे आर्थिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिये समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं।
    • लिकटेंस्टीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिये भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है।
  • यह भी पढ़े…………..
  • सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 क्या है?
  • आनंद मोहन:क्या है ‘रेमिशन पॉलिसी’? रिहा होने के बाद बिहार में क्यों मचा है बवाल?
  • जी कृष्णैया’ को याद कर भावुक हुए अभयानंद,क्यों?

Leave a Reply

error: Content is protected !!