भारत में कब-तक आने वाला है मॉनसून?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
उत्तर भारत समेत देशभर के इलाकों में गर्मी का कहर जारी है। दिन में गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ जा रही है कि बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में लोगों को मॉनसून का बेसब्री से इंतजार है। भारत में जल्द ही मॉनसून की दस्तक होने जा रही है। मौसम विभाग ने खुशखबरी दी है कि चार से पांच दिनों में मॉनसून केरल में एंट्री दे देगा। आमतौर पर मॉनसून की केरल में आने की तारीख एक जून होती है, लेकिन इस बार समय से काफी पहले ही मॉनसून की झमाझम बारिश देखने को मिलने लगेगी। केरल के अलावा, अन्य राज्यों में कब मॉनसून आमतौर पर आता है, उसकी तारीख भी मौसम विभाग ने बताई है।
मौसम विभाग के अनुसार, कर्नाटक में आमतौर पर मॉनसून पांच जून को आता है। इसके अलावा, महाराष्ट्र में 10 जून के आसपास मॉनसून की एंट्री होती है। वहीं, मध्य प्रदेश में 15 जून, गुजरात के कुछ इलाकों में 15 जून तो अन्य इलाकों में 20 और 25 जून को मॉनसून आता है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मॉनसून 25-30 जून के बीच आ सकता है। राजस्थान में 25 जून, 30 जून और कुछ इलाकों में पांच जुलाई को मॉनसून का आगमन होता है। वहीं, जम्मू कश्मीर में 25 जून, उत्तराखंड में 20 जून के आसपास मॉनसून के आने का समय होता है।
अन्य राज्यों की बात करें तो यूपी में कुछ इलाकों में मॉनसून 15 जून तो कुछ इलाकों में 20 जून तक पहुंचता है। इसके अलावा, बिहार में 10 जून तक मॉनसून आ जाता है। मौसम विभाग ने एक मैप जारी करते हुए विस्तार से बताया है कि किस राज्य में कब तक मॉनसून आमतौर पर पहुंचता है। इसमें नीली लाइनें बताती हैं कि अभी कहां है मॉनसून, जबकि रेड लाइन बताती है कि आमतौर पर मॉनसून कब आता है।
बता दें कि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पूर्वानुमान लगाया है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 27 मई को केरल में दस्तक दे सकता है, जो 1 जून को अपनी सामान्य तिथि से पांच दिन पहले आ जाएगा। केरल में मॉनसून का आना एक महत्वपूर्ण मौसम संबंधी संकेत है। इसके बाद ही पूरे देशभर में मॉनसून आगे की ओर बढ़ता है और चिलचिलाती गर्मी से राहत मिलती है। वहीं, किसानों के हिसाब से भी समय से पहले मॉनसून का आना महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। इससे फसल की बुवाई भी समय पर शुरू हो जाती है।
मौसम में आ रहे इन बदलावों का दक्षिण-पश्चिम में आने वाले मानसून पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विशेषज्ञ के मुताबिक, ये मानसून मई के आखिरी हफ्ते तक आएगा। देश में सामान्य मानसून के लिए एक महत्वपूर्ण कारण उत्तर-पश्चिम भारत में ‘हीट लो’ का आना है। इससे कम दबाव की एक परत बनती है जो मानसून गर्त से नम हवा को खींचती है। इसके अभाव में, मानसून कम हो सकता है। अभी कोई हीट लो नहीं है।
मई के आखिर तक कैसा होगा मौसम?
मई में भारत में असामान्य मौसम देखा गया, जिसमें देश के कई राज्यों में बार-बार बारिश और धूल भरी आंधी दर्ज की गई। बता दें, देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों का दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जिसके मई के अंतिम सप्ताह में आने की उम्मीद है।
आईएमडी के महानिदेशक ने आगे कहा, मई के आखिरी हफ्ते के दौरान हम उम्मीद कर रहे हैं कि गर्मी की लहर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को कवर करेगी हमने पूर्वानुमान लगाया है। वहीं हम 27 मई के आसपास बंगाल की खाड़ी और केरल में मानसून के जल्दी आने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन इसकी शुरुआत को बारिश की मात्रा से नहीं जोड़ा जा सकता। कितनी बारिश होगी, यह देखने और निगरानी करने की जरूरत है।
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