Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
भारत-भूटान के संबंध क्यों महत्वपूर्ण है? - श्रीनारद मीडिया

भारत-भूटान के संबंध क्यों महत्वपूर्ण है?

भारत-भूटान के संबंध क्यों महत्वपूर्ण है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत और भूटान ने भूटान के राजा की भारत यात्रा के दौरान व्यापार एवं साझेदारी बढ़ाने के लिये क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के नए मार्गों पर चर्चा करने तथा सीमा व इमिग्रेशन पोस्ट को आधुनिक बनाने पर सहमति व्यक्त की।

  • क्षेत्रीय कनेक्टिविटी:
    • भारत और भूटान क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के नए मार्गों पर चर्चा करने पर सहमत हुए हैं, जिसमें भूटान में गेलेफू तथा असम में कोकराझार के बीच 58 कि.मी. तक सीमा पार रेल लिंक का विकास शामिल है।
    • इसके अतिरिक्त भूटान के समत्से और पश्चिम बंगाल के चाय बागानों के क्षेत्र में बनारहाट (Banarhat) के बीच लगभग 18 कि.मी. लंबे दूसरे रेल लिंक की खोज करने की योजना है।
    • दोनों पक्षों ने इस परियोजना का समर्थन करने के लिये सीमा और इमिग्रेशन पोस्ट को आधुनिक बनाने पर चर्चा की, यह सीमा क्षेत्र के लिये एक महत्त्वपूर्ण विकास हो सकता है।
  • व्यापार और कनेक्टिविटी:
    • दोनों देश व्यापार के बाद वस्तुओं को पश्चिम बंगाल के हल्दीबाड़ी से बांग्लादेश के चिल्हाटी तक ले जाने की अनुमति देकर व्यापार को सुविधाजनक बनाने पर सहमत हुए, जिसका उद्देश्य व्यापार के अवसरों को बढ़ाना तथा भारतीय क्षेत्र के माध्यम से भूटान एवं बांग्लादेश के बीच माल की आवाजाही को आसान बनाना है।
  • इमिग्रेशन चेक पोस्ट:
    • असम और भूटान के दक्षिणपूर्वी ज़िले के बीच दरंगा-समद्रुप जोंगखार सीमा को एक इमिग्रेशन चेक पोस्ट के रूप में नामित किया जाएगा।
    • इससे न केवल भारतीय और भूटानी नागरिकों को बल्कि तीसरे देश के नागरिकों को भी इस क्षेत्र में प्रवेश करने तथा बाहर जाने की अनुमति मिलेगी, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा कनेक्टिविटी बेहतर हो सकेगी।
  • भूटानी SEZ परियोजना के लिये समर्थन:
    • दोनों पक्ष दादगिरी (असम) में मौजूदा भूमि सीमा शुल्क स्टेशन को आधुनिक “एकीकृत चेक पोस्ट” (ICP) में अपग्रेड करने के साथ-साथ “गेलेफू में भूटानी पक्ष पर सुविधाओं के विकास” के साथ व्यापार बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने पर सहमत हुए, जो भारत के भूटानी विशेष आर्थिक क्षेत्रों (Special Economic Zones- SEZ) परियोजना के लिये समर्थन को दर्शाता है।
  • विकासीय सहायता: 
    • भारत ने 13वीं पंचवर्षीय योजना पर विशेष ध्यान देने के साथ भूटान के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये अपना समर्थन जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है। यह उनके मज़बूत द्विपक्षीय संबंधों के प्रति स्थायी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
      • 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिये भारत का 4,500 करोड़ रुपए का योगदान भूटान के कुल बाह्य अनुदान घटक का 73% था।
  • ग्लोबल साउथ के लिये भारत के समर्थन की सराहना:
    • भूटान ने हाल के G20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन करने तथा दिल्ली घोषणा में उल्लिखित आम सहमति और रचनात्मक निर्णयों को बढ़ावा देने के लिये भारत की प्रशंसा की।
    • भूटान ने G20 विचार-विमर्श में ग्लोबल साउथ देशों के हितों और प्राथमिकताओं को एकीकृत करने के लिये भारत के समर्पण की सराहना की।
  • भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी:
    • 1020 मेगावाट पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना (Punatsangchhu-II hydropower project) के निर्माण की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया, इसके वर्ष 2024 में शीघ्र प्रारंभ होने की उम्मीद है।
    • मौजूदा भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी को हाइड्रो से गैर-हाइड्रो नवीकरणीय ऊर्जा तक विस्तारित करने के लिये एक समझौता हुआ, जिसमें सौर ऊर्जा तथा हाइड्रोजन और ई-मोबिलिटी से संबंधित हरित पहल भी शामिल है।
    • भारत ने इन क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिये आवश्यक तकनीकी और वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया।
  • ऑपरेशन ऑल क्लियर को याद करना:
    • भूटान के राजा ने ऑपरेशन ऑल क्लियर को याद किया जो वर्ष 2003 में भूटान के दक्षिणी क्षेत्रों में असम अलगाववादी विद्रोही समूहों के खिलाफ रॉयल भूटान सेना द्वारा चलाया गया एक सैन्य अभियान था।

भारत के लिये भूटान का क्या महत्त्व है?

  • रणनीतिक महत्त्व:
    • भूटान की सीमाएँ भारत तथा चीन के साथ लगती हैं और इसकी रणनीतिक स्थिति इसे भारत के सुरक्षा हितों के लिये एक महत्त्वपूर्ण बफर राज्य (वह सार्वभौमिक, भौगोलिक इकाई जो सामान्यतः दो बड़े और शक्तिशाली राज्यों के बीच अवस्थित होती है) बनाती है।
    • भारत ने भूटान को रक्षा, बुनियादी ढाँचे और संचार जैसे क्षेत्रों में सहायता प्रदान की है, जिससे भूटान की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने में सहायता मिली है।
    • भारत ने भूटान को उसकी रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने तथा क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिये सड़क और पुल जैसे सीमावर्ती बुनियादी ढाँचे के निर्माण एवं रखरखाव में सहायता की है।
      • वर्ष 2017 में भारत और चीन के बीच डोकलाम गतिरोध के दौरान भूटान ने चीनी घुसपैठ का विरोध करने के लिये भारतीय सैनिकों को अपने क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • आर्थिक महत्त्व:
    • भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार एवं प्रमुख निर्यात गंतव्य है।
    • भूटान की जलविद्युत क्षमता देश के लिये राजस्व का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है तथा भारत, भूटान की जलविद्युत परियोजनाओं को विकसित करने में सहायक रहा है।
    • भारत, भूटान को उसकी विकास परियोजनाओं के लिये वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है।
  • सांस्कृतिक महत्त्व:
    • भूटान एवं भारत के बीच सांस्कृतिक संबंध मज़बूत हैं क्योंकि दोनों देश मुख्य रूप से बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं।
    • भारत ने भूटान को उसकी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में सहायता प्रदान की है तथा  कई भूटानी छात्र उच्च शिक्षा के लिये भारत आते हैं।
  • पर्यावरणीय महत्त्व:
    • भूटान विश्व के उन देशों में से एक है जिन्होनें कार्बन-तटस्थ रहने का संकल्प लिया है और भारत भूटान को इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद करने वाला एक प्रमुख भागीदार देश है।
    • भारत ने भूटान को नवीकरणीय ऊर्जावन संरक्षण एवं सतत् पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी सहायता प्रदान की है।

भारत-भूटान संबंधों में चुनौतियाँ क्या हैं? 

  • चीन का बढ़ता प्रभाव:
    • भूटान में, विशेषकर भूटान व चीन के बीच विवादित सीमा पर चीन की बढ़ती उपस्थिति ने भारत की चिंताएँ बढ़ा दी हैं। भारत भूटान का सर्वाधिक निकट सहयोगी रहा है तथा इसने भूटान की संप्रभुता एवं सुरक्षा को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
    • हालाँकि संबद्ध क्षेत्र में चीन का बढ़ता आर्थिक एवं सैन्य प्रभाव भूटान में भारत के रणनीतिक हितों के लिये चुनौती उत्पन्न करता है।
  • सीमा विवाद:
    • भारत तथा भूटान 699 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, जहाँ पर माहौल काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा है।
    • हालाँकि हाल के वर्षों में चीनी सेना द्वारा सीमा पर घुसपैठ की कुछ घटनाएँ हुई हैं।
      • वर्ष 2017 में डोकलाम गतिरोध भारत-चीन-भूटान ट्राइ-जंक्शन में टकराव का एक प्रमुख कारण था। ऐसे किसी भी विवाद के बढ़ने से भारत-भूटान संबंधों में तनाव आ सकता है।
  • जलविद्युत परियोजनाएँ:
    • भूटान का जलविद्युत क्षेत्र इसकी अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तंभ है तथा भारत इसके विकास में एक प्रमुख भागीदार रहा है।
      • हालाँकि भूटान में कुछ जलविद्युत परियोजनाओं की शर्तों को लेकर चिंताएँ व्याप्त हैं, जिन्हें भारत के लिये बहुत अनुकूल माना जाता है।
      • इसके कारण भूटान में इस क्षेत्र में भारतीय भागीदारी का कुछ लोगों ने विरोध किया है।
  • व्यापार संबंधी मुद्दे:
    • भारत, भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जिसका भूटान के कुल आयात एवं निर्यात में 80% से अधिक का योगदान है। हालाँकि व्यापारिक असंतुलन को लेकर कुछ चिंताएँ हैं, भूटान निर्यात की तुलना में भारत से अधिक आयात करता है।
      • भूटान अपने उत्पादों के लिये भारतीय बाज़ार तक अधिक पहुँच की मांग कर रहा है, जिससे व्यापार घाटे को कम करने में सहायता प्राप्त हो सकती है।

भूटान से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय: 
    • भूटान, भारत एवं चीन के मध्य स्थित है तथा चारों ओर पहाड़ और घाटियाँ एवं भूमि से घिरा हुआ देश है।
    • थिम्पू, भूटान की राजधानी है।
    • देश में पहले लोकतांत्रिक चुनाव होने के बाद वर्ष 2008 में भूटान एक लोकतंत्र बन गया। भूटान के राजा राज्य के प्रमुख हैं।
    • इसे ‘किंगडम ऑफ भूटान’ नाम दिया गया है। भूटानी भाषा में इसका पारंपरिक नाम ड्रुक ग्याल खाप है, जिसका अर्थ ‘थंडर ड्रैगन की भूमि’ है।
  • नदी:
    • भूटान की सबसे लंबी नदी मानस नदी है जिसकी लंबाई 376 किमी से अधिक है।
      • मानस नदी, दक्षिणी भूटान तथा भारत के मध्य हिमालय की तलहटी में स्थित एक सीमा पार नदी है।
  • सरकार: 
    • भूटान में संसदीय राजतंत्र मौजूद है।
  • सीमा:
    • भूटान की सीमाएँ केवल दो देशों से मिलती हैं: भारत और तिब्बत, जो चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है।
    • थिम्पू भूटान के पूर्वी भाग में स्थित है।

आगे की राह:

  • भारत बुनियादी ढाँचे के विकास, पर्यटन एवं अन्य क्षेत्रों में निवेश करके भूटान को उसकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सहायता प्रदान कर सकता है। इससे न केवल भूटान को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी बल्कि यहाँ के लोगों के लिये रोज़गार के अवसर भी सृजित होंगे।
  • भारत तथा भूटान एक-दूसरे की संस्कृति, कला, संगीत एवं साहित्य की अधिक समझ और सराहना को बढ़ावा देने के लिये सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा दे सकते हैं।
    • दोनों देशों के लोगों की वीज़ा-मुक्त आवाजाही उप-क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत कर सकती है।
  • भारत तथा भूटान साझा सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिये अपने रणनीतिक सहयोग को मज़बूत कर सकते हैं। वे आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी के साथ अन्य अंतर्राष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिये मिलकर कार्य कर सकते हैं।
  • यह भी पढ़े………………
  • वैश्विक समुदाय के निर्माण में भारत और चीन के एकता की भूमिका का क्या तात्पर्य है?
  • पेट्रोल पंप कर्मी से लाखों की लूट, हथियार के बल पर घटना को दिया अंजाम

Leave a Reply

error: Content is protected !!