ज्योति पहलगाम हमले से पहले पाक क्यों गई थी?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

एसपी हिसार शशांक कुमार सावन ने ज्योति मल्होत्रा को लेकर कई बड़े खुलासे किए. उन्होंने बताया, “हमें केंद्रीय एजेंसियों से इनपुट मिले, और हमने ज्योति मल्होत्रा ​​को गिरफ्तार कर लिया. वह कई बार पाकिस्तान और एक बार चीन जा चुकी थी. वह पीआईओ (Pakistani Intelligence Officer) के संपर्क में थी. हमने उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है. हम उसके वित्तीय विवरणों का विश्लेषण कर रहे हैं. भारत-पाक संघर्ष के दौरान वह पीआईओ के संपर्क में थी. उसकी यात्रा के विवरण उसकी कुल आय को झुठला रहे हैं.”

पुलिस का दावा है कि ज्योति को फेक सोशल मीडिया प्रोफाइल्स के जरिए जाल में फंसाया गया. बदले में मिले महंगे गिफ्ट्स, डिजिटल पेमेंट और विदेश यात्राएं. ‘ट्रैवल विद जो’ चैनल से खुद को व्लॉगर बताने वाली ज्योति के यूट्यूब पर 3.77 लाख, इंस्टाग्राम पर 1.3 लाख और फेसबुक पर 3.2 लाख फॉलोअर्स हैं.

पहलगाम हमले से पहले पाकिस्तान में थी ज्योति मल्होत्रा

एसपी हिसार शशांक कुमार सावन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ज्योति मल्होत्रा प्रायोजित यात्राओं पर पाकिस्तान जाती थी. वह पहलगाम हमले से पहले पाकिस्तान में थी. हम जांच कर रहे हैं, क्योंकि हमारे पास सुराग हैं कि उसके साथ अन्य लोग भी शामिल थे,” एसपी ने कहा, “आधुनिक युद्ध केवल सीमा पर ही नहीं लड़े जाते. पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी कुछ सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों की भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं, और वे इसका इस्तेमाल अपने संदेश को आगे बढ़ाने के लिए करते हैं.

यूट्यूबर ज्योति को इस कारण से किया गया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

हरियाणा के हिसार की रहने वाली और ‘ट्रैवल विद जेओ’ नाम से यूट्यूब चैनल संचालित करने वाली ज्योति मल्होत्रा ​​को न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.

ज्योति दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले एक पाकिस्तानी कर्मचारी से कथित तौर पर संपर्क में थी. भारत ने कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के कारण उस पाकिस्तानी अधिकारी को 13 मई को निष्कासित कर दिया था. उसके यूट्यूब चैनल अकाउंट पर ‘इंडियन गर्ल इन पाकिस्तान’, ‘इंडियन गर्ल एक्सप्लोरिंग लाहौर’, ‘इंडियन गर्ल ऐट कटास राज टेंपल’ और ‘इंडियन गर्ल राइड्स लक्जरी बस इन पाकिस्तान’ जैसे पाकिस्तान यात्रा से जुड़े कुछ वीडियो पोस्ट किए गए हैं. उसने अब तक कुल 487 वीडियो बनाए हैं.

सिविल लाइंस पुलिस थाने में 16 मई को दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 2023 में ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में एहसान-उर-रहीम उर्फ ​​दानिश के संपर्क में आई, जहां वह पड़ोसी देश की यात्रा के लिए वीजा लेने गई थी. प्राथमिकी के अनुसार, दो बार पाकिस्तान जा चुकी ज्योति, दानिश के परिचित अली अहवान से मिली थी, जिसने उसके वहां ठहरने की व्यवस्था की थी. अहवान ने ज्योति की पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों से मुलाकात कराई तथा शाकिर और राणा शाहबाज से मुलाकात कराई. किसी भी संदेह से बचने के लिए उसने शाहबाज का मोबाइल नंबर ‘जट रंधावा’ के नाम से दर्ज कर रखा था.

व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट के जरिए कई लोगों के संपर्क में थी ज्योति

प्राथमिकी के अनुसार, ज्योति व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट के जरिए इन लोगों के संपर्क में थी और उन्हें संवेदनशील जानकारी देती थी. उपनिरीक्षक बिजेंद्र सिंह की शिकायत पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उसने दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में कई बार दानिश से मुलाकात की और यह पाया गया कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थी.

ज्योति की गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले पंजाब पुलिस ने मलेरकोटला से एक महिला समेत दो लोगों को उच्चायोग में तैनात पाकिस्तानी अधिकारी से जुड़ी जासूसी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था. आरोपी गुजाला और यामीन मोहम्मद दोनों मलेरकोटला के निवासी हैं और गोपनीय जानकारी के बदले उन्हें ऑनलाइन भुगतान प्राप्त होता था.

3 वर्षीय ज्योति मल्होत्रा लाखों सब्सक्राइबर वाली यूट्यूबर हैं. वे खुद को ‘हरियाणवी + पंजाबी’ और ‘पुराने ख्यालों की मॉडर्न लड़की’ बताती थीं. लेकिन पुलिस के अनुसार, उनके ट्रैवल ब्लॉग और डिजिटल एक्टिविटी की आड़ में वह भारत की सुरक्षा से संबंधित जानकारियां पाकिस्तान भेजती रहीं.

पुलिस ने उन्हें तकनीकी निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि वे व्हाट्सऐप टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लैटफॉर्म्स  पर पाक एजेंट्स से संपर्क में थीं.

ज्योति मल्होत्रा ​​को हिसार पुलिस ने जासूसी करने और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को संवेदनशील भारतीय जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उन पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4 और 5 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया गया था. उनके कबूलनामे और गिरफ्तारी के बाद उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया और अब उनका मामला आगे की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा के पास है.

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