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चुनाव आयोग ने क्यों जारी किया मतदान का ब्योरा? - श्रीनारद मीडिया

चुनाव आयोग ने क्यों जारी किया मतदान का ब्योरा?

चुनाव आयोग ने क्यों जारी किया मतदान का ब्योरा?

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झूठे आरोपों से चुनाव प्रक्रिया बाधित होती है- चुनाव आयोग

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मतों के आंकड़ों में फेरबदल के आरोपों को चुनाव आयोग ने मनगढ़ंत और आधारहीन बताते हुए चुनाव आयोग ने पांच चरणों में पड़े कुल वोटों के मत प्रतिशत के साथ इसकी कुल संख्या का आंकड़ा भी शनिवार को जारी कर दिया। इस आंकड़े में आयोग ने हर संसदीय क्षेत्र में कुल वोटरों की संख्या के साथ मतदान करने वाले वास्तविक वोटरों की संख्या का खुलासा किया है।

साथ ही कहा है कि आयोग के पास एक-एक वोट का हिसाब है। यह भी स्पष्ट किया कि मतदान के बाद फॉर्म-17 सी प्रत्याशियों के एजेंटों को सौंप कर ईवीएम को स्ट्रांग रूम में जमा कर दिया जाता है। ऐसे में किसी भी स्तर पर वोट के आंकड़ों में हेराफेरी नहीं की जा सकती है।

आयोग ने माहौल बिगाड़ने की साजिश करार दिया

चुनाव आयोग ने वोटों के आंकड़े को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को माहौल बिगाड़ने की साजिश करार दिया है और कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों एवं फैसले ने चुनाव प्रक्रिया को मजबूती दी है। इससे आयोग को बिना किसी दबाव के लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अनुपालन के प्रति अपनी जिम्मेदारी का बोध होता है। इसलिए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या को पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक करने का फैसला लिया गया है।

मालूम हो कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एडीआर की याचिका पर आयोग को किसी तरह का अंतरिम आदेश देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि चुनावों के बीच ऐसा करना उचित नहीं है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आयोग को निर्देश देने का आग्रह किया गया था कि लोकसभा चुनावों के दौरान हर लोकसभा सीट के मतदान केंद्रों पर पड़े वोटों के आंकड़ों को वह अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे।

संसदीय चुनाव में शनिवार को छह चरणों के वोट पड़े

संसदीय चुनाव में शनिवार की शाम तक छह चरणों के वोट पड़ चुके हैं। चुनाव आयोग ने पांच चरणों के मतदान के वोटों का आंकड़ा जारी कर आरोप को गलत बताते हुए कहा है कि सुबह मतदान शुरू होने से वोटों की गिनती के दिन तक की पूरी प्रक्रिया सटीक, सुसंगत और कानून के अनुसार संचालित होती है। किसी तरह की विसंगति नहीं हो सकती। फॉर्म 17सी के जरिए मतदान के दिन ही प्रत्याशियों के एजेंटों से आंकड़ा साझा कर लिया जाता है। इसे बाद में कैसे बदला जा सकता है। यह डाटा वोटर टर्नआउट एप पर 24 घंटे उपलब्ध रहता है, जिसे कोई कभी भी देख सकता है। ऐसे में वोटों की संख्या में गड़बड़ी का सवाल ही नहीं है। चुनाव आयोग ने कहा कि झूठे आरोपों से चुनाव प्रक्रिया बाधित होती है।

कुल पड़े वोटों की अंतिम सूची उम्मीदवारों को दी जाती है

पारदर्शी व्यवस्था को और स्पष्ट करते हुए आयोग ने कहा कि किसी मतदान केंद्र में कुल पड़े वोटों की अंतिम सूची उम्मीदवारों को दी जाती है। अधिकृत एजेंटों के पास देश के सभी 543 संसदीय क्षेत्रों के 10.5 लाख बूथों में से प्रत्येक के लिए विशिष्ट रूप से फॉर्म 17सी होता है। मतदान केंद्रों से स्ट्रांग रूम में भंडारण तक एजेंटों को फॉर्म 17सी सहित ईवीएम और वैधानिक कागजात साथ ले जाने की अनुमति है। आयोग ने आग्रह किया है कि प्रत्याशी और उनके एजेंट मतगणना केंद्र पर फॉर्म 17सी की प्रति के साथ आएं और प्रत्येक राउंड में गिने गए वोटों से मिलना करें। वोट प्रतिशत में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है।

चरणवार वोट प्रतिशत

प्रथम66.14
दूसरा66.71
तीसरा65.68
चौथा69.16
पांचवा62.20

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