Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
चिराग पासवान की पार्टी में क्यों मची है भगदड़? - श्रीनारद मीडिया

चिराग पासवान की पार्टी में क्यों मची है भगदड़?

चिराग पासवान की पार्टी में क्यों मची है भगदड़?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में एनडीए के घटक दल लोजपा (रामविलास) को पांच सीटें मिली हैं और इन सभी सीटों पर पार्टी प्रमुख चिराग पासवान की ओर से उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया गया है। हाजीपुर से खुद चिराग पासवान मैदान में हैं। वहीं वैशाली से मौजूदा सांसद वीणा सिंह, जमुई से अरुण भारती, समस्तीपुर से शांभवी चौधरी और खगड़िया से राजेश वर्मा को टिकट मिला है।

इस बीच बुधवार को चिराग पासवान पर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए पार्टी के 22 नेताओं ने इस्तीफा दे दिया। संगठन सचिव रवींद्र सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुमार, मुख्य विस्तारक अजय कुशवाहा समेत अन्य नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए इन नेताओं ने चिराग पासवान पर लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट बेचने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि परिवार से लेकर पार्टी और सहयोगी दल भाजपा के साथ छोड़ देने के बाद भी हम लोगों के जैसे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने खून-पसीने से इस पार्टी को सींचा। हमने चिराग पासवान के विजन पर भरोसा कर दिन-रात अपनी पार्टी को आगे बढ़ाया। इन नेताओं ने कहा कि कार्यकर्ताओं के ही मेहनत का फल था कि लोजपा (रा) को पांच सीटें मिलीं।

लेकिन, टिकट वितरण में जिस तरह से पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाओं, उनके खून-पसीने के मेहनत को रौंद दिया गया, वह हतप्रद कर देने वाला है। पार्टी के किसी कार्यकर्ता को टिकट नहीं दिया गया। पार्टी तोड़ने में सबसे अहम भूमिका सांसद वीणा देवी ने निभायी थी। पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में जिन पांच सांसदों ने पार्टी तोड़ा था, उनकी सारी बैठकें वीणा देवी के आवास पर होती थी। लेकिन उन्हें फिर से टिकट दे दिया गया। अन्य सीटों पर भी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गयी।

प्रदेश महा‌सचिव राजेश डांगी, कला संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. सुधीर यादव, प्रदेश सचिव संजय लाल, प्रदेश महासचिव चितरंजन कुमार, क्लेश कुमार यादव, दीपक कुमार, अविनव चंद्र।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही लोजपा (रामविलास) के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद अरुण कुमार ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। अरुण कुमार नवादा या जहानाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। इस्तीफा देने के बार अरुण कुमार ने भी चिराग पासवान पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। उन्होंने कहा था कि संकट के समय में हमने उनका साथ दिया।

अपनी पार्टी का विलय तक कर दिया। लेकिन, परिणाम प्रतिकूल ही रहा। ऐसी स्थिति में उनके साथ रहने का कोई औचित्य ही नहीं है। अरुण कुमार ने कहा था कि उन्हें जहानाबाद या नवादा से चुनाव लड़ने को लेकर बार-बार आश्वस्त कर धोखे में रखा गया। अब मैं हिमालय के तपस्वी की तरह माला जपने वाला तो नहीं हूं, लिहाजा खुद को चिराग पासवान से अलग कर रहा हूं। जल्द ही अपने समर्थकों के साथ अगली रणनीति पर विचार करूंगा।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण कुमार ने भी छोड़ा पार्टी

अरुण कुमार ने कहा कि चिराग पासवान को यह समझना चाहिए कि हमलोग माला जपने वाले हिमालय के साधु नहीं है। हम जनता के हक की लड़ाई के लिए 40 साल से राजनीति कर रहे हैं। इसलिए मैंने खुद को उनसे अलग कर लिया। उन्होंने कहा कि इनका राजनीतिक सफर निर्दलीय विधान पार्षद के रूप में शुरू हुई थी। वहीं अरुण कुमार ने रविवार को पटना में अपने घर पर एक मीटिंग बुलाई है। फिर इस मीटिंग में तय किया जाएगा कि वो जहानाबाद से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या फिर किसी दल में शामिल होंगे। फिलहाल उन्होंने अभी कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि रविवार को सब कुछ सामने होगा।

चुनावी मैदान में उतरेंगे या नहीं बाद में करेंगे निर्णय
अरुण कुमार ने कहा कि पिछले दो दिनों से मैं पटना में हूं। यहां पर कई लोग मुझसे आकर मिल रहे हैं। वह लोग चुनावी मैदान में उतरने की बात भी कह रहे हैं। इस विषय में हम बाद में निर्णय लेंगे, लेकिन ये तय है कि अब मैं लोजपा का सदस्य नहीं रहा।

बता दें कि बिहार एनडीए में सीट बंटवारे के तहत चिराग पासवान की पार्टी को पांच टिकट दिए गए। इनमें हाजीपुर, वैशाली, जमुई, समस्तीपुर और खड़गिया शामिल है। चिराग पासवान ने हाजीपुर से अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है। अपनी सीटिंग सीट जमुई से उन्होंने अपने जीजा अरुण भारती को उतार दिया। समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली पर अभी उम्मीदवारी का ऐलान नहीं किया गया है। इस बीच पार्टी के एक नेता और चिराग के करीबी ने बताया कि वैशाली के लिए उनका नाम सामने आया। लेकिन कहा गया कि विधानसभा में मौका दिया जाएगा।

चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा-आर) ने बिहार की समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली से शनिवार को लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा की। वैशाली से मौजूदा सांसद वीणा सिंह, समस्तीपुर से जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी की बेटी एवं महावीर मंदिर न्यास के सचिव कुणाल किशोर की बहू शांभवी चौधरी और खगड़िया से भागलपुर के व्यापारी एवं पुराने लोजपा नेता राजेश वर्मा को टिकट मिला है।

पिछले दिनों दिल्ली में लोजपा-आर संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद चिराग पासवान ने मीडिया से कहा था कि जिन लोगों ने लोजपा तोड़ी उन्हें इस बार मौका नहीं मिलेगा। पशुपति पारस के रालोजपा बनाने के बाद जो चिराग के साथ रहे उन्हें ही पार्टी इस बार टिकट देगी। चिराग ने कहा था कि उनके संघर्ष के दौरान साथ रहे लोगों को ही लोकसभा चुनाव में मौका दिया जाएगा। हालांकि, लोजपा-आर की मौजूदा लिस्ट में खगड़िया से राजेश वर्मा के अलावा कोई और कैंडिडेट चिराग के इस बयान पर खरा नहीं उतरता है। बता दें कि एनडीए के सीट बंटवारे में चिराग की पार्टी को पांच सीटें मिली हैं। हाजीपुर से चिराग खुद तो जमुई से उनके बहनोई अरुण भारती प्रत्याशी हैं।

चिराग पासवान ने हाजीपुर और जमुई के प्रत्याशी के बारे में पूर्व में ही ऐलान कर िदया था। मगर लोजपा रामविलास के खाते की तीन सीटों समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली पर प्रत्याशियों के नामों पर सस्पेंस बना हुआ था। जेडीयू मिनिस्टर अशोक चौधरी की बेटी को शांभवी को चिराग ने समस्तीपुर से प्रत्याशी बनाया है। वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। पहले उनके जमुई से चुनाव लड़ने की चर्चा चली थी। मगर वहां से अरुण भारती का नाम फाइनल होने के बाद उन्हें समस्तीपुर से प्रत्याशी बनाया गया था। शांभवी पूर्व आईपीएस कुणाल किशोर की बहू हैं, उनका परिवार पिछले कुछ दिनों से चिराग से लगातार संपर्क में था।

वहीं, वैशाली लोकसभा सीट पर चिराग पासवान ने मौजूदा सांसद वीणा देवी पर ही भरोसा जताया है। वीणा देवी भी कई बार दावा कर चुकी थीं कि वैशाली से वही उम्मीदवार होंगी। दिवंगत रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में टूट हुई थी। उस समय वीणा देवी, पशुपति पारस वाले गुट में चली गई थीं। मगर पिछले साल चिराग ने अपने चाचा पशुपति पारस को झटका देते हुए वीणा देवी को अपने गुट में ले लिया था।

चिराग ने खगड़िया लोकसभा सीट पर चौंकाने वाला नाम दिया है। यहां से युवा चेहरे राजेश वर्मा को टिकट दिया गया है। राजेश भागलपुर के डिप्टी मेयर रह चुके हैं और व्यापारी हैं। कई मौकों पर वे चिराग पासवान के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आते रहे हैं।

Leave a Reply

error: Content is protected !!