Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
आईएएस अधिकारी रिंकू दुग्गा को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त क्यों कर दिया गया? - श्रीनारद मीडिया

आईएएस अधिकारी रिंकू दुग्गा को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त क्यों कर दिया गया?

आईएएस अधिकारी रिंकू दुग्गा को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त क्यों कर दिया गया?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केंद्र की मोदी सरकार ने 1994 बैच की अरुणाचल प्रदेश सरकार में सेवारत आईएएस अधिकारी रिंकू दुग्गा को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया। पिछले साल मई में रिंकू दुग्गा और उनके पति, संजीव खिरवार का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो कुत्ता घुमाते हुए नजर आ रहे थे।

स्टेडियम में एथलीटों और कोचों को उस दिन अपना अभ्यास सत्र जल्दी खत्म करने और जगह खाली करने के लिए कहा गया था ताकि आईएएस दंपति अपने कुत्ते को घुमा सकें। केंद्र सरकार ने रिंकू दुग्गा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर नौकरशाहों को संदेश दे दिया है कि जनता जनार्दन देश में सर्वोच्च है। इस मामले में किसी भी तरह की कोताही, लापरवाही और भ्रष्टाचार केंद्र सरकार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।

कुत्ता टहलाने और एथलीटों को बाहर किए जाने के मामले की केंद्र सरकार ने रिंकू दुग्गा और उनके पति संजीव खिरवार के खिलाफ जांच कराई थी। इस रिपोर्ट से एथलीटों और जनता में भारी आक्रोश फैल गया था। इसके बाद दिल्ली सरकार में प्रमुख सचिव (राजस्व) के रूप में काम करने वाले संजीव खिरवार को लद्दाख में स्थानांतरित कर दिया गया था। वहीं दुग्गा को अरुणाचल प्रदेश में स्वदेशी मामलों के प्रमुख सचिव के रूप में तैनात किया गया था।

इससे पहले भी केंद्र की भाजपा सरकार ने देशभर के सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को एक सख्त चेतावनी जारी की थी। कर्मचारियों को काम को लेकर सतर्क रहने और लापरवाही नहीं बरतने के आदेश दिए गए है। अगर ऐसा होता है तो रिटायरमेंट के बाद पेंशन व ग्रेच्युटी रोकने का निर्देश दिए गए। इस आदेश पर राज्य सरकारों से अपने स्तर पर फैसला लेने को कहा गया था।

सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार ने कठोर कार्रवाई करते हुए ग्रुप ए और ग्रुप बी स्तर के कुल 312 अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया। सरकार ने ग्रुप ए के 36000 कर्मचारियों और ग्रुप बी के 82000 कर्मचारियों के काम का रिव्यू किया। इनमें से 312 अफसर नकारा मिले। इनमें ग्रुप ए के 125 अफसर और ग्रुप बी के 187 अफसर शामिल हैं।

मोदी ने लाल किले के प्राचीर से कहा था, भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं। एक तरफ वे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है, एक तरफ वो लोग हैं जिनको चोरी का माल रखने की जगह नहीं है। हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!