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क्या बाहुबलियों के दम पर होगा रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत का फैसला? - श्रीनारद मीडिया

क्या बाहुबलियों के दम पर होगा रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत का फैसला?

क्या बाहुबलियों के दम पर होगा रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत का फैसला?

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पशुपति पारस को आया अमित शाह का फोन!

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

 

राजधानी पटना में पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान गुट के बीच सोमवार से जोर-आजमाइश का दौर शुरू हो गया है. पारस गुट ने पिछले कई दिनों से पटना के चौक-चौराहों पर पारस और रामविलास पासवान के पोस्टर लगा रखा है. पारस गुट ने ऐसा करते हुए इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि पोस्टर-होर्डिंग के लिए चिराग पासवान के लिए कोई जगह खाली न बचे.

अब चिराग गुट पटना में यह काम करने की तैयारी में है. लोजपा सूत्रों का कहना है कि यह सब कुछ एलजेपी कार्यालय पर कब्जा तक चिराग गुट की ओर से जारी रह सकता है. सूत्रों की माने तो चाचा भतीजे के इस लड़ाई में अब एक दूसरे की मदद के लिए दो बाहुबली नेताओं की भी एंट्री हो गई है. जो कि पर्दे के पीछे से जोर-आजमाइश करेंगे.

आमने सामने होंगे दो बाहुबली

मौसम विभाग ने बिहार में अगले चार-पांच दिनों तक भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी दी है, इधर बिहार की राजनीति में भी अगले तीन चार दिनों तक जबरदस्त उठा- पटक की संभावना है. बिहार के दो बाहुबली नेताओं के आमने सामने होने के कारण यह लड़ाई एक बार फिर पुराने दौर की यादों को ताजा कर सकती है. एलजेपी कार्यालय में पहले से ही पारस गुट का कब्जा है. चिराग गुट इसपर कब्जा के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है. पटना के राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि चिराग गुट ने इसके लिए एक बाहुबली नेता से हाथ मिलाने की तैयारी कर रहा है. ताकि पारस गुट के बाहुबली नेता की धार को कम किया जा सके.

पार्टी कार्यालय पर कब्जा के लिए जोर-आजमाइश?

लोजपा सूत्रों का कहना है कि चिराग पासवान लोजपा के एक बाहुबली को लेकर ही थोड़ा परेशान हैं. फिलहाल वे पारस गुट का नेतृत्व कर रहे हैं. चिराग इसके काट के लिए एक बाहुबली नेता से हाथ मिलाने की तैयारी कर रहे हैं. पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त पटना में दोनों के बीच घंटों बंद कमरे में बात हुई थी. यही कारण है कि उनके समर्थक सोमवार को चिराग पासवान के लिए सड़क पर भी नजर आए. इससे इस बात को भी बल मिल रहा है कि वे अब चिराग पासवान के समर्थन में खुलकर भी सामने आ सकते हैं. हालांकि, फिलहाल वे जेल में हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी सात जुलाई को केंद्रीय कैबिनेट की विस्तार कर सकते हैं. गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के संगठन महामंत्री के बीच मुलाकात के बाद सियासी हलचल तेज हो गई. वहीं दिल्ली के साथ-साथ बिहार की राजनीति पटना में भी मोदी कैबिनेट विस्तार पर चर्चा शुरू हो गई है.

राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा की मानें तो मोदी कैबिनेट विस्तार में बिहार से तीन मंत्री शपथ ले सकते हैं. इनमें सुशील कुमार मोदी और लोजपा के सांसद पशुपति पारस का नाम सबसे आगे है. बताया जा रहा है कि पशुपति पारस को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन कर सूचना भी दे दी है.

इधर, नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के कैबिनेट में शामिल होने पर और मंत्रियों की संख्या पर सस्पेंस बना हुआ है. बताया जा रहा है कि जेडीयू कैबिनेट विस्तार में आनुपातिक प्रतिनिधित्व चाहती है, पिछली बार भी इसी वजह से जेडीयू कैबिनेट विस्तार में शामिल नहीं हो सकी थी. हालांकि आरसीपी सिंह के मंत्री पद की शपथ लेने की चर्चा जोरों पर है.

इन नेताओं के नाम भी चर्चा में– मोदी कैबिनेट विस्तार में शामिल होने वाले जो सबसे प्रमुख नाम है, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia), अनुप्रिया पटेल, सर्वानंद सोनोवाल और त्रिवेंद्र सिंह रावत है. बताया जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार में करीब 19 नए मंत्री शपथ ले सकते हैं. हालांकि फाइनल नाम अभी तक जारी नहीं हुआ है.

बता दें कि मोदी कैबिनेट में वर्तमान में 53 मंत्री हैं. इनमें से कई मंत्रियों को मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है. बताया जा रहा है कि कैबिनेट में चुनावी राज्यों को तरजीह मिल सकती है.

 

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