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जेल में जिंदगी गुजार दूंगी, पाकिस्तान नहीं जाऊंगी-सीमा हैदर - श्रीनारद मीडिया

जेल में जिंदगी गुजार दूंगी, पाकिस्तान नहीं जाऊंगी-सीमा हैदर

जेल में जिंदगी गुजार दूंगी, पाकिस्तान नहीं जाऊंगी-सीमा हैदर

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर से UP ATS ने 2 दिन तक पूछताछ की। इसके बाद सीमा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा- मेरी जिंदगी सचिन के लिए है। मैं भारत की जेल में जिंदगी गुजार दूंगी, लेकिन पाकिस्तान नहीं जाऊंगी। मैंने सिर्फ एक गुनाह किया, नेपाल से भारत आई।

ATS की पूछताछ के सवाल पर सीमा ने कहा- वहां बड़े लोग थे। इसलिए सारे सवाल भी बड़े थे। 6 पासपोर्ट में चार बच्चों के, एक पासपोर्ट खारिज हो चुका है। अगर मेरे मन में चोर होता, तो मैं उसे फेंक देती। मैंने कोई फर्जी पासपोर्ट नहीं बनाया। जिंदगी में क्या-क्या हुआ, मेरे बचपन से लेकर अब तक सारी जानकारी ATS ने ली।

इधर, सीमा हैदर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 38 पेज की दया याचिका भेजी है। इसमें सीमा ने बच्चों के साथ भारत में रहने की परमिशन मांगी है। याचिका में उसने अपना नाम सीमा मीणा पत्नी सचिन मीणा लिखा है। इस पिटीशन के साथ उसने अपनी शादी की कुछ तस्वीरें भी लगाई हैं।

नोएडा पुलिस जल्द चार्जशीट करेगी दाखिल
सीमा हैदर… जासूस है या नहीं, ATS की दो दिनों की पूछताछ में इसका कोई भी सबूत हाथ नहीं लगा है। ऐसे में अब उसे पाकिस्तान भेजने की तैयारी है। क्योंकि सीमा पर जो आरोप है, वह अवैध तरीके से भारत में घुसपैठ का है।

इस तरह के मामलों में 5 से 7 साल तक की सजा हो सकती है, लेकिन ऐसे मामलों में कार्रवाई करने की बजाय आरोपी को उसके देश वापस भेजा जाता है। अगर सीमा को वापस भेजा गया तो पाकिस्तान में वहां के लॉ के हिसाब से उस पर कार्रवाई हो सकती है।

पुलिस केस में बढ़ा सकती है धारा
उधर, नोएडा पुलिस कोर्ट में चार्जशीट लगाने के लिए दस्तावेज तैयार कर रही है। पुलिस के पास मुकदमा दर्ज होने के बाद चार्जशीट दाखिल करने के लिए 60 दिन का समय है। यूपी पुलिस एटीएस रिपोर्ट के आधार पर धाराओं में इजाफा कर सकती है।

पुलिस ने पहले सीमा हैदर पर फॉरनर्स एक्ट सेक्शन-14 और 120-बी लगाया था। इन धाराओं में पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। इसलिए कोर्ट से सीमा और सचिन को आसानी से जमानत मिल गई। लेकिन अब इनकी धाराओं में 420, 468 और 471 की बढ़ोतरी की जा सकती है।

इसमें सात साल की सजा है। ऐसे में उसे जमानत भी नहीं मिल सकेगी। सीमा पाकिस्तान भेजी जाएगी या यहीं पर केस चलेगा,

सीमा को किया जा सकता है डिपोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट के वकील इरफान फिरदौस ने बताया कि भारतीय कानून के तहत देखें तो सीमा हैदर एक अवैध प्रवासी है। अवैध प्रवासी वह होता है जो बिना लीगल डॉक्यूमेंट्स जैसे पासपोर्ट और वीजा के देश में प्रवेश करता है। इन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिल सकती है।

सीमा पर फॉरनर्स एक्ट 1946 के सेक्शन 14 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके तहत पांच साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। ऐसे में डिपोर्ट करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

गृह मंत्रालय लेगा फैसला
इरफान फिरदौस ने बताया कि इसके लिए अपने देश में अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिक की पहचान और उसे डिपोर्ट करने का फैसला इमिग्रेशन विभाग के जरिए गृह मंत्रालय लेता है। इसकी एक प्रक्रिया है और यह काम फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर यानी FRRO करता है।

डिपोर्टेशन में 15 से 60 दिन लगेंगे
इरफान ने बताया कि अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों को पहले गिरफ्तार किया जाता है। इसके बाद कोर्ट में उनके खिलाफ केस चलाने की बजाय डिपोर्ट कर दिया जाता है।

गिरफ्तारी के फौरन बाद ऐसे लोगों को FRRO में पेश किया जाता है, जहां से इन्हें डिटेंशन सेंटर भेजने का आदेश जारी होता है। इसके बाद इन्हें इनके देश डिपोर्ट करने में 15 से 60 दिन लग जाते हैं। अलग-अलग शहरों में ऐसे ऑफिस और डिटेंशन सेंटर बने हैं।

पाकिस्तान अपने लॉ के अनुसार कर सकता है कार्रवाई
इरफान ने बताया कि यहां मामला थोड़ा पेचिदा है। सीमा पर मुकदमा दर्ज किया गया है। कोर्ट में केस चल रहा है। डिपोर्ट करने के लिए गृह मंत्रालय पाकिस्तानी दूतावास से बातचीत करेगा।

पाकिस्तानी दूतावास अपने देश की सरकार को इस बारे में सूचना देगा। वहां से काफी कागजी काम के बाद अगर वो ये मानने को तैयार होते हैं कि सीमा पाकिस्तान की नागरिक है तो दूतावास को डिपोर्ट करने की अनुमति देगा।

इसके बाद सीमा का मेडिकल कराया जाएगा। उसे दूतावास छोड़ा जाएगा वहां से एक रिसिविंग ली जाएगी। साथ ही सीमा भारत में कैसे आई, इसकी जानकारी दी जाएगी। ताकि पाकिस्तान इमिग्रेशन सीमा के खिलाफ केस दर्ज कर पाकिस्तानी कानून के हिसाब से कार्रवाई कर सके।

सचिन पर भी हो कार्रवाई
इरफान ने बताया कि सीमा को पाकिस्तान से लाने में सचिन और उनके परिजन ने सहयोग दिया। ऐसे में ये लोग भी इस मामले में पूरी तरह से शामिल हैं। सीमा को डिपोर्ट करने के बाद इन पर भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग NIA को भी भेजी गई
सीमा हैदर से पूछताछ का वीडियो नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA को भी भेजा गया है। जानकारी के मुताबिक, ATS सीमा के किसी भी जवाब से संतुष्ट नहीं है। वो हर सवाल सुनते ही अपने जवाब सामने रख दे रही थी।

पूछताछ के दौरान उसने एक बार भी अपने बच्चों के बारे में नहीं पूछा। उसके दो बच्चे उसी के साथ लाए गए थे और अलग कमरे में रखे गए थे। सीमा ने दोनों ही दिन एक ही जवाब दिए। उसमें एक भी लाइन इधर से उधर नहीं थी। वो बिल्कुल घबराई हुई नहीं थी।

सीमा हैदर मामले पर उत्तर प्रदेश पुलिस के ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, ‘पूछताछ हो रही है। ATS और एजेंसी अपना कम कर रही हैं। दो देशों के बीच की बात है। डिपोर्ट करेंगे या नहीं, ये एजेंसी देखेगी। ये सुरक्षा में चूक का मामला नहीं है। नेपाल बॉर्डर खुले हुए हैं। किसी के चेहरे पर नहीं लिखा है कि वो पाकिस्तानी है।

 

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