क्या बिहार मेंं लगेगा नाइट कर्फ्यू ?

क्या बिहार मेंं लगेगा नाइट कर्फ्यू ?

जांच के इंतजार में अस्पताल गेट पर बेहोश हो गिरी महिला.

श्रीनारद  मीडिया सेंट्रल डेस्क

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बिहार में नाइट कर्फ्यू लगाने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि 17 अप्रैल को राज्यपाल की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक होनी है। उस बैठक में जो भी सुझाव आएंगे, उसके बाद आगे क्या करना है, इस पर निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल हम लोग एक एक चीज पर नजर रखे हुए हैं । जो भी बाहर से आ रहे हैं उनका जांच करा रहे हैं। प्रतिदिन कोरोना  की जांच को एक लाख से भी अधिक बढ़ाना है। जितना अधिक जांच होगा उससे इसके फैलाव को रोकने में मदद मिलेगी। आईजीआईएमएस में मीडिया के सवालों का मुख्यमंत्री जवाब दे रहे थे। बता दें कि आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आईजीआईएमएस में कोरोना टीका का दूसरा डोज लिया।

बिहार में भी पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 4786 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई, जो कि एक दिन पहले मंगलवार को मिले 4157 नए संक्रमितों से 13.14 फीसदी अधिक है। पिछले 24 घंटे में 1189 कोरोना संक्रमित मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो गए, जबकि 21 संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो गयी। वहीं, स्वस्थ होने वालों से करीब चार गुना अधिक नए संक्रमितों की पहचान हुई।

राज्य में एक दिन में कुल 1 लाख 134 सैम्पल की कोरोना जांच की गई। राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 23 हजार 724 हो गई, जबकि संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर घटकर 91.40 फीसदी हो गयी। कोरोना संक्रमण की चपेट में मंत्री से लेकर अधिकारी तक आ गए हैं। इसके पूर्व राज्य में 11 अगस्त 2020 को सर्वाधिक 4071 संक्रमित मिले थे।

16 लाख को टीका देने का था लक्ष्य, 5.44 लाख को ही लगा
केंद्र सरकार के निर्देश पर 11 से 14 अप्रैल तक आयोजित टीका उत्सव के दौरान राज्य में प्रतिदिन चार लाख लोगों को कोरोना टीका देते हुए कुल 16 लाख लोगों को कोरोना टीका देने का लक्ष्य था, वहां मात्र 5 लाख 44 हजार 269 व्यक्तियों को ही कोरोना टीका दिया गया। टीका उत्सव के अंतिम दिन बुधवार को 1 लाख 32 हजार 426 व्यक्तियों को ही कोरोना टीका दिया गया। इनमें 1 लाख 10 हजार 248 व्यक्तियों को कोरोना टीका का पहला डोज और 22 हजार 178 व्यक्तियों को दूसरा डोज दिया गया। इनमे 60 साल से अधिक उम्र के 48,769 व्यक्तियों को कोरोना टीका का पहला डोज और 13,800 व्यक्तियों को दूसरा डोज दिया गया, जबकि 45 से 59 साल के 60,402 व्यक्तियों को पहला डोज दिया गया।

कोरोना के प्रकोप के बढ़ने के कारण गंभीर संक्रमितों की संख्या में अचानक वृद्धि से अस्पतालों की व्यवस्था चरमराने लगी है। बुधवार को न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में जांच कराने के इंतजार में एक महिला अस्पताल गेट पर ही बेसुध होकर गिर पड़ी। वह घंटों वहीं गिरी रही। कोरोना के डर से कोई उसे हाथ नहीं लगा रहा था। 

इधर, एम्स में भर्ती नहीं होने से निराश लोगों ने हंगामा कर दिया। उन्हें शांत कराने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। अस्पतालों में मरीजों के परिजनों और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच तू-तू मैं-मैं अब दिनचर्या का हिस्सा बनता जा रहा है। राजधानी के बड़े से लेकर छोटे अस्पताल तक महामारी से परेशान लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है। दरअसल, एक ही परिवार में कई लोग एक साथ संक्रमित हो रहे हैं।

अस्पतालों में इलाज कराने, भर्ती होने अथवा कोरोना जांच कराने के लिए पहुंचनेवाले लोगों की भारी भीड़ जमा होने लगी है। कोविड वार्ड में बेडों की संख्या सीमित होने के कारण लोगों को जगह नहीं मिल पा रही है और होम आइसोलेशन अथवा किसी अन्य अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जा रही है। इस परेशानी में कोई बताने वाला नहीं मिलता है तो लोग हंगामा पर उतारू हो जा रहे हैं। बुधवार को एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच में भर्ती के लिए हंगामा किया। पीएमसीएच से भी अब मरीजों के लौटाए जाने पर विरोध होने लगे हैं। न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में टीका लेनेवाले और जांच करानेवाले लोगों को निराश लौटना पड़ रहा है।

एम्स में परिजनों का हंगामा
एम्स पटना में राज्यभर से लोग मरीज भर्ती कराने के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन कोविड वार्ड में जगह नहीं होने की बात कह मरीजों को दूसरी जगह बेड देखने की सलाह दी जा रही है। लगभग 50 से ज्यादा मरीज और उनके दो सौ से ज्यादा परिजन एम्स गेट के पास जमे हुए थे और निराश होकर हंगामा करने लगे।

पीएमसीएच में भर्ती कराने की गुहार
पीएमसीएच कोरोना जांच केंद्र पर दिन के 12 बजे मरीजों की लंबी कतार दिखी। कोविड वार्ड में इलाज कराने आए कई लोगों को जांच के बाद लौटाया जा रहा था। एक मरीज के परिजन एंबुलेंस चालक से नजदीक का सस्ता कोविड अस्पताल के बारे में जानकारी लेता दिखा। बताया कि हाजीपुर से पीएमसीएच रेफर होकर उनका मरीज आया था। लेकिन यहां डॉक्टर बेड की कमी बताकर होम आइसोलेशन में जाने की सलाह दे रहे हैं। एक अन्य मरीज का परिजन बार-बार भर्ती कराने का गुहार लगाते दिखा। उसका मरीज ऑटो से दो लोगों की मदद से उतर कर कोविड वार्ड के बाहर जमीन पर सहारा लेकर बैठा था। वहीं एक महिला मरीज ने बताया कि अपने भर्ती पति के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए कई बार मिन्नत की लेकिन कोई जानकारी नहीं दे रहा है।

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