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विश्व शेर दिवस भारत के लिए महत्वपूर्ण है,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

विश्व शेर दिवस भारत के लिए महत्वपूर्ण है,कैसे?

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विश्व शेर दिवस पर विशेष

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

शेरों और उनके आवासों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रत्येक वर्ष 10 अगस्त को विश्व शेर दिवस (World Lion Day) मनाया जाता है। इसे पहली बार वर्ष 2013 में बिग कैट रेस्क्यू (Big Cat Rescue) द्वारा आयोजित किया गया था। उल्लेखनीय है कि बिग कैट रेस्क्यू शेरों को समर्पित विश्व की सबसे बड़ी मान्यता प्राप्त सैंक्चुअरी है।

  • हाल के अध्ययनों से पता चला है कि शेर कभी अरब प्रायद्वीप में मौजूद थे तथा अरब संस्कृति को व्यापक रूप से प्रभावित करते थे।
  • ध्यातव्य है कि अरबी कहावतों और साहित्य में शेर का संदर्भ प्रदान करने वाली लगभग 700 विशिष्ट नामों या अभिव्यक्तियों की एक विस्तृत शृंखला शामिल है।

हालिया शोध के निष्कर्ष:

  • शेर, प्राय: पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका के विशाल सवाना और भारत के काठियावाड़ में गिर वन से संबद्ध रहे हैं लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वे अरब प्रायद्वीप के रेगिस्तान का अभिन्न अंग थे।
    • यद्यपि अब इन स्थानों पर शेर विलुप्त हो चुके हैं फिर इनकी उपस्थिति के प्रमाण ऐतिहासिक वृत्तांतों, पुरातात्त्विक खोजों और भाषाई अध्ययनों में पाए जाते हैं।
  • अनुसंधान से पता चलता है कि अरब प्रायद्वीप, उत्तरी अफ्रीका, यूरेशिया और भारत के कुछ हिस्सों में फैले एक विशाल और विविध क्षेत्र पर  शेरों की उपस्थिति थी।
    • शेर का निवास स्थान दक्षिण में 15°उत्तर (यमन) से 18°उत्तर (माली, चाड) तक और उत्तर में 45-48°उत्तर (बुल्गारिया, यूक्रेन, हंगरी) तक विस्तारित था।
    • उल्लेखनीय है कि शेर विभिन्न वातावरणों में विकसित होते हैं, जिनमें रेगिस्तान, मैदानी इलाके और समुद्री तट शामिल हैं।
  • सिनाई, सहारा और यमन सहित अरब प्रायद्वीप के शुष्क रेगिस्तानों में रहते हुए, शेरों ने उल्लेखनीय अनुकूलन क्षमता का प्रदर्शन किया।
    • यह उपस्थिति सऊदी अरब और ओमान में पाए गए नवपाषाणकालीन शैल उत्कीर्णन द्वारा समर्थित है।
    • 20वीं सदी की शुरुआत तक, शेरों के अस्तित्त्व को लेकर संशय होने लगे थे। वर्ष 1920 में किये गये अवलोकनों से अफगानिस्तान, बलूचिस्तान अथवा दक्षिणी अरब में शेरों के विषय में कोई रिकॉर्ड नहीं पाया गया।

शेरों से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • वैज्ञानिक नाम: पैंथेरा लियो (Panthera leo)
    • शेर को दो उप-प्रजातियों में विभाजित किया गया है: अफ्रीकी शेर (Panthera leo leo) और एशियाई शेर (Panthera leo persica)
  • विशेषताएँ:
    • शेर अपने विशेष रूप-रंग के लिये जाने जाते हैं, जिसमें गहरे पीले रंग का आवरण, गुच्छेदार पूंछ और विशेष रूप से नर शेरों में पाया जाने वाला अयाल (Mane) (गर्दन पर पाए जाने वाले बाल) शामिल हैं।
    • वे सामाजिक प्राणी हैं और समूहों में रहते हैं जिन्हें प्राइड्स कहा जाता है। एक प्राइड में आमतौर पर कई मादाएँ, उनकी संतानें तथा कुछ वयस्क नर शामिल होते हैं।
  • आवास का वितरण:
    • शेर उप-सहारा अफ्रीका में पाए जाते हैं और भारतीय राज्य गुजरात के गिर वन राष्ट्रीय उद्यान में भी इनकी एक छोटी आबादी मौजूद है।
  • संरक्षण स्थिति:
    • IUCN रेड लिस्ट:
      • अफ़्रीकी शेर: सुभेद्य (Vulnerable)- वैश्विक रूप से 
      • एशियाई शेर: संकटग्रस्त (Endangered)
    • CITES: भारत में पाई जाने वाली परिशिष्ट- I में एवं अन्य सभी आबादी परिशिष्ट- II में
    • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972: अनुसूची I
  • भारत में संरक्षण हेतु प्रयास: 

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