03 अक्टूबर 📜 🌱 विश्व प्रकृति दिवस पर विशेष

03 अक्टूबर 📜 🌱 विश्व प्रकृति दिवस पर विशेष

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

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प्रति वर्ष 3 अक्टूबर के दिन विश्व प्रकृति दिवस (World Nature Day) मनाया जाता है।

प्रकृति शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। “प्र” अर्थात् प्रकृष्ठी (उत्तम/श्रेष्ठ) एवं “कृति” का अर्थ है रचना। ईश्वर की श्रेष्ठ रचना अर्थात् सृष्टि। प्रकृति और मनुष्य के बीच बहुत गहरा सम्बन्ध है।

मनुष्य के लिए धरती घर का आंगन है और आसमान छत है। सागर-नदिया पानी के मटके हैं, पेड़-पौधे आहार साधन हैं, सूर्य-चाँद, तारे दीपक हैं। वर्तमान समय में कई प्रजातीय के जीव-जंतु एवं वनस्पति विलुप्त हो रहे हैं। विलुप्त हो रहे जीव-जंतु व वनस्पति के रक्षा का संकल्प लेना ही विश्व प्रकृति दिवस का मूल उद्देश्य है।

प्रकृति हमारी सभी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करती है किन्तु स्वयं अपनी चीजों का उपयोग नहीं करती है। जल, जंगल और जमीन से ही मनुष्य जीवन है। प्रकृति ने हमें सब कुछ दिया है। प्रकृति में चारों ओर पेड़-पौधों की हरियाली है।

प्रकृति ने हमको पेड़-पौधे, फल-फूल आदि दिए हैं। हमें प्रकृति को बचाने के लिए प्रकृति को प्लास्टिक मुक्त करना होगा तथा पुरे विश्व का ध्यान आकर्षित करना होगा। प्रदुषण को कम करना होगा, प्रकृति को हरी भरी खुशहाल रखना होगा। वन्य प्राणियों का संरक्षण-संवर्धन करना होगा, हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधों को लगाना होगा। हमें प्रकृति को समझना होगा। अगर प्रकृति ही हमसे रूठ गई तो हमारी सुनने वाला कोई नहीं होगा।

यह दिवस जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाली चुनौतियों व प्रकृति की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

यह दिवस पहली बार 3 अक्टूबर 2010 को मनाया गया था। विश्व प्रकृति दिवस मनाने की शुरुआत विश्व प्रकृति संगठन (World Nature Organisation-WNO) द्वारा की गयी थी। विश्व प्रकृति संगठन एक अंतर सरकारी संगठन है, यह संगठन पर्यावरण की सुरक्षा के लिए काम करता है। इसका मुख्यालय यूएस में है।

>> विश्व प्रकृति दिवस मनाने की आवश्यकता क्यों है? <<

दिन-प्रतिदिन बढ़ती जनसँख्या, बढ़ता प्रदुषण, प्रतिवर्ष धरती का बढ़ता तापमान, नष्ट होता पर्यावरण आज चिंता के विषय बन गए हैं और हमारी धरती को विनाश की ओर धकेल रहे है। प्रकृति की सुरक्षा करना बेहद जरूरी है, यही कारण है कि देश-दुनिया के कई इलाकों में सूखा पड़ रहा है।

ये सब प्राकृतिक असंतुलन के कारण हो रहा है। आज हमें अपने आपको बदलने की जरूरत है, प्रकृति को नहीं। हम सबके जीवन का आधार हमारी प्रकृति को सुरक्षित रखना हम सबके हाथ में है। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक साल 3 अक्टूबर को विश्व प्रकृति दिवस मनाया जाता है। हम छोटे-छोटे प्रयासों के द्वारा पर्यावरण को संरक्षित करने में सहयोग कर सकते हैं।

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