हैदराबाद के एक इमारत में आग लगने से 8 बच्चों समेत 17 की मौत
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
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दराबाद के चारमिनार के पास गुलजार हाउस की एक इमारत में भीषण आग लगने की घटना सामने आई है। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने घटना को लेकर दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने घटना को लेकर वरिष्ठ अधिकारियो को इमारत में फंसे लोगों को बचाने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
घटनास्थल पर कई लोग मिले बेहोश
अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, सुबह करीब 6.30 बजे उन्हें फोन कॉल के माध्यम से आग लगने की सूचना मिली, जिसके बाद वे तुरंत मौके पर पहुंचे। इस दौरान घटनास्थल पर कई लोग बेहोश पाए गए। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। आग लगने की घटना के बाद केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और हादसे की जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए हैं।
20 लोग अस्पताल में भर्ती
घटनास्थल पर मौजूद असदुद्दीम ओवैसी की पार्टी AIMIM के एक विधायक ने मीडिया को बताया कि शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार करीब 20 लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। सीएमओ की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाने और उचित चिकित्सा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
PM मोदी ने जताया दुख
आग लगने की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने कहा, “हैदराबाद, में आग लगने की घटना में लोगों की मौत से बहुत दुखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” पीएम मोदी ने मुआवजे का एलान कर कहा, “प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।”
हैदराबाद में रविवार सुबह गुलजार हाउस नामक इमारत भीषण आग की चपेट में आ गयी। ये हादसा इतना गंभीर था कि इसने 17 लोग की जान ले ली, इसमें 8 बच्चों की भी जान चली गई। एक चश्मदीद ने बताया कि आग मुख्य रूप से इमारत के पिछले हिस्से में लगी थी।
इस हादसे के चश्मदीद जाहिद ने इमारत में फंसे लोगों को बचाने के लिए स्थानीय लोगों के प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “हम मेन गेट से इमारत में दाखिल नहीं हो सकते थे क्योंकि यह हिस्सा आग की लपटों से घिरी हुई थी, इसलिए हमने अंदर जाने के लिए शटर तोड़ दिया। फिर हम में से पांच से छह लोग दीवार तोड़कर पहली मंजिल में घुसे। लेकिन पूरी जगह आग की लपटों में घिर चुकी थी। पुलिस और दमकलकर्मियों ने अच्छा काम किया और पूरा सहयोग किया। लेकिन भीषण आग के कारण हम लोगों को नहीं बचा सके।”
‘आग इतनी भीषण थी की…’
उन्होंने कहा, “आग मुख्य रूप से घर के पीछे लगी थी और वहां तक पहुंचने के लिए कोई पिछला दरवाजा नहीं था… सभी मृतक एक ही परिवार के सदस्य थे… हां, दमकल गाड़ियां थोड़ी देर से पहुंचीं, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि वह (दमकल कर्मी) पहली मंजिल तक नहीं पहुंच सके।”
फायर ब्रिगेड विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आग की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लगी। तेलंगाना आपदा प्रतिक्रिया और अग्निशमन सेवा के महानिदेशक वाई नागी रेड्डी ने बताया कि सभी 17 लोगों की मौत का कारण धुंआ अंदर लेना था, “किसी को भी जलने की चोट नहीं आई।”
मृतकों की लिस्ट में कई बच्चों का भी नाम
तेलंगाना अग्नि आपदा प्रतिक्रिया आपातकालीन और नागरिक सुरक्षा द्वारा जारी 17 मृतकों की लिस्ट में 10 वर्ष से कम उम्र के आठ बच्चों के नाम शामिल हैं। सूची में सबसे कम उम्र के बच्चे की पहचान प्रथन (1.5 वर्ष) के रूप में हुई है। सात अन्य बच्चों की पहचान हमी (7), प्रियांश (4), इराज (2), आरुषि (3), ऋषभ (4), अनुयान (3) और इद्दू (4) के तौर पर हुई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह आग में हुई जानमाल की हानि से “बहुत दुखी” हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।