महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का विवाहोत्सव धूम धाम से मनाया जायेगा।

महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का विवाहोत्सव धूम धाम से मनाया जायेगा।

श्री नारद मीडिया, उत्तम कुमार, दारौंदा, सिवान, (बिहार )।

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सिवान जिला के सभी प्रखंडो सहित  विभिन्न क्षेत्रों में
महाशिवरात्रि का परम पावन पर्व फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी बुधवार को मनाई जायेगी।

हिन्दू पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी बुधवार को दिन में 9 बजकर 19 मिनट से शुरू होकर 27 फरवरी गुरुवार को दिन में 08 बजकर 9 मिनट तक रहेगी।

पण्डित नितेश पाण्डेय ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन बगौरा के शिवाला मंदिर में बाबा उमानाथ का विशेष पूजन अर्चन एवं अभिषेक दूध, दही, घी, मधु और शक्कर से किया जायेग और शाम में बाबा भोलेनाथ का विधि विधान से विवाहोत्सव मनाया जायेगा। इसमे सभी श्रद्धालुओं का काफी सहयोग रहता हैं।

उन्होंने कहा कि शिवरात्रि पर महादेव की पूजा उपासना करने पर सभी तरह के सुख और वैभव की प्राप्ति होती हैं। फाल्गुन माह में पड़ने वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्त्व होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव ज्योतिलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एवं परम्परा के सम्मिलित स्वरूप के मानते हुए महाशिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था। इस कारण से फाल्गुन मास की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता हैं।
महाशिवरात्रि पर जो लोंग व्रत रखते हैं और शिव-पार्वती की विधि विधान से पूजन-अर्चन करते हैं। उनपर भोलेनाथ की कृपा सदा बनी रहती है तथा दाम्पत्य जीवन मे मधुरता आती हैं।

भोलेनाथ को पूजन के समय दूध, दही, घी, मधु, मीठा,पंचामृत,गंगाजल,दूब, फूल, बिल्वपत्र, भांग, धतूर, शमीपत्र, अक्षत, चावल, चन्दन, रोली,धूप, दीप, कपूर, फल और मिठाई आदि अर्पित करें।

इस दिन महामृत्युंजय मन्त्र का जप, ॐ नमः शिवाय मन्त्र का जप और पार्थेश्वर पूजन करना चाहिए।
जिससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती हैं।

महाशिवरात्रि व्रत का पारण :- 27 फरवरी गुरुवार को सुबह 08 बजकर 09 मिनट के पहले ही कर लिया जायेगा।

प्रदोष व्रत :- 25 फरवरी मंगलवार को किया जायेगा। भौम प्रदोष के करने से ऋण से छूटकारा मिलती हैं।

स्नान दान की अमावस्या :- 28 फरवरी शुक्रवार को हैं।

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