अचला एकादशी व्रत 23 मई शुक्रवार को।
श्री नारद मीडिया, दारौंदा, सिवान, बिहार।
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सिवान जिला के सभी प्रखंडो सहित दारौंदा प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में अचला एकादशी व्रत 23 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी।
एकादशी व्रत, जिसे अपरा एकादशी भी कहा जाता है, 23 मई 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह एकादशी ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की होती है और इसे पापों का नाश करने वाली एकादशी माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पूजन विधि:
व्रती को एक दिन पहले यानी दशमी को सात्विक भोजन कर लेना चाहिए और रात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए सोना चाहिए। एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा पीले वस्त्र पहनकर करें। पूजा में तुलसी, पीले फूल, धूप, दीप, चंदन और पंचामृत का प्रयोग करें।
भगवान विष्णु को केले का भोग लगाएं और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। दिनभर उपवास रखें, यदि संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं। शाम को विष्णु सहस्त्रनाम या श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना शुभ होता है। रात्रि में जागरण करें और द्वादशी के दिन ब्राह्मण या गरीबों को अन्न, वस्त्र और दान दें। फिर व्रत का पारण करें।
महत्व:
अचला एकादशी का व्रत करने से पूर्व जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इस व्रत से व्यक्ति को वही पुण्य फल प्राप्त होता है जो गंगा स्नान, सूर्यग्रहण पर दान और स्वर्णदान से मिलता है। यह व्रत विशेष रूप से न्याय, यश और सफलता की प्राप्ति के लिए फलदायी माना गया है।
इस प्रकार श्रद्धा और नियमपूर्वक किया गया अचला एकादशी व्रत जीवन में शुभता और शांति लाता है।