सावन की अंतिम सोमवारी पर बगौरा के शिवाला उमानाथ मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का भीड़ व संध्या में हुई भव्य श्रृंगार।

शिवाला के उमानाथ मंदिर में पूजन अर्चन करते श्रद्धालु।

सावन की अंतिम सोमवारी पर बगौरा के शिवाला उमानाथ मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का भीड़ व संध्या में हुई भव्य श्रृंगार।

श्रीनारद मीडिया, दारौंदा, सिवान, (बिहार)।

सिवान जिला के दारौंदा प्रखण्ड के बगौरा गांव स्थित ऐतिहासिक शिवाला उमानाथ मंदिर में सावन की अंतिम सोमवारी के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अहले सुबह से ही महिलाएं, पुरुष एवं युवा भक्त शिवभक्ति में लीन होकर बाबा उमानाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए मंदिर पहुंचने लगे। पूरा वातावरण “हर-हर महादेव” और “बोल बम” के नारों से गूंज उठा।

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बाबा उमानाथ का श्रृंगार करते भक्त।

श्रावण मास की अंतिम सोमवारी को लेकर मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया था। भक्तों ने गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, पुष्प और फल आदि अर्पित कर भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया। भक्तजन नंगे पांव कतारबद्ध होकर बाबा उमानाथ के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। भीड़ को देखते हुए स्थानीय स्वयंसेवकों ने व्यवस्था संभाली और जलाभिषेक की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा।

संध्या काल में बाबा उमानाथ का भव्य श्रृंगार किया गया। बाबा को चंदन, तरह-तरह के फूलों और विल्वपत्रों से विशेष रूप से सजाया गया, जिससे पूरा मंदिर प्रांगण दिव्य आलोक से जगमगा उठा। श्रृंगार दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया। मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया गया, जिसमें महिलाओं और युवाओं की भागीदारी रही।

बाबा जीतेश्वरनाथ का श्रृंगार।

श्रद्धालुओं का मानना है कि सावन की सोमवारी पर बाबा उमानाथ का दर्शन एवं जलाभिषेक करने से जीवन में सुख, शांति और आरोग्यता प्राप्त होती है। ग्रामीणों के अनुसार, यह मंदिर वर्षों पुराना है और यहाँ की मान्यता है कि बाबा की सच्चे मन से पूजा करने से मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं।

सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर पूरे गाँव में भक्तिमय माहौल बना रहा, जो शिवभक्तों की अटूट श्रद्धा का प्रतीक है।

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