प्रदोष और शिवरात्रि व्रत 19 सितंबर शुक्रवार को श्रद्धा, भाव से मनाया जायेगा।श्रीनारद मीडिया, दारौंदा, सिवान (बिहार)।
सिवान जिला सहित दारौंदा प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में 19 सितंबर शुक्रवार को आश्विन मास की शिवरात्रि एवं प्रदोष व्रत बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाएगा।
यह पर्व भगवान शिव को समर्पित विशेष धार्मिक अवसर है, जिसे हिन्दू धर्मावलम्बी अत्यंत भक्तिभाव से अन्न, जल, फल एवं बेलपत्र अर्पित करके मनाते हैं। आश्विन मास की शिवरात्रि विशेष रूप से महात्म्यपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव का विशेष पूजन-अर्चन करने से समस्त पाप समाप्त होते हैं और जीवन में सुख, शांति, समृद्धि व स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
इस वर्ष आश्विन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि का पर्व पड़ रहा है, जिसे ‘मासिक शिवरात्रि’ के नाम से भी जाना जाता है। श्रद्धालु सुबह से व्रत रखकर दिनभर भगवान शिव का ध्यान एवं पाठ करते हैं। रात्रि में विशेष पूजन-अर्चन के साथ भोलेनाथ का जलाभिषेक, पंचामृत से स्नान कर उनके समक्ष मंत्र जाप किया जाता है। बेलपत्र, धतूरा, चंदन, दूर्वा, सिंदूर आदि विशेष सामग्री का प्रयोग पूजन में किया जाता है।
साथ ही, प्रदोष व्रत का भी विशेष महत्व है। यह व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन संध्या समय में भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर होते हैं तथा आर्थिक और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत में व्रती संकल्प कर विधिपूर्वक उपवास रखते हैं तथा शिवलिंग पर दूध, जल, घी आदि अर्पित करते हैं।
शिवरात्रि और प्रदोष व्रत के अवसर पर मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। लोग पूरे दिन उपवास रखते हुए श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की उपासना में लीन रहते हैं।