शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन शैलपुत्री माता की हुई पूजा।
श्रीनारद मीडिया, दारौंदा, सिवान (बिहार)।
सिवान जिला सहित दारौंदा प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप यानि मां शैलपुत्री की षोडशोपचार विधि से पूजन शुरू हुई।
वही विभिन्न पूजन पंडालों, मंदिरों सहित श्रद्धालुओं ने अपने अपने घरों में कलश स्थापित कर माता रानी की पूजा विधि विधान से की।
शारदीय नवरात्रि 22 सितम्बर सोमवार से प्रारंभ होकर 2 अक्टूबर विजया दशमी को समाप्त होगी। इस दौरान
आदि महाशक्ति भगवति दुर्गा के नव रूपों का क्रमशः पूजन अर्चन भक्त करेंगे।
वही बगौरा पंचायत के विभिन्न पूजा पंडालों में ब्राह्मणों द्वारा शुभ मुहूर्त में विधिवत् मंत्रोच्चार के द्वारा कलश स्थापन के साथ पूजन अर्चन शुरू हुई।
आपको बताते चलें कि इस बार माँ का आगमन हाथी पर हुआ हैं, जो सुख समृद्धि व अतिवृष्टि का सूचक हैं।
नवरात्र के प्रथम दिन माता के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन अर्चन षोडशोपचार से करके विषेश नैवेद्य के रूप में श्रद्धालुओं ने घी चढ़ाया।
इससे रोगों से मुक्ति मिलती हैं।
आदि शक्ति के इस स्वरूप को सौम्यता,करुणा, स्नेह और धैर्य का प्रतीक माना जाता हैं।
देवी कृपा से व्यक्ति सदा धन – धान्य से सम्पन्न रहता हैं।