
दीपावली 20 अक्टूबर सोमवार को, करें स्थिर लग्न में लक्ष्मी-गणेश की पूजा।
श्रीनारद मीडिया, दारौंदा, सिवान, (बिहार)।
सिवान जिला सहित दारौंदा प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में
दीपावाली का परम पवित्र पर्व 20 अक्टूबर सोमवार को मनाया जायेगा।
पंचाग के अनुसार दीपावली हर वर्ष कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती हैं। दिवाली को दीपों का पर्व भी कहा जाता हैं। यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं।
इस दिन अयोध्यावासियों ने अपने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के लौटने की ख़ुशी में अपने घरों और पूरे शहर को दीयों से सजाया था।
दिवाली का त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता हैं, जिसकी शुरूआत धनतेरस से होती हैं और समापन भैया दूज को होता हैं।
दीपावली शब्द:- ‘दीप’ और ‘आवली’ से मिलकर बना है यह संस्कृत भाषा के शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ का होता है “दीपों की श्रृंखला”।

दीपावली के दिन हर घर में सम्पन्नता, धन,सुख- समृद्धि की प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती हैं तथा प्रतिष्ठानों में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश के साथ साथ धन के देवता कुबेर और खाता बही की पूजा विधि विधान से करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लक्ष्मी पूजन में :-
पांच पीली कौड़ी, पांच खड़ा हल्दी, पांच गोमती चक्र, पांच सुपारी, खड़ा धनियां, को मां लक्ष्मी,भगवान गणेश के पास पूजन के समय रखें और दूसरे दिन लेकर लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या गल्ला में रख दें। जिससे धन और समृद्धि में वृद्धि होती हैं।
माता लक्ष्मी को क्या – क्या चढ़ाएं:-
लक्ष्मीजी को कमल का फूल, मखाना, पानी फल, पानीवाला नारियल, ईख, अनार, बतासा, खीर, हलुआ, पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर, पान और गणेश जी को मोदक (लड्डू) अर्पित करें।
माता लक्ष्मी जी की कृपा हमेशा घर पर बनी रहे इसके के लिए उनके समक्ष नौ या एक चौमुखी घी का दीपक जलाएं।
दीपावली पूजन के लिए शुभ मुहूर्त है:-
1.स्थिर लग्न वृश्चिक सुबह 08:26 से 10:43 बजे तक।
2.स्थिर लग्न कुंभ दोपहर 02:36 से 04: 07 बजे तक।
3. स्थिर लग्न वृष शाम 07:08 से 09:04 बजे तक।
4.स्थिर लग्न सिंह रात में 1: 36 से 3:50 बजे तक।
शेष रात्रि भोर में सूप बजाकर दरिद्र का निस्सारण एवं लक्ष्मी का पदार्पण कराया जायेगा।


