53 वर्षीय महिला ने 33 साल बाद शुरू की पढ़ाई, 12वीं में किया टॉप
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क*
राजस्थान के झुंझुनूं जिले की 53 साल की भंवरी शेखावत सैकेंड ईयर की छात्रा हैं. भंवरी शेखावत पंडित दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी सीकर से गेजुएशन कर रही हैं. झुंझुनूं की भंवरी शेखावत ने एक बड़ा संदेश दिया है. कुछ सीखने की चाह हो तो उम्र बाधा नहीं हो सकती. भंवरी कहती हैं कि शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती है.
जब मेहनत की लगन हो और लक्ष्य प्राप्त करने का जोश हो तो कुछ भी किया जा सकता है. 53 साल की भंवरी भंवरी ने 51 साल की उम्र में 12वीं बोर्ड परीक्षा न सिर्फ पास किया, बल्कि पूरे राजस्थान में सबसे ज्यादा नंबर भी लाए. 12वीं की परीक्षा देने के लिए उन्होंने 33 साल बाद फिर से पढ़ाई शुरू की. 2 साल पहले 12वीं का रिजल्ट देख भंवरी के पति को तरह से शॉक लग गया था.
राजस्थान में सबसे अधिक नम्बर मिलने पर भंवरी शेखावत को मीरा अवार्ड से सम्मानित भी किया गया है.
झुंझुनूं के विवेक नगर में रहने वाली भंवरी शेखावत गृहिणी हैं. भंवरी के पति सुरेन्द्र सिंह शेखावत झुंझुनूं डीजे कोर्ट में वकील हैं. भंवरी शेखावत ने 1986 में महाराष्ट्र बोर्ड से 10वीं कक्षा पास की थी.
दसवीं पास करने के बाद ही शादी हो गई. शादी के बाद झुंझुनूं आ गईं. भंवरी शेखावत बताती हैं कि यहां से हालात और माहौल नहीं था कि आगे की पढ़ाई जारी रख सकें. लेकिन पढ़ने की ललक उनमें थी. आगे की पढ़ाई करना चाहती थी. सुसराल की स्थितियां अनुकुल नहीं होने के कारण अपनी इच्छाओं को दबा दिया. पढ़ नहीं सकी, लेकिन मन था कि मैं ग्रेजुएशन जरूर करूंगी.
33 साल बाद पढ़ाई शुरू की
भंवरी शेखावत ने करीब 33 साल पहले पढ़ाई छोड दी थी. महाराष्ट्र बोर्ड से 1986 में दसवीं कक्षा पास की थी. भंवरी बताती हैं कि उनको किताबों से बहुत लगाव था. भंवरी के पति सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि भंवरी की इच्छा थी कि वह ग्रेजुएशन करें. इसके बाद 2019 में ऑपन बोर्ड से उसने फार्म भर दिया.
पढ़ाई छोडे़ हुए करीब 33 साल हो चुके थे, लेकिन भंवरी घर का काम भी करती और पढ़ाई भी करती. उसने दसवीं की किताबों को पढ़ना शुरू किया. भंवरी बहुत सिरियस होकर पढ़ाई कर रही थी. वह हर रोज घर का पूरा काम कर दोपहर में तीन चार घंटे की पढ़ाई करती थी.
परिवार को नहीं था विश्वास भंवरी हो जाएगी पास
भंवरी बताती है कि उसने ऑपन बोर्ड से फार्म तो भर दिया था, लेकिन पति सहित परिवार के किसी भी व्यक्ति को विश्वास ही नहीं था कि मैं परीक्षा पास करुंगी. जब किसी को बताया गया कि मैं अब 51 साल की उम्र में दसवीं की पढ़ाई कर रही हूं तो लोगों ने कहा कि अब क्या करोगी बुढ़ापे में दसवीं कर, अब कैसे पढ़ाई करोगी. इस उम्र में पढ़ाई होती है क्या, ऐसे लोग बोलते थे. इन बतों से हिम्मत टूटने की बजाएं, भंवरी कहती मेरे में जोश पैदा हो गया.
जब 2020 में रिजल्ट आया तो सब चौंक गए. भंवरी ने राजस्थान में टॉप कर दिखा दिया. रिजल्ट देखकर भंवरी ने कहा कि उसको पक्का विश्वास हो गया था कि मेहनत और लगन का कोई शॉर्टकट नहीं है. इसके बाद भंवरी ने प्राइवेट ही ग्रेजुएशन करने का आवेदन कर दिया. भंवरी शेखावत ग्रेजुएशन का प्रथम वर्ष पास कर चुकी है, अब सैकेंड ईयर की पढ़ाई कर रही हैं.
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