Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
6 महीने की कृति अब बिखेरेगी मुस्कान,आरबीएसके ने इलाज के लिए भेजा - श्रीनारद मीडिया

6 महीने की कृति अब बिखेरेगी मुस्कान,आरबीएसके ने इलाज के लिए भेजा

6 महीने की कृति अब बिखेरेगी मुस्कान,आरबीएसके ने इलाज के लिए भेजा

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया‚ विक्की बाबा‚ मशरक‚ सारण (बिहार)

मशरक (सारण) कल तक जिस मासूम के चेहरे पर दर्द और मां पिता के चेहरे पर मायूसी और चिंता की लकीरें होती थीं, आज वह खुशियों से दमक रहे हैं।यह संभव हुआ मशरक सीएचसी प्रभारी डॉ अनंत नारायण कश्यप और आरबीएसके चिकित्सकों के प्रयासों से।मामला है कि मशरक थाना क्षेत्र के कवलपुरा गांव निवासी सुनील राय और मीना देवी की 6 महीने की पुत्री कृति कुमारी के होठ नाक के पास फटे अवस्था में जन्म से ही थे पर परिवार के लोग गरीबी की वजह से इलाज कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहें थें।

इसी बीच कृति को बुखार होने पर माता पिता के द्वारा इलाज के लिए सीएचसी में लाया गया जहां प्रभारी चिकित्सक डॉ अनंत नारायण कश्यप ने बच्ची का इलाज किया और होठ कटे का बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया। इस प्रकार का पहल उन माता पिता के लिए भी वरदान साबित हो गया।प्रभारी डॉ अनंत नारायण कश्यप ने बताया कि बच्चों के होंठ व तालु जन्म से विकृति हैं।

 

तो उनकी सर्जरी सरकार द्वारा बिलकुल मुफ्त में की जाएंगी। उन्होंने कहा कि आरबीएसके की टीम से ऐसे मरीजों को इस सेवा का सीधा लाभ मिलेगा जो जन्मजात कटे फटे होंठ एवं तालु की समस्या से ग्रसित हैं। चिकित्सक की मानें तो होंठ व तालु के कटने की विकृति दो तरह की होती है। पहली आनुवांशिकी और दूसरी गर्भकाल के कारण। ऐसे में शिशु दिनोंदिन कमजोर और बीमार होते जाते हैं। उनमें सामान्य बच्चों की तरह खेलने कूदने की ताकत नहीं होती। वे होंठ या तालु के कटने के बाद मां के दूध को ताकत लगाकर नहीं खींच पाते, जिससे भूखे रहते हैं। सांस ज्यादा खींचने से पेट में हवा भर जाता है। जिससे बच्चों का पेट फूला हुआ रहता है। ऐसे विशेष बच्चों का इलाज सरकार द्वारा उच्च संस्थानों में कराया जा रहा है। जिससे बच्चों के माता-पिता को अतिरिक्त खर्च वहन नही करना पड़ता हैं।

यह भी पढ़े

देश में हर रोज दुष्‍कर्म के 77 केस, प्रतिदिन 80 हत्याएं-राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो.

क्या प्रतिदिन औसतन 65 लाख टीके लगाए जा रहे?

उम्रकैद मतलब आजीवन कठोर कारावास-सुप्रीम कोर्ट.

पिछले 24 घंटे में कोरोना के 27176 मामले दर्ज किए गए हैं और 284 मौतें हुई हैं।

Leave a Reply

error: Content is protected !!