LJP के 71 पदाधिकारियों ने पशुपति पारस को चुना राष्ट्रीय अध्यक्ष.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

लोकसभा में लोजपा के संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद अब रामविलास पासवान के भाई व सांसद पशुपति कुमार पारस ने लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर भी कब्जा जमा लिया है. गुरुवार को पटना के कंकड़बाग स्थित लोजपा के सांसद चंदन सिंह व पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के आवास पर पारस गुट की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गयी.

करीब पौने एक बजे दोपहर से बैठक शुरू हुई. लगभग दो घंटे के बाद पशुपति कुमार पारस को निर्विरोध लोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया. बैठक में सांसद महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और पारस मौजूद रहे. पारस गुट की ओर से बताया गया कि बैठक में विभिन्न प्रदेशों व जिलों से आये 71 कार्यकारिणी सदस्यों ने समर्थन किया और बगैर किसी विवाद के सबने सर्व सम्मति से पारस को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया है.

रविवार-सोमवार की रात हुआ था तख्तापलट

पिछले रविवार की शाम से ही लोजपा में कलह शुरू हो गई थी. सोमवार को चिराग पासवान को छोड़ बाकी पांचों सांसदों ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई और हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस को संसदीय बोर्ड का नया अध्यक्ष चुन लिया. इसकी सूचना तत्काल लोकसभा स्पीकर को भी दे दी गई। सोमवार शाम तक लोकसभा सचिवालय से उन्हें मान्यता भी मिल गई थी.

प्रिंस राज नहीं पहुंचे, चंदन बने प्रस्तावक- पारस गुट की ओर से आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारस के भतीजे व सांसद प्रिंस राज ने भाग नहीं लिया. पार्टी की ओर से कहा गया कि खराब तबियत के कारण प्रिंस पटना नहीं आ पाये. उन्होंने अपने समर्थन का पत्र भेज दिया था. मीडिया से बात करते हुए पूर्व सांसद सूरजभान ने कहा कि प्रिंस राज ने समर्थन भेज दिया है. पार्टी में कोई इफ-बट नहीं है. वहीं, बैठक की शुरुआत के बाद कार्यवाही शुरू की गयी. पारस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने को लेकर सांसद चंदन सिंह की ओर से प्रस्ताव दिया गया.

लोक जनशक्ति पार्टी के बागी नेताओं की बैठक में रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है. बताया जा रहा है कि पशुपति पारस को कार्यकारिणी के 71 सदस्यों ने अध्यक्ष चुना है. पशुपति पारस इससे पहले लोजपा संसदीय दल के नेता चुने गए थे.

बता दें कि लोजपा में बगावत के बाद पशुपति पारस (pashupati paras) ने कहा था कि पार्टी में वन पर्सन-वन पोस्ट का सिद्धांत लागू है. इसी वजह से चिराग पासवान से संसदीय दल के नेता का पद छीन लिया गया है. वहीं अब पशुपति पारस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राजनीतिक गलियारों में यह सवाल फिर से उठने लगा है.

लोजपा के इन पदों पर काबिज हैं पारस– पशुपति पारस वर्तमान में लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता हैं. वहीं आज वे पार्टी के बागी नेताओं द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुने गए हैं, जिसके बाद उनके पास लोजपा में दो पद हो गया. इतना ही नहीं पशुपति पारस रामविलास पासवान के दलित सेना के भी अध्यक्ष हैं.

सवाल पर क्या बोले पारस- वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पशुपति पारस ने कहा कि जब मैं सरकार में शामिल होऊंगा तो, संगठन का पद छोड़ दूंगा. लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि संसदीय दल का नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष आप स्वयं बन गए हैं, तो खीझते हुए पशुपति पारस ने प्रेस कांफ्रेंस छोड़ दी.

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