आखिर क्‍या है न्‍यू स्‍टार्ट डील, जिसका मुद्दा बाइडन और पुतिन के बीच भी छाया रहा?

आखिर क्‍या है न्‍यू स्‍टार्ट डील, जिसका मुद्दा बाइडन और पुतिन के बीच भी छाया रहा?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के बीच एक दशक बाद हुई बातचीत इस बात का सुबूत थी कि दोनों देशों के बीच माहौल इतना नहीं बिगड़ा है कि जिसे सुधारा न जा सके। इस मुलाकात का पूरी दुनिया इंतजार भी कर रही थी और इस पर सभी की निगाहें थीं। दोनों की मुलाकात के बाद जो साझा बयान जारी हुआ वो भी काफी कुछ सुकून देने वाला ही था।

आपको बता दें कि मुलाकात से पहले तक इस शिखर वार्ता को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। मुलाकात के दौरान भी कुछ ऐसा देखने को मिला जिसको देखकर सब कुछ ठीक न होने की रिपोर्ट मीडिया में आईं, लेकिन अंत सुखद ही रहा। दोनों देशों ने बेहद सूझबूझ के साथ न सिर्फ अपनी बात रखी बल्कि दूसरे की बात सुनी भी। दोनों इस बात पर भी राजी हुए कि तनाव को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए और इस संबंध में आगे भी कदम उठाने होंगे।

बाइडन और पुतिन की स्विटजरलैंड में हुई मुलाकात में कई मुद्दों पर बात हुई। इनमें से एक मुद्दा बेहद खास था जिसको पूरी दुनिया न्‍यू स्‍टार्ट डील (New Strategic Arms Reduction Treaty) के नाम से जानती है। ये डील 8 अप्रैल 2010 में इन दोनों देशों के बीच उस वक्‍त हुई थी जब बाइडन अमेरिका के उपराष्‍ट्रपति थे और पुतिन रूस के प्रधानमंत्री थे। पेराग्‍वे में हुई इस डील पर अमेरिका की तरफ से तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति बराक ओबामा और रूस की तरफ से राष्‍ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने हस्‍ताक्षर किए थे।

इस डील ने ट्रीटी ऑफ मास्‍को (एसओआरटी) की जगह ली थी, जो वर्ष 2012 में खत्‍म हो गई। न्‍यू स्‍टार्ट डील फरवरी 2011 में लागू हुई थी। इस डील के तहत दोनों के बीच रणनीतिक परमाणु हथियारों, बमवर्षकों और मिसाइलों की संख्‍या को सीमित रखने पर सहमति बनी थी। इसके तहत दोनों में से कोई भी देश 1550 से अधिक हथियारों को तैनात नहीं कर सकते थे।

इस मुलाकात के दौरान राष्‍ट्रपति पुतिन ने हथियारों पर नियंत्रण के मामले में बाइडेन के मूल्यांकन का जिक्र करते हुए कहा कि उनके विचार में राष्ट्रपति बाइडेन ने सही वक्त पर एक जिम्मेदाराना कदम उठाया है और न्यू स्टार्ट डील की समयसीमा को बढ़ाकर पांच साल किया है। उनके मुताबिक अब ये डील 5 फरवरी 2026 तक लागू रहेगी।

इस डील के तहत अनडिप्‍लॉएड आईसीबीएम लॉन्‍चर सबमरीन लॉन्‍च बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्‍चर और हैवी बॉम्‍बर की संख्‍या को सीमित कर 800 तक किया गया था और डिप्‍लॉएड के लिए ये संख्‍या 700 रखी गई थी। इस डील में सेटेलाइट और रिमोट मॉनिटरिंग के साथ दोनों देशों की प्रति वर्ष 18 बार ऑनसाइट्स जांच करने की भी छूट दी गई थी।

स्विट्जरलैंड में दो सत्रों में करीब साढ़े तीन घंटे हुई अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से वार्ता कई मायनों में लाभदायक रही। दोनों देश परमाणु हथियार नियंत्रण संधि को पुनर्जीवित करने के लिए बातचीत शुरू करेंगे। इससे दुनिया से परमाणु हथियारों का खतरा कम होगा। दोनों देश संबंध सुधार की दिशा में कदम उठाते हुए एक-दूसरे के देशों में राजदूतों की पुन: नियुक्ति भी करेंगे। अमेरिका ने यूक्रेन समेत कई मसलों पर रूसी रुख के विरोध में अप्रैल में अपने राजदूत को मॉस्को से बुला लिया था। बाद में रूस ने भी जवाबी कदम उठाया था।

18 वीं सदी के ला-ग्रैंजे मेंशन में हुई दोनों ताकतवर नेताओं की वार्ता के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन मीडिया के सामने पहले आए। उन्होंने वार्ता को फलदायी, ठोस और मौलिक बताया। लेकिन पुतिन को यह खला कि बाइडन ने उन्हें अपने कार्यालय व्हाइट हाउस में आमंत्रित नहीं किया। बाइडन को भी क्रेमलिन आने का न्योता नहीं दिया गया है। पुतिन ने बताया कि बाइडन से उनकी यूक्रेन के मुद्दे पर बात हुई। वहां पर हो रहे लोगों के उत्पीड़न पर चिंता जताई। लेकिन यूक्रेन को नाटो में शामिल किए जाने के मसले पर पुतिन ने कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि दोनों देश मिलकर साइबर सिक्युरिटी का फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए कार्य करेंगे।

नवलनी को जेल में डाले जाने से संबंधित सवाल पर पुतिन का जवाब

रूसी में विपक्षी नेता एलेक्सेई नवलनी को जेल में डाले जाने से संबंधित सवाल के जवाब में पुतिन ने कहा, उस व्यक्ति ने दो बार कानून का उल्लंघन किया है। इसलिए उस पर कार्रवाई हुई है। पत्रकारों के सवालों को अनसुना करते हुए पुतिन ने अमेरिका में अश्वेतों की हत्या और संसद भवन कैपिटल पर हमले की घटना को उठा दिया। कहा कि इन घटनाओं से उन्हें सहानुभूति है। वह नहीं चाहते हैं कि रूस में वैसी घटनाएं हों। पुतिन की यह पांचवें अमेरिकी राष्ट्रपति से वार्ता थी।

गड़बड़ी होने पर कार्रवाई होगी : बाइडन

बाद में मीडिया के सामने आए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने साफ कर दिया कि अगर उनके देश के चुनाव में दखलंदाजी हुई या खास जगहों पर साइबर अटैक हुए तो उसका खामियाजा रूस को भुगतना पड़ेगा। वह तीन बातें बताने के लिए रूसी राष्ट्रपति से मिले थे। पहली- रूस अब कोई गलती न करे, न ही किसी गलतफहमी में रहे। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के खिलाफ कोई कार्य न करे। दूसरी-आपसी हित और वैश्विक हित के कार्य दोनों देश मिलकर करें। तीसरी- हम रूस के खिलाफ बिल्कुल नहीं हैं। हमारी सरकार अमेरिकी लोगों के हितों के साथ है।

बाइडन ने वार्ता में रूस में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मसला उठाया

बाइडन ने पुतिन से वार्ता में रूस में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मसला उठाया। विपक्षी नेता नवलनी को जेल में डालकर उनका उत्पीड़न करने का मामला भी उठाया। कहा कि मानवाधिकारों को उठाने की हमारी जिम्मेदारी है, हम इसे आगे भी उठाएंगे। चाहेंगे कि दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति को उसके अधिकार मिलें।

बाइडन ने पुतिन को दिए सनग्लास

पुतिन की रॉकस्टार वाली छवि के मद्देनजर बाइडन ने उन्हें पायलटों द्वारा पहने जाने वाले एविएटर सनग्लास का एक पेयर दिया। साथ ही कांच का बनी अमेरिकी भैंसे की अनुकृति भी उपहार में दी।

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